सीधी

विभागाध्यक्षों से लेकर कलेक्टर की बैठकें सालों से लंबित…

विभागाध्यक्षों से लेकर कलेक्टर की बैठकें सालों से लंबित…

वर्ष में चार और हर तीन माह में परामर्शदात्री समिति की बैठक का है प्रावधान…

सीधी:- परामर्शदात्री समिति की बैठकों से सरकारी सेवकों की समस्या समाधान का चैनल बना था। वर्तमान में यह थमा सा नजर आ रहा है। राज्य स्तर पर विभागाध्यक्षों से लेकर कलेक्टर और एसडीएम स्तर की बैठकें बीते सालों से लंबित पड़ी हैं। कई विभाग तो ऐसे हैं जहां एक दशक पार हो चुका है, लेकिन यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है।

 

उल्लेखनीय है कि बैठकों में निरंतर विलंब को लेकर एक बार फिर कर्मचारियों ने सरकार को याद दिलाया है।हाल के सप्ताह में पांच ऐसे मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ है, जिन्होंने जीएडी को पत्र लिखकर नियम से परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित करने का आग्रह किया है।नियमानुसार यह प्रक्रिया नहीं होने के कारण अनेक नुकसान भी गिनाए गए हैं। कर्मचारियों ने स्वयं जीएडी को स्मरण कराया कि उनके द्वारा लिखे गए पत्रों को विभागों के प्रमुख सचिव और कलेक्टर मानने को तैयार नहीं है, जिससे मांगों का दायरा बढ़ रहा है। दूसरी ओर बिना सरकारी सुविधाओं का लाभ लिए कर्मचारियों का प्रतिमाह रिटायरमेंट हो रहे हैं।सामान्य प्रशासन विभाग ने 8 फरवरी 2024 को समस्त विभाग के विभागाध्यक्ष, कलेक्टर को पत्र जारी करते हुए संयुक्त परामर्शदात्री समितियों की बैठक के संबंध मे पत्र भी जारी किया है।

 

हर तीन माह में प्रावधान
शासन के नियम अनुसार प्रत्येक तीन माह में परामर्शदात्री समिति की बैठक बुलाने का प्रावधान है। राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव, संभाग में कमिश्नर, जिला में कलेक्टर और ब्लॉक में अनुविभागीय अधिकारी यह मीटिंग आयोजित करेगा। इसमें जितने भी मान्यता प्राप्त कर्मचारी संघ है, उनमें अध्यक्ष एवं सचिव को आमंत्रित किया जाता है ताकि संगठनों के प्रतिनिधि विभिन्न कैडर की लंबित मांगों को अधिकारियों के समक्ष रख सकें। सिस्टम यह भी रहा है कि जो अधिकारी स्तर के विवेकाधिकार की समस्याएं है, वह स्थानीय स्तर पर सुलझती रही है, जबकि जो इनके कार्य क्षेत्र से बाहर है, वह अनुमोदित होकर शासन तक आती रही है।

 

हर विभाग में बैठकें लंबित: शासन के हर विभाग में परामर्शदात्री समितियों की बैठकें लंबित पड़ी है। जनजातीय कार्य, ऊर्जा, वन, तकनीकी शिक्षा, उच्च शिक्षा, आयुष, स्कूल शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य परिवार, कृषि कल्याण, मत्स्य, आर्थिक सांख्यिकी, लोक निर्माण, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ग्रामीण यांत्रिकी जैसे विभागों में राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक की बैठकें दस साल से नहीं हुई हैं।अगर राज्य स्तर पर कोई बैठक हो भी रही है तो संभाग, जिला और ब्लॉक में यह प्रक्रिया ठप पड़ी है।

Author

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page