मध्य प्रदेश

क्वारी नदी में रेस्क्यू के दौरान पलटी थी नाव हंगामे के बीच 24 घंटे बाद बरामद किए गए 2 जवानों के शव, 

भिंड: मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कचौगरा गांव में बीते 30 घंटे से तनाव बना हुआ है. नदी में हुए एक हादसे ने 3 जिंदगियां निगल लीं. ऊपर से ग्रामीणों ने बताया कि इन मौतों के लिए रेस्क्यू टीम के लीडर जिम्मेदार हैं. शवों को रेस्क्यू कर परिजनों को सुपुर्द करने की मांग को लेकर ग्रामीण आक्रोशित हो गए. इसके बाद गांव का रास्ता बंद कर दिया, जिससे प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा गांव से बाहर ना निकल सके. इस बीच पुलिस और ग्रामीणों के बीच हाथापाई जैसी स्थिति भी बन गई.

ग्रामीण को बचाने के चक्कर में पलटी थी बोट

घटना बुधवार शाम की थी. जहां कचौगरा गांव से लगी क्वारी नदी का चेकडैम ओवर फ्लो चल रहा था. इसी बीच एक गाय नदी में बहकर चेकडैम की दीवार पर जा पहुंची. ये देखकर गांव का एक व्यक्ति अपनी गाय वापस लाने के लिए नदी पर कूद गया और संतुलन बिगड़ने से डूब गया. इसी दौरान उसके भाई की नजर पड़ी तो वह भी अपने भाई को बचाने के लिए नदी में कूदा लेकिन भाई को नहीं बचा सका और खुद भी संतुलन खो देने से डूबने लगा.

और ज्यादा न्यूज़ देखने के लिए निचे दिए हुए लिंक को क्लिक करें।

जंगली जानवर के हमले से सकरी निवासी रेखचंद पटले हुआ घायल

हालांकि लोगों ने समय रहते उसे बचा लिया. जानकारी मिलते ही एसडीआरएफ और होम गार्ड की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्हें बचाने के लिए रेस्क्यू बोट नदी में उतारी, लेकिन टीम रेस्क्यू करती उससे पहले ही तेज बहाव और भंवर में फंसने से बोट पलट गई.

डूबते ही खुल गई थी दो लोगों की लाइफ जैकेट

जिस वक्त यह हादसा हुआ उस समय बोट में मौजूद 4 लोग (3 जवान और 1 स्थानीय गोताखोर) नदी में गिर गये. समय रहते ग्रामीणों ने दो लोगों को तो बचा लिया, लेकिन एक एसडीआरएफ जवान प्रवीण कुशवाह और होमगार्ड जवान हरिदास सिंह चौहान पानी के बहाव में बह गये, क्योंकि दोनों की लाइफ जैकेट बोट से पानी में गिरते ही खुल गई थी. इस घटना के बाद देर रात तक एसडीआरएफ ने सर्चिंग अभियान चलाया, लेकिन अंधेरा होने के चलते कुछ पता नहीं चला.

ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन को दी चेतावनी

गुरुवार की सुबह एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया, लेकिन घटना के 24 घंटे होने तक भी स्थित जस की तस रही. ऐसे में मृतकों के परिजन और ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता गया, जिसका नतीजा यह हुआ कि ग्रामीणों ने गांव से निकलने के एक मात्र रास्ते को बंद कर दिया और प्रशासन और पुलिस को चेतवानी दे डाली कि जब तक मृतकों की बॉडी नहीं मिलती, गांव से कोई बाहर नहीं जाएगा. लगातार बढ़ रही गहमागहमी और हंगामे के बीच पुलिस के आलाधिकारी और आसपास के थाना क्षेत्रों का पुलिसबल भी तनाव को देखते हुए मौके पर तैनात रहा.

‘जबरन नदी में उतारे गए थे जवान’

जब ईटीवी भारत ने मृतकों के परिजन से बात की तो उन्होंने एसडीआरएफ और रेस्क्यू टीम द्वारा गंभीर लापरवाही करने की बात कही. ग्रामीणों का कहना था कि ”घटना को 24 घंटे बीत चुके हैं, लेकिन कोई सर्चिंग अभियान नहीं चलाया जा रहा है. सभी हाथ पर हाथ रख कर बैठे हुए हैं. डूबने वाले दोनों जवान तैराकी में ज्यादा माहिर नहीं थे, लेकिन उन्हें दबाव देकर जबरन नदी में उतारा गया था.

” लोगों ने बताया कि ”जब यह घटना हुई तो एसडीआरएफ की टीम के द्वारा कोई सार्थक प्रयास डूबने वाले जवानों को बचाने के लिए नहीं उठाये गए. ना ही उन्हे रस्सी फेंककर बचाने का काम किया गया. उल्टा जब गांव के लोगों ने उन्हें बचाने के लिए नदी में जाने की बात कही तो उन्हें यह कहकर रोक दिया गया कि क्या उनके पास इसके लिए कोई परमिशन है. यदि अनुमति नहीं है तो पहले लेकर आएं, उसके बाद ही किसी को नदी में उतरने दिया जाएगा.”

और ज्यादा न्यूज़ देखने के लिए निचे दिए हुए लिंक को क्लिक करें।

अपनी अनाम फिल्म का खुलासा सुपर स्टार प्रभास ने किया

मुख्यमंत्री ने की सहायता राशि की घोषणा

लोगों ने बताया कि, जिन दो जवानों की जान बची थी, उन्हें भी गांव वालों ने ही बचाया था, यदि उन्हें नदी में जाने दिया जाता तो शायद दोनों जवान काल के गाल में ना समाते. मृतकों के परिजन अब सरकार से मदद और भविष्य के लिए अनुदान की मांग कर रहे हैं. लेकिन पुलिस या प्रशासन कुछ कहने की जहमत नहीं उठा रहा. वहीं खुद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स के जरिए ग्रामीण और दोनों जवानों की मौत पर दुख जताया. साथ ही ग्रामीण मृतक के परिवार को 5 लाख और रेस्क्यू टीम के दोनों मृत सदस्यों के परिवारों को 25-25 लाख की सहायता राशि देने की घोषणा भी की है.

13 किलोमीटर दूर मिले दोनों जवानों के शव

इस पूरे हंगामे के बाद जाकर देर शाम 5 बजे घटनास्थल से 10 किलोमीटर दूर कनावर गांव में पहली और 3 किलोमीटर उससे आगे श्योडा गांव के पास दूसरी बॉडी बरामद की गई. तब जाकर कहीं हंगामा शांत हुआ. इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन फिलहाल कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. हालांकि खबरें यह भी आ रही हैं कि आक्रोशित ग्रामीणों ने होमगार्ड के डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट के साथ अभद्रता और मारपीट भी कर दी, लेकिन अब तक खुलकर यह बात सामने नहीं आयी है.

 

Author

  • polkholpost

    देश में सबसे तेजी से बढ़ती विश्वासनिय न्यूज़ नेटवर्क

polkholpost

देश में सबसे तेजी से बढ़ती विश्वासनिय न्यूज़ नेटवर्क

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page