सीधी

उच्च न्यायालय व प्रशासन के आदेश के बाद भी कई सरकारी कार्यालयों में नहीं लगाए गए सीसीटीवी कैमरे।

उच्च न्यायालय ने शासकीय कार्यालयों में निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने किया था निर्देशित।

उच्च न्यायालय व प्रशासन के आदेश के बाद भी कई सरकारी कार्यालयों में नहीं लगाए गए सीसीटीवी कैमरे।

सीधी:- जिले भर में कई सरकारी कार्यालय है जहां पर अभी तक सीसीटीवी कैमरे नहीं लग सके है। ऐसे में यहां पर कर्मचारियों और आने वाले वालों पर निगरानी नहीं हो पा रही हैं। इसके साथ ही सुरक्षा के लिए मात्र चौकीदार की मौजूद रहता है। बीते वर्षों में उच्च न्यायालय की ओर से सभी विभागों को निर्देशित किया था। जिससे कार्यालय में होने वाली गतिविधि पर नजर रहे। जिसको लेकर कई विभागों ने अपने कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगवा लिए। लेकिन अभी भी कई विभाग के कार्यालय इससे अछूते हैं।

वर्तमान परिवेश में लोग घरों और कार्यालयों, स्कूल सहित बसों तक में सीसीटीवी कैमरे लगवा रहे हैं। ताकि यहां पर होने वाली गतिविधि पर नजर रह सके और होने वाली घटनाओं को रोकने और घटना होने पर उसके खुलासे में कैमरों की मदद हो सके। लेकिन इसके प्रति शासकीस कार्यालय दूरी बना रहे है और विभाग व उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी कार्यालय सीसीटीवी कैमरों से लैस नहीं हो सके हैं। ऐसे में यहां पर काम कर रहे लोगों को न सुरक्षा मिल पा रही है और ही कार्यालय के काम काज पर अधिकारियों की निगरानी हो पा रही है। वहीं कलेक्ट्रेट की शाखाओं में भी कैमरे नहीं होने का लाभ कर्मचारी देरी से आकर व धूम्रपान कर लाभ उठा रहे है।

 

कार्यालयों और शाखाओं में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी होने से काम पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। साथ ही काम करने वालों को सुरक्षा का अहसास होता है। हालात यह है कि कलेक्ट्रेट की शाखाओं के अंदर कैमरे नहीं है।

इसी तरह सहकारिता विभाग कार्यालय, मतस्य विभाग कार्यालय, पीडब्ल्यूडी के सभी कार्यालय, श्रम विभाग कार्यालय, सीएसपी कार्यालय, रजिस्ट्री कार्यालय, वन विभाग के वन परिक्षेत्र कार्यालय, पशु चिकित्सा कार्यालय, कृषि विभाग के एसडीओ सहित कई कार्यालय के साथ ही शहर के कई अन्य शासकीय कार्यालयों में कैमरे नहीं लगवाए गए है। ऐसे में यहां के लोगों को दिक्कतें हो रहीं है। कलेक्ट्रेट परिसर से बाईक चोरी की घटना भी हो चुकी है। अगर कैमरे लगे होते तो पुलिस को बाइक चोर को पकड़ने में काफी मदद मिल सकती।

सिर्फ थानो मे लगे हैं सीसीटीवी:-
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय के द्वारा प्रदेश सहित जिले के सभी थाना-चौकियों मे सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का आदेश जारी किया गया था।जो की किसी निजी कंपनी के द्वारा टेंडर मिलने से थानो मे सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू किया था।जहां सभी थाना परिसर को पूरी तरह से सीसीटीवी कैमरे से कैद हो चुका है।वही अगर कैमरे को कोई खराबी हो जाने पर तत्काल कैमरो को दुरस्त कराया जा रहा है। लेकिन कुछ पुलिस अधिकारियों के कार्यालयो में अभी तक कैमरे नहीं लग सके हैं।

शासकीय कार्यालयों के बंद पड़े हैं कैमरे:-
जिले के करीब तीन दर्जन से अधिक कार्यालयों मे तो सीसीटीवी कैमरे लगे है लेकिन कैमरे सिर्फ शोपीस है।तहसीलो मे लगे कैमरे पूरी तरह से बंद है,जहां बाबू लिपिक खुलेआम रिश्वत लेते नजर आते हैं।बीते दिनो बहरी तहसील मे पदस्थ बाबू के द्वारा ईडब्ल्यूएस फार्म के बदले 200 रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी, रिश्वत देने वाले व्यक्ति द्वारा सीसीटीवी कैमरा लगे होने की बात की गई तो बाबू बोला की आप दे दीजिए कैमरा बंद है कोई दिक्कत नहीं है।

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