पुलिस बल की कमी से जूझ रहे कई थाना व चौकी
कोतवाली बैढऩ सहित जियावन, लंघाडोल, माड़ा में पुलिस बल की है भारी कमी,एसआई से लेकर आरक्षक तक की है भारी कमी
पोल खोल सिंगरौली
जिले के कोतवाली समेत जियावन, माड़ा व अन्य थाना तथा पुलिस चौकी स्टाफ की कमी से जूझ रहे हैं। सबसे कम पुलिस जवान कोतवाली बैढऩ में हैं। जहां इन दिनों कोतवाली पुलिस जवान ड्यूटी बजाते-बजाते थक जा रहे हैं। यही हाल जियावन थाना क्षेत्र का है।
गौरतलब हो कि 2 जुलाई को जिले के पुलिस महकमे में भारी फेरबदल हुआ। करीब दो सैकड़ा से अधिक पुलिस कर्मी इधर से उधर किये गये थे। हालांकि इस बार भी ग्रामीण क्षेत्रों में लंबे अर्से से पदस्थ अधिकांश पुलिस सेवकों को शहर व नगर के थाने कम ही नसीब हुए हैं। ज्यादातर ग्रामीण अंचलों के थानों व चौकियों में तैनात पुलिस कर्मियों को ग्रामीण अंचल के अन्य थानों में ही स्थानांतरित कर नवीन पद स्थापनाा की गयी है। हालांकि कुछ शहरी व नगरीय क्षेत्र के थानों से पुलिस कर्मियों को ग्रामीण अंचलों के थानों में भेजा गया है। किन्तु ऐसी संख्या नगण्य है। इधर पुलिस सेवकों के स्थानांतरण के बाद थानों में बल की भारी कमी दिखने लगी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के माड़ा, लंघाडोल, सरई, जियावन के अलावा अन्य ऐसे थाने हैं जहां पुलिस बल की भारी कमी है। उप निरीक्षक से लेकर आरक्षक तक के कई पद रिक्त पड़े हुए हैं। आलम यह है कि अब कई ऐसे थाने हैं जहां उप निरीक्षक तीन संख्या में ही बचे हैं शेष उप निरीक्षकों का तबादला कर दिया गया। जिसके कारण अब घटनाओं की विवेचना खुद निरीक्षकों को ही करनी पड़ सकती है। बताया जा रहा है कि जिले में ही पुलिस बल की भारी कमी पहले से ही है और जिले में पुलिस सेवकों के स्थानांतरण के बाद कई थानों में स्टाफ का टोटा हो गया है। हालांकि नवानगर ऐसा थाना है जहां स्वीकृत पद से करीब डेढ़ गुना ज्यादा सहायक उप निरीक्षकों की पदस्थापना हुई है। जिले में पुुलिस बल पर्याप्त संख्या में न होने पर कानून व्यवस्था को चुस्त-दुरूस्त रखने में अड़चने आ सकती हैं। हालांकि पुलिस अधिकारियों का दावा है कि स्टाफ अच्छी तरीके से काम कर रहा है और अपराधों पर नियंत्रण है। फिलहाल जिले में पुलिस बल की कमी का असर थाना व चौकियों में दिखाई दे रहा है। यदि पुलिस सेवकों की नवीन पदस्थापना नहीं हुई तो आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासन को कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ सकती है।
कोतवाली बैढऩ में 50 फीसदी नहीं हैं स्टाफ
जानकारी के मुताबिक जिला मुख्यालय बैढऩ के कोतवाली में टीआई से लेकर आरक्षक तक के तकरीबन 118 पद स्वीकृत हैं। जिसमें टीआई के साथ-साथ करीब 50 फीसदी बल नही हैं। सूत्रों से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक 63 पुलिस सेवक के पद इन दिनों खाली हैं। बताया जा रहा है कि सबसे ज्यादा आरक्षक एवं प्रधान आरक्षक के पद रिक्त पड़े हुए हैं। हालांकि सहायक उप निरीक्षक एवं उप निरीक्षक के दो-दो पद रिक्त हैं। बताया जा रहा है कि कोतवाली बैढऩ में पुलिस जवानों के आधे से अधिक स्वीकृत पद खाली होने के कारण प्रभारी को ड्यूटी लगाने में पसीने छूट रहे हैं। इधर स्टाफ की भारी कमी होने से मौजूदा बल को कई घण्टे ज्यादा ड्यूटी बजानी पड़ रही है।
टीआई विहीन है कोतवाली बैढऩ एवं गढ़वा थाना
कोतवाली बैढऩ एवं थाना गढ़वा निरीक्षक विहीन हो गया है। जहां इन दोनों संवेदनशील थानों का जिम्मा उप निरीक्षकों ने संभाल रखा है। गौरतलब हो कि कोतवाली बैढऩ के टीआई अरूण कुमार पाण्डेय का पीएचक्यू भोपाल के लिए तबादला कर दिया गया है। वहीं गढ़वा टीआई आरपी रावत को लापरवाही के चलते लाईन अटैच कर दिया गया है। गढ़वा थाना करीब एक पखवाड़े से निरीक्षक विहीन है। अब इन दोनों थानों की कमान उप निरीक्षकों के पास है। संवेदनशील थानों में निरीक्षकों की नवीन पदस्थापना नहीं की गयी है। जिले के पुलिस अधिकारी इस बात के लिए इंतजार कर रहे हैं कि निरीक्षकों का भोपाल से तबादला सूची कब तक में जारी होती है। उसके बाद ही जिले के थानों में निरीक्षकों की पदस्थापना की जावेगी।