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नेपाल की अंतरिम पीएम सुशीला के पति ने अभिनेत्री माला सिन्हा का जाने क्यों किया था अपहरण

पोल खोल पोस्ट / कई नामों और कानून दांव-पेचों में फंसने के बाद आखिर जेन-जेड आंदोलनकारियों की पहली पसंद सुशीला कार्की नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री बन गई हैं। 220 साल पुराने नेपाल के राजनैतिक इतिहास में पहली बार कोई महिला इस कुर्सी पर बैठी है।

भारत के बनारस हिंदू विश्वविघायलय से मास्‍टर डिग्री लेने वाली सुशीला की प्रेम कहानी भी इसी कॉलेज में शुरू हुई थी। लेकिन भविष्य में सुशीला के पति बनने वाले दुर्गा प्रसाद सुबेदी का नाम उस प्‍लेन हाइजैक से जुड़ा है, जिस प्‍लेन में 22 अन्‍य सवारियों के साथ भारतीय अभिनेत्री माला सिन्हा भी सवार थीं।

दरअसल सुशीला की पढ़ाई हुई बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से की। यहीं उनकी मुलाकात हुई दुर्गा प्रसाद सुबेदी से। दोनों की नजरें मिलीं, बातें हुईं, और फिर जीवन भर का साथ निभाने का वादा कर लिया।

सुबेदी- नाम सुनते ही नेपाल के इतिहासकारों की आंखें चमक उठती हैं। वे एक क्रांतिकारी थे, जो राजशाही के खिलाफ आवाज उठाते थे और इसलिए उनका ये प्‍लेन हाईजैक भी नेपाल के इतिहास में सबसे मशहूर है। ये घटना 10 जून 1973 को हुई। उस विमान में 22 यात्री सवार थे, जिसमें नेपाल के मशहूर अभिनेता दंपती सीपी लोहानी और भारत की सुपरस्टार माला सिन्हा भी थीं।

यह कोई आम अपहरण नहीं था। दुर्गा प्रसाद ने नागेंद्र धुंगेल और बसंत भट्टाराई के साथ मिलकर ‘ऑपरेशन’ किया। इसका मकसद यात्रियों को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि विमान में लदी 32 लाख रुपए की नकदी लूटना था।

यह पैसा बिराटनगर के बैंकों से आ रहा था, और राजा महेंद्र की राजशाही के खिलाफ चल रहे सशस्त्र आंदोलन को मजबूत करने के लिए इस्तेमाल होना था। इस प्‍लान के मास्टरमाइंड थे गिरिजा प्रसाद कोइराला, वहीं जो बाद में नेपाल के प्रधानमंत्री बने।

जैसे ही प्लेन बिहार के फारबिसगंज में उतरा, जमीन पर इंतजार कर रहे साथी सक्रिय हो गए। कैश से भरे बक्से उतारे गए, सड़क मार्ग से दार्जिलिंग पहुंचा दिए गए। फिर विमान को बाकी यात्रियों सहित उड़ान भरने की इजाजत! कोई चोट, कोई ड्रामा नहीं बस क्रांति का एक चतुर कदम।

नेपाल के इतिहास की यह पहली हाईजैकिंग लंबे समय तक सुर्खियां बनी रही। एक साल के अंदर ज्यादातर अपहरणकर्ताओं को भारत में गिरफ्तार किया गया। दुर्गा प्रसाद को दो साल की सजा हुई, लेकिन 1975 में भारत के आपातकाल के दौरान उन्हें रिहा किया गया।

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  • सुनील सोनी , " पोल खोल पोस्ट " डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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सुनील सोनी , " पोल खोल पोस्ट " डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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