राज्य शासन के आदेश को चुनौती दे रहे डीपीसी…

राज्य शासन के आदेश को चुनौती दे रहे डीपीसी…
अवकाश के दिन में शिक्षकों को बुलाया काम पर…
मीडिया के सवाल पर डीपीसी एवं बीआरसीसी एक दूसरे को बता रहे जिम्मेदार…
संजय सिंह मझौली पोल खोल
एक तरफ मध्य प्रदेश शासन सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 14 अप्रैल को डॉ भीम राव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में संपूर्ण मध्य प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है लेकिन जनपद शिक्षा केंद्र मझौली अंतर्गत 14 अप्रैल को दोपहर 11:30 बजे से जनपद स्तरीय समीक्षा बैठक बीआरसी अयोध्या पटेल के द्वारा आयोजित की गई थी जिनके द्वारा संस्था प्रमुखों को व्हाट्सएप में किए गए मैसेज में स्पष्ट उल्लेख किया गया था कि डीपीसी के निर्देशानुसार कल दिनांक 14/4/25 को नामांकन,पुस्तक रिसीविंग,udise सर्टीफिकेशन,VER सर्वे के कार्यों की स्कूल वार एवं जन शिक्षा केंद्र वार बैठक का आयोजन किया गया है।
इतना ही नहीं सूचना में उल्लेख किया गया है कि सभी संस्था प्रमुख समस्त जानकारी के साथ बैठक स्थल में समय से समय तक उपस्थित रहें साथ ही चेतावनी भी दी गई थी है कि अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया जाएगा।अर्जेंट इंपॉर्टेंट।बैठक में प्रथम पाली में 11:30 से 2:00 तक जन शिक्षा केंद्र मड़वास,गिजवार,टिकरी, पथरौला एवं खड़ौरा के संस्था प्रमुख/प्रधानाध्यापक उपस्थित रहें जबकि दूसरी पाली में जो 2:00 से 4:30 बजे तक समय निर्धारित था उसमें ताला, गंजरी, चमराडोल,मझौली एवं डांगा जन शिक्षा केंद्र के संस्था प्रमुख (प्रधानाध्यापक) उपस्थिति रहें।बताया गया की बैठक में कक्षा एक 01 एवं कक्ष 6 का नामांकन एवं पुस्तक रिसीविंग,यूडाइस अपडेशन VER सर्वे जैसे कार्यों के समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई है।बैठक में विभूति सिंह एपीसी (अकादमिक) रजनीश श्रीवास्तव ए पी सी (दिव्यांग छात्र) एवं सभी बीएसी,सी ए सी,एम आर सी एवं संस्था प्रमुख उपस्थित रहे।
बैठक को लेकर जब मीडिया द्वारा बीआरसी अयोध्या पटेल से सवाल किया गया कि राज्य शासन ने 14 अप्रैल को पूर्ण अवकाश घोषित किया है फिर शिक्षकों की बैठक किसके आदेश पर हो रही है तो उन्होंने कहा कि डीपीसी सीधी के निर्देशानुसार बैठक आयोजित की गई है जबकि डीपीसी राजेश कुमार तिवारी ने कहा कि उन्हें बैठक की जानकारी नहीं है कुछ विभागीय अधूरे कार्यों को लेकर कुछ शिक्षकों को बैठक में बुलाया गया होगा।साथ ही उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी चौबीस घंटे का नौकर होता है उसे किसी भी समय विभागीय काम के लिए बुलाया जा सकता है।ऐसे में यही कहा जा रहा है कि राज्य शासन के आदेश को खुली चुनौती देकर शिक्षकों के अधिकारों का हनन किया गया जिन्हें अवकाश पर भी काम के लिए बुलाया गया लेकिन जब बात जिम्मेदारी की आई तो दोनों एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
फिलहाल देखना है कि इस मामले में जिला कलेक्टर द्वारा कितना गंभीरता से लिया जाता है?
बेवश नजर आए शिक्षक संघ के पदाधिकारी
आयोजित बैठक में शिक्षक संघ के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी एवं ब्लॉक स्तर के पदाधिकारी मौजूद रहे लेकिन बैठक के मामले में किए गए सवाल पर स्वयं को बचाते नजर आए और दबी जुबान से इतना ही बोले कि अवकाश के दिन में शिक्षकों से काम लेने के पक्ष में संघ नहीं है लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश का पालन करना मजबूरी है।ऐसे में कई शिक्षकों ने नाम न छापने के सर्त पर कहा कि जब शिक्षकों के अधिकारों का हनन हो रहा है और संघ के लोग मौन साधे हुए हैं तब किस दिन के लिए संघ के लोग काम आएंगे।
इनका कहना
बैठक डीपीसी के निर्देशानुसार आयोजित की गई है जिसमें कई विभागीय कार्य लंबित है जिसकी समीक्षा की जा रही है यह सही है कि आज 14 अप्रैल अवकाश का दिन है लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का पालन किया जा रहा है।
अयोध्या प्रसाद पटेल बीआरसीसी मझौली
कुछ विभागीय कार्यों को लेकर बैठक बुलाई गई होगी मेरे द्वारा कोई आदेश जारी नहीं किया गया है लेकिन यह भी सही बात है कि सरकारी कर्मचारी 24 घंटे का नौकर होता है जिसे विभागीय काम के लिए किसी भी समय बुलाया जा सकता है।
राजेश कुमार तिवारी डीपीसी सीधी