सीधी

बिना परमिट तीन जिलों से होकर गुजरने वाली बस पकड़ाई..

बिना परमिट तीन जिलों से होकर गुजरने वाली बस पकड़ाई..

मड़वास पुलिस ने की कार्यवाही..

 

सीधी : जिले में बिना परमिट के लंबी दूरी की बसों को चलाने का प्रचलन तेजी के साथ बढ़ रहा है। ये जरूर है कि ऐसी बसें सुविधा शुल्क के चलते चल रही हैं। परिवहन विभाग बिना परमिट की चल रही बसों पर कार्यवाही करने की जरूरत नहीं समझ रहा है। ऐसी ही बिना परमिट की करीब दो वर्ष से चल रही मनेन्द्रगढ़-महुआगांव बस पर मड़वास पुलिस ने कार्यवाही की है।

ये बस तीन जिलों से होकर गुजर रही थी लेकिन कहीं भी उसके विरुद्ध कार्यवाही नहीं हो रही थी। जब इस संबंध में मड़वास चौकी प्रभारी केदार परौहा को जानकारी मिली तो उनके द्वारा जनता ट्रेवल्स बस क्रमांक यूपी 65 ईटी 2145 को रुकवाया गया। बस के कागजातों की जांच के दौरान मालूम पड़ा कि ये बस बिना परमिट और टैक्स जमा किए ही सवारी ढ़ोने में लगी हुई है। पुलिस द्वारा जब बस कंडक्टर से पूंछतांछ की गई तो उसके द्वारा बताया गया कि जिस बस की परमिट इस लाईन की थी उसको मालिक द्वारा रायपुर भेजा गया है। इस लाइन में उक्त बस को चलाने के लिए कहा गया था इस वजह से वह सवारी लेकर चला आया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि दो वर्षों से बिना परमिट के दौड़ रही जनता ट्रेवल्स पर कार्यवाही क्यों नहीं की गई।

 

इस संबंध में मड़वास क्षेत्र के कुछ लोगों का कहना था कि ये बस करीब दो वर्षों से लगातार चल रही थी। इसमें काफी संख्या में सवारी आ-जा रहे थे। लोगों को यह नहीं मालूम था कि यह बस बिना परमिट के ही टैक्स जमा किए बिना चल रही है। संबंधित विभागों द्वारा भी उक्त बस की जांच-पड़ताल कभी नहीं की गई। यह जरूर है कि मड़वास चौकी प्रभारी को पुष्ट सूचना मिली थी कि जनता ट्रेवल्स जो मनेन्द्रगढ़ से निवास-महुआगांव की ओर चलती है उसकी परमिट नहीं है।यह बस बिना परमिट के ही नियमित रूप से तीन जिलों से होकर चलती है और सवारियों को ढ़ो रही है।

उधर जानकारों का कहना है कि लंबी दूरी की चलने वाली कई अन्य बसें भी बिना परमिट के लंबे समय से चल रही हैं। ऐसी बसें कई जिलों से आ-जा रही हैं। फिर भी उनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इस तरह की बसें बिना परमिट के चलकर शासन को लाखों रुपए का राजस्व चपत लगा रही हैं। इनमें से कई बसों द्वारा तो टैक्स भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में साफ है कि लंबी दूरी की चलने वाली बसें सुविधा शुल्क बांधकर यात्रियों को लेकर चल रही हैं। इस पर जिम्मेदारों की निगाहें नहीं पड़ रही हैं। जिसके चलते इनके हौसले बुलंद हैं।

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