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7 साल का सश्रम कारावास की सजा घोटाले बाज बीईओ को

बैढ़न में पदस्थ था बीईओ, प्रभारी प्राचार्य रहते हुये वर्ष 2015 में करीब पॉच लाख रूपये किया था धोखाधड़ी

शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रजमिलान में वर्ष 2015 में प्रभारी प्राचार्य के पद पर पदस्थ रामदास साके त पिता रामधनी साकेत मूल निवासी पीटीएस चौराहा रीवा ने एक मार्च 2015 से 26 जून 2015 के बीच विद्यालय की रकम करीब 4 लाख 94 हजार 300 रूपये राशि निकाल कर अपने उपयोग में कर लिये जाने के मामले में शिकायत उपरांत जांच प्रतिवेदन के आधार पर माड़ा थाना में अपराध दर्ज हुआ था।

जहां आज द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश मुख्यालय पाण्डेय पीठासीन अधिकारी वारीन्द्र कुमार तिवारी के द्वारा घोटालेवाज बीईओ के खिलाफ 7 साल का मूल सश्रम कारावास एवं 55 हजार रूपये से अर्थ दण्ड से दण्डित किया गया है। यह फैसला आज दिन सोमवार की सुबह सुनाया गया है। इस दौरान बैढ़न बीईओ को गिरफ्तार कर लिया था। जहां उक्त मामले की पैरवी जीपी एडवोकेड बालमुकु न्द्र शाह ने किया था।

दरअसल हुआ यूॅ था कि वर्ष 2015 में तत्कालीन शाउमा विद्यालय रजमिलान के प्रभारी प्राचार्य रामदास साकेत ने शासकीय राशि करीब 4 लाख 94 हजार 300 की रकम को एसबीआई शाखा रजमिलान से कुल 15 चरणों में बेईमानी पूर्वक आहरित कर अपने उपयोग में ला लिया था। जिसकी शिकायत होने पर 28 सितम्बर 2015 को तत्कालीन डीईओ रणमत सिंह ने शाउमा विद्यालय जयंत के द्वारा कलेक्टर रके निर्देश पर जांच टीम के अध्यक्षता तत्कालीन प्राचार्य जगदीश व सदस्य तत्कालीन बीईओ केपी चतुर्वेदी, वरिष्ठ ऑडिटर कुमुद कुमार शुक्ला एवं वरिष्ठ ऑडिटर मनसुख लाल कोल से जांच कराया गया था।

 

आरोप सही होने पर प्राचार्य जगदीश सिंह ने माड़ा थाना में प्रभारी प्राचार्य रामदास साकेत के विरूद्ध लिखित रिपोर्ट दिये जाने के बाद माड़ा पुलिस ने प्रभारी प्राचार्य के विरूद्ध भादवि की धारा 420, 409 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया था। जहां मामला न्यायालय में पहुंचने के उपरांत तत्कालीन पीठासीन अधिकारी द्वारा सुनवाई की गई थी। वही अभियोजन की ओर से 11 साक्षियों का परिक्षण कराया गया। जहां आरोप सही पाया गया । उक्त मामले की सुनवाई द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश वारीन्द्र कुमार तिवारी जिला सिंगरौली के द्वारा की जा रही थी कि आज अपर सत्र न्यायाधीश के द्वारा घोटालेवाज वर्तमान बैढ़न के बीईओ रामदास साकेत के खिलाफ भादवि की धारा 420 में पॉच वर्ष एवं धारा 409 में 7 वर्ष का मूल सश्रम कारावास एवं 55 हजार रूपये अर्थ दण्ड से अधिरोतिप किया गया है।

पहले भी जमानत पर रिहा हो चुका है बीईओ
घोटालेवाज वर्तमान बीईओ पहले भी गिरफ्तार हो चुका है। जमानत पर 20 मार्च 2016 को रिहा हो चुका था। शिकायतकर्ताओं ने बीईओ पर कई गंभीर आर्थिक अनियमितता किये जाने का आरोप लगाया था। जहां जांच टीम के द्वारा कई आरोप पाया था। इस दौरान यह भी आरोप था कि वर्ष 2009 में कैशबुक एवं बिल का संधारण नही किया गया था। इसके अलावा बीईओ अन्य कई आरोपो से घिरा रहा है। वही आज जैसे ही बीईओ के खिलाफ सजा का फैसला आया शिक्षा जगत में हड़कंप मच गया है।

बीईओ दफ्तर के कई कर्मचारी नदारत
जानकारी के अनुसार आज बहुचर्चित घोटालेवाज बीईओ के खिलाफ 7 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाने के बाद सामने आते ही बीईओ दफ्तर में हड़कंप मच गया। उनके कई खास दफ्तर में अटैच शिक्षक महेश कोल, रामाधार, राजेन्द्र पनिका, बाबूलाल सहित अन्य दोपहर से ही गायब हो गये। जबकि उपस्थिति पंजी में इन सभी कर्मचारियों के हस्ताक्षर हैं। आरोप है कि बीईओ ने इन्हें शासन नियम के विपरित अपने दफ्तर में अटैच किया था। उक्त शिक्षक भी बीईओ के चहेते बने हुये थे। इनके भी कई कारनामे सामने आ रहे हैं।

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