सिहावल में एक ऐसा विद्यालय जहां नौनिहाल शौचालय का उपयोग करने के लिए घर से लाते पानी…

सिहावल में एक ऐसा विद्यालय जहां नौनिहाल शौचालय का उपयोग करने के लिए घर से लाते पानी…
सीधी सिंहावल। मुख्यालय के समीप संचालित है शासकीय प्राथमिक कन्या शाला सिहावल जिसकी स्थापना 1950 में हुई थी। यह विद्यालय अपनी बदहाली पर आशू बहा रहा है। साथ हीं विद्यालय का भवन इतना जर्जर हो चुका है जो नौनिहाल बच्चियां अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ती हैं और प्रतिदिन हादसा होने का डर बना रहता है।

कई बार खबर प्रकाशन करने के बाद भी नई बिल्डिंग का निर्माण नही किया। और ना हीं मरम्मत कराई गई जिसकी बजह से हो सकता है किसी दिन बड़ा हादसा।

विद्यालय में शौचालय तो है परंतु पानी नहीं
जी हां स्वच्छ भारत अभियान के तहत हर घर में शौचालय तो बनाया गया और विद्यालय में भी शौचालय का निर्माण किया गया परंतु वह शौचालय कितना कारगर साबित हो रहा है जिसका जीता जागता नमूना आप किसी भी विद्यालय में घूम कर कर देख सकते हैं, हम जिस विद्यालय की बात कर रहे हैं यहा नौनिहाल बच्चियां आती हैं और जब शौचालय का उपयोग करने जाती हैं तो वहां पानी ना होने की वजह से नौनिहाल बच्चियों को तालाब का सहारा लेना पड़ता हैं जिससे तालाब में काफी पानी होने की वजह से काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। और साथ ही किसी प्रकार की घटना घटित ना हो जिस पर विद्यालय के शिक्षकों को इसका डर भी सतया रहता है।
पानी न होने की वजह से बच्चियों के साथ-साथ मध्यान भोजन बनाने में भी पानी की समस्या से जूझना पड़ता है। पूर्व में विद्यालय परिसर में एक हैंडपंप था जो जो शासन की चलाई गई योजना नाल टोटी सेड का शिकार हो चुका हैंड पंप की पाइप निकालकर घटिया सेड का निर्माण किया गया जिसकी वजह से बोर धराशाई हो गया। जिसकी वजह से विद्यालय के साथ-साथ विद्यालय परिसर के आसपास स्थित व्यापारी राहगीर भी पानी की समस्या से जूझ रहे हैं।
।। सिंहावल से राजबहोर केवट की रिपोर्ट ।।













