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नाम का प्रतिबंधः जिले में रोजाना खप रही 100 किलो से अधिक अमानक पॉलीथिन…

नाम का प्रतिबंधः जिले में रोजाना खप रही 100 किलो से अधिक अमानक पॉलीथिन…

कार्रवाई के नाम पर औपचारिकता कर रहा हैं विभाग…

सीधी:- अमानक पॉलीथिन को प्रतिबंधित किया गया है, क्योंकि यह पर्यावरण के लिए तो नुकसानदायक है ही इसी के साथ कई बार मूक जानवर इसे निवाला बना लेते हैं जो उनके लिए जानलेवा साबित हो जाते हैं। लेकिन अमानक पॉलीथिन के उपयोग को लेकर प्रतिबंध का पालन कड़ाई से नहीं हो पा रहा है, जिसकी प्रमुख वजह अमानक प्लास्टिक के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव है तो वहीं कड़ाई से प्रतिबंध को लागू नहीं कराए जाने के कारण धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है। प्रतिबंध के बाद भी शहर में
बेरोकटोक सिंगल यूज प्लास्टिक उपयोग की जा रही है। दुकानदार, ग्राहक सब लापरवाह बने हुए है। नगर पालिका सख्ती नहीं कर रही है, जिस कारण सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति नहीं मिल पा रही है। स्थिति यह है कि शहर से लेकर गांव-गांव अमानक प्लास्टिक के ढेर दिखाई दे रहे हैं। गौरतलब है कि अमानक प्लास्टिक जहां पर्यावरण के लिए हानिकारक साबित हो चुकी है तो वहीं मूक जानवर कई बार इसे अपना निवाला बना लेते हैं जिससे उनकी जान पर बन आती है। यही कारण है कि न्यायालय द्वारा अमानक प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है।


बड़े स्तर पर बाजार में चल रहे अमानक प्लास्टिक
नगरपालिका द्वारा आए दिन अमानक प्लास्टिक की जब्ती के लिए कार्रवाई तो की जब्ती की जाती है, लेकिन जिस बड़े स्तर पर अमानक प्लास्टिक बाजार में बेचने से लेकर धड़ल्ले से इसका उपयोग किया जा रहा है, इससे निकायों द्वारा की जा रही कार्यवाही औपचारिक ही नजर आ रही है। शहर में बड़ी मात्रा में पॉलीथिन उपयोग की जा रही है, लेकिन इसे रोकने न तो जागरूकता अभियान चलाए जा रहे है और न ही कोई बड़ी कार्रवाई की जा रही है, सीएमओ मिनी अग्रवाल के मुताबिक अमानक पॉलीथिन की जब्ती की कार्रवाई की जा रही है। फुटकर एवं थोक व्यापारियों पर भी कार्यवाही की जा रही है।

 

कचरे में प्लास्टिक के ढेर
शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर में अमानक प्लास्टिक की मात्रा बहुतायत से देखी जा रही है। शहर के बीच बड़ी खाई में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक इस बात का प्रमाण है कि अमानक प्लास्टिक का उपयोग केरीबेग से लेकर विभिन्न सामग्रियों की पेकिंग में भी किया जा रहा है। बड़ी बात तो यह है कि आए दिन विभिन्न सरकारी आयोजनों के दौरान भी कई बार अमानक प्लास्टिक, प्लास्टिक से बनी सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। विभिन्न आयोजनों के बाद सड़कों पर सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे का ढेर लग जाता है।

 

थोक व्यापार पर अंकुश की जरूरत
जानकारों का कहना है कि निकायों द्वारा आमतौर पर छोटी दुकान, प्लास्टिक का उपयोग करने वाले फुटकर व्यवसाथियों पर कार्यवाही कर औपचारिकता निभाई जाती है, जबकि जानकारी अनुसार शहर में बड़ी संख्या में थोक दुकानों से अमानक प्लास्टिक बेची जा रही है। जिसमें केरीबेग से लेकर दोना, पत्तल, गिलास, चम्मच सहित अन्य सामग्री शामिल है, यदि थोक व्यापारियों पर कार्यवाही की जाती है तो पर्यावरण और मूक जानवरों के लिए खतरनाक मानी जाने वाली प्लास्टिक पर बहुत हद तक अंकुश लग सकता है। हालांकि कुछ सब्जी बाजार, सहित कुछ किराना दुकानदारों का कहना था कि ज्यादातर ग्राहक झोला लेकर नहीं आते है, उन्हें पॉलीथिन में रखकर सब्जियां नहीं दो तो वे सब्जियां ही नहीं खरीदते हैं।

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