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संजय टाइगर रिजर्व में दिल दहला देने वाली घटना,बाघिन टी-60 के दो शावकों की मौत…

संजय टाइगर रिजर्व में दिल दहला देने वाली घटना,बाघिन टी-60 के दो शावकों की मौत…

नए नर बाघ की एंट्री से बढ़ा टेरिटरी विवाद…

गुरुवार देर रात हुआ अंतिम संस्कार…

 

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संजय टाइगर रिजर्व के दुबरी वन परिक्षेत्र में गुरुवार को एक ऐसी दर्दनाक घटना सामने आई जिसने वन विभाग और वन्यजीव प्रेमियों को गहरे सदमे में डाल दिया। उत्तर वीट डेवा के घने जंगल में बाघिन टी-60 के दो शावकों के फटे-चीथड़े शव मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया।

कैसे मिला सुराग ?

नियमित गश्त पर निकली संजय टाइगर रिजर्व की हाथी पेट्रोलिंग टीम ने झाड़ियों में असामान्य हलचल देखी तो वे तत्काल मौके पर पहुंचे। करीब जाने पर दोनों शावक क्षत-विक्षत हालत में मृत पाए गए, जिन पर किसी बड़े शिकारी के हमले के स्पष्ट निशान मिले।

प्रारंभिक जांच में क्या जताया गया अंदेशा ?

वन विभाग की प्रारंभिक जांच इस ओर इशारा करती है कि ये हमला टेरिटरी विवाद का नतीजा है। बताया जा रहा है कि पिछले कई दिनों से इस रेंज में एक नए नर बाघ की उपस्थिति दर्ज की जा रही थी।
विशेषज्ञों के अनुसार, टाइगर रिजर्व में नर बाघ कई बार अपने क्षेत्र पर कब्जा जमाने के लिए प्रतिद्वंद्वी बाघिनों के शावकों को भी निशाना बना देते हैं। प्राथमिक साक्ष्य बताते हैं कि शावकों को मारने के बाद हमलावर बाघ ने उनके शरीर के कुछ हिस्से भी खाए।

 

घटनास्थल से कुछ दूर मिली शावकों की मां

घटना स्थल से कुछ दूरी पर बाघिन टी-60 के बेचैन और उत्तेजित मूड को भी गश्ती दल ने महसूस किया। वो अपने शावकों के इर्द-गिर्द लगातार घूमती रही और गुर्राहट के साथ कई बार शवों के करीब पहुंचने की कोशिश भी की। उसके तनावपूर्ण व्यवहार को देखते हुए टीम ने हाथियों की सहायता से शवों को सुरक्षित तरीके से कब्जे में लिया।

देर रात शावकों का किया गया अंतिम संस्कार

 

फॉरेस्ट टीम ने मौके पर पंचनामा और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की। इसके बाद गुरुवार देर रात दोनों शावकों का जंगल के भीतर ही वन नियमों के अनुसार अंतिम संस्कार किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि बाघिन टी-60 अपने शावकों की बेहद सावधानी से परवरिश कर रही थी, ऐसे में यह घटना स्वाभाविक होने के बावजूद अत्यंत दुखद है।
वन विभाग ने अब इस क्षेत्र में निगरानी और मूवमेंट ट्रैकिंग बढ़ा दी है।
नए नर बाघ की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है, ताकि बाघिन टी-60 सहित अन्य वन्य जीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना रिजर्व के भीतर बढ़ती प्रतिस्पर्धा और बदलते वन्यजीव संतुलन का संकेत है।

इनका कहना है

प्रारंभिक जांच में यह घटना पूरी तरह टेरिटरी विवाद का परिणाम प्रतीत होती है। नए नर बाघ की मूवमेंट इस इलाके में बढ़ी है। सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
सुधीर मिश्रा
एसडीओ संजय टाइगर रिजर्व

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  • सुनील सोनी , " पोल खोल पोस्ट " डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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