DEO के साथ ही कलेक्टर का भी सिर चकराया टीचिंग से बचने के लिए रची ऐसी साजिश
रीवा। जिले के लालगांव क्षेत्र स्थित हरदी गांव में संचालित शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय को शून्य घोषित करने की कोशिश की गई. आरोप है कि शिक्षक ने विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों को जबरन टीसी थमा दी. जिन बच्चों ने स्कूल में नहीं ली, उनके घर जाकर शिक्षक ने टीसी दे दी. ये भी आरोप है
कि शिक्षक ने बच्चों के पैरेंट्स से कहा कि सरकार इस स्कूल को बंद कर रही है. इसलिए टीसी दी जा रही है. शिकायत मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच की तो शिक्षक द्वारा जबरन टीसी थमाने की बात सही निकली. इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक को सस्पेंड कर दिया.
ग्रामीणों ने की कलेक्टर से शिक्षक की शिकायत
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दरअसल, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय हरदी में दिनकर प्रसाद मिश्रा के साथ ही एक और टीचर की पदस्थापना की गई. शिक्षक पर आरोप है कि उसने ने स्कूल बंद करने के नाम पर बच्चों की टीसी काट दी. ऐसे इसलिए किया गया कि जब स्कूल में बच्चे ही नहीं होंगे तो वह पढ़ाई कराने से मुक्त रहेंगे. टीसी देने के बाद शिक्षक ने कहा कि अब वे लोग विद्यालय न आएं. इस मामले की जानकारी जब ग्रामीणों को लगी तो इसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और कलेक्टर से की गई.
कलेक्टर ने टीम गठित कर कराई जांच
इसके बाद कलेक्टर ने जांच के लिए एक टीम गठित की. इस दौरान जिला शिक्षा अधिकारी सुदामा लाल गुप्ता स्वयं मामले की जांच करने विद्यालय पहुंचे. उन्होंने पाया कि स्कूल को शून्य करने के लिए शिक्षक ने टीसी काटी. इसके बाद कलेक्टर के आदेश पर शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्रा को डीईओ ने निलंबित कर दिया.
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कलेक्टर के आदेश पर विद्यालय में दूसरी शिक्षिका को तैनात करके बच्चों को वापस स्कूल बुलाया गया. आरोप है कि शिक्षक दिनकर प्रसाद मिश्रा ने विद्यालय को शून्य घोषित करते हुए सभी सातों बच्चों की टीसी थमा दी. इस मामले में जिला शिक्षा आधिकारी सुदामा लाल गुप्ता का कहना है “बच्चों को स्कूल में वापस बुलाकर शिक्षक को निलंबित किया गया है.”