बड़ी खबरमध्य प्रदेशसिंगरौली

लिया 10 हजार पटवारी ने सामूहिक विवाह के नाम पर

मामला ग्राम पंचायत बरहट का, कलेक्टर से हुई शिकायत, विजयपुर के सचिव व रोजगार सहायक पर गिरेगी गाज

सामूहिक विवाह में रिश्वत व गड़बड़ झाला का पहला मामला चितरंगी सामूहिक विवाह का उजागर हुआ है। जहां पटवारी ने सामूहिक विवाह कराने के नाम पर 10 हजार रूपये रिश्वत लिया। वही विजयपुर सचिव व रोजगार सहायक ने फर्जी शाूदी करा दी। अब यह मामला तूल पकड़ लिया है। जहां सीईओ चितरंगी ने जिला पंचायत सीईओ को आज 11 मार्च को पत्र लिखते हुये सचिव व रोजगार सहायक पर कार्रवाई किये जाने का पत्र लिखा है।

जिले के जनपद पंचायत चितरंगी के ग्राम पंचायत बरहट की एक युवती ने कलेक्टर को शिकायत पत्र देतेे हुये कहा कि हल्का पटवारी बरहट के द्वारा सामूहिक विवाह में पात्र बनाने के लिए 10 हजार रूपये लिया गया। बरहट निवासी प्रिती जायसवाल पिता रामगोपाल जायसवाल ने कलेक्टर के यहां बीते 10 मार्च को शिकायत करते हुये बताया कि सामूहिक विवाह के लिए आवेदन 25 जनवरी को दिया था। फरवरी माह को सामूहिक विवाह था। जो किसी कारण वश फरवरी की सामूहिक विवाह केंशिल हो गया। जो कि 7 मार्च को सामूहिक विवाह नियत किया गया। हल्का पटवारी बरहट के द्वारा 15 हजार रूपये की मांग की गई थी। जिस पर फरियादिया ने 10 हजार रूपये दिया था और 5 हजार रूपये नही दे पाई।

पीड़िता ने आरोप लगाया कि जब मैं 5 हजार रूपये समय से नही दे पाई तो जिसके चलते पटवारी के द्वारा हमारा फॉर्म रिजेक्ट कर दिया गया। पटवारी द्वारा चार अपात्र लोगों से 15 हजार रूपये घुस लेने के बाद अपात्र लोगों को पात्र बनाया गया और उन लोगों को गवर्मेंट द्वारा सामूहिक विवाह कराया। प्रिती जायसवाल ने कलेक्टर से फरियाद की है कि बीते 7 मार्च को ब्लॉक चितरंगी में 398 लोगों का जो विवाह हुआ है उसमें से पात्र और अपात्र लोगों की जांच कराई जाये, अगर उसमें गलत तरीके से विवाह अधिकारियों के द्वारा कराया गया है। उन सब अधिकारियों के ऊपर उचित कार्रवाई कराई जाये। चितरंगी सामूहिक विवाह में जमकर गड़बड़ झाला हुआ है। यह मामला अब पूरी तरीके से तूल पकड़ लिया है। ऐसे में यह तो साफ जाहिर होता है कि सामूहिक विवाह में इसी तरह का खेल चल रहा है।

जनपद सीईओ ने कार्रवाई के लिए जिपं को लिखा पत्र
चितरंगी में बीते 7 मार्च को सामूहिक विवाह में हुई फर्जी शादी को लेकर जनपद पंचायत चितरंगी के सीईओ ने कलेक्टर के पत्र को प्रमुखता से लेते हुये मामले को संज्ञान में ले लिया है। जनपद पंचायत के सीईओ ने आज 11 मार्च को जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखते हुये कहा है कि प्रस्तुत साक्ष्य के अवलोकन से प्रथम दृष्टिया स्पष्ट होता है कि उपरोक्त जोड़ों का पूर्व में शादी हो चुकी है। जिससे स्पष्ट होता है कि ग्राम पंचायत विजयपुर सचिव आनन्द कुमार पाठक एवं ग्राम रोजगार सहायक कमला प्रसाद बैस के द्वारा अपात्र जोड़ों को सत्यापन कर शादी कराई गई। कार्यालय में प्रस्तुत अभिलेख सत्यापन प्रमाण पत्र में सूक्ष्मता से परीक्षण किये जाने का उल्लेख किया गया है। जो इनके घोर लापरवाही का परिचायक है। जो अनियमितता की श्रेणी में आता है। सचिव व रोजगार सहायक के विरूद्ध कार्रवाई किये जाने का प्रस्ताव सम्प्रेषित है।

2024 में हुई शादी, सामूहिक विवाह का दिया गया लाभ
ग्राम पंचायत बरहट निवासी प्रिती जायसवाल की शिकायत के आधार पर पता चला कि ग्राम पंचायत विजयपुर के सचिव एवं ग्राम रोजगार सहायक के द्वारा फर्जी लाभ देने के लिए षड्यंत्र पूर्वक पूर्व में हुई शादी पूनम देवी पिता संतोष कुमार बैस निवासी विजयपुर ग्राम पंचायत विजयपुर की 21 अप्रैल 2024 को हो चुकी है। फिर भी इनकी शादी फर्जी तरीके से सामूहिक विवाह 7 मार्च 2025 को जनपद पंचायत चितरंगी के प्रांगण में कराई गई है। जबकि इनकी शादी पूर्व में हो चुकी थी। इसके बावजूद सचिव व ग्राम रोजगार सहायक ने पात्र को अपात्र बनाते हुये अपने खास लोगों को लाभ देने के लिए इस तरह का षड्यंत्र रचा। इधर बता दें कि यह पहला मामला है। जिसका खुलासा हुआ है। इसके पूर्व भी सामूहिक विवाह में शासकीय राशि का लाभ लेने के लिए पता नही जिम्मेदारों ने कितना खेल खेला होगा।

Author

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page