दिल्ली

फोबिया के कई प्रकार….निपटने का एक ही इलाज दुनिया में है

नई दिल्ली। फतेहपुर से अजीब मामला सामने आया। विकास दुबे ने दावा किया कि 40 दिन के अंदर 7 बार सांप ने काटा। लेकिन जांच में सामने आया कि सांप ने सिर्फ एक बार काटा। बाकी छह बार वह स्नेक फोबिया का शिकार हो गए थे।
क्या है फोबिया?
विशेषज्ञों का कहना हैं कि फोबिया मतलब किसी चीज से डर। फोबिया एक तरह की मानसिक बीमारी है। इसमें व्यक्ति के मन में किसी वस्तु, जगह अथवा स्थिति (सेचुएशन) के प्रति बहुत ज्यादा डर बैठ जाता है।
कितने तरह का होता है फोबिया?

1. एक्रोफोबिया: तमाम लोग होते हैं जिन्हें ऊंचाई से डर लगता है। यह एक्रोफोबिया हैं। बहुत लोग को छत पर जाने से डर लगता है, मल्टी स्टोरी बिल्डिंग या ऊंची इमारतों में नहीं जाना चाहते, पहाड़ पर जाने से डरते हैं।

2.क्लॉस्ट्रोफोबिया से पीड़ित लोग अक्सर छोटे कमरे, लिफ्ट, सुरंग और कार में बैठने से बचते हैं। उनके मन में हमेशा बिना वजह डर बना रहता है।

3.एगोराफोबिया से पीड़ित लोगों को खुली जगहों, भीड़भाड़ वाली जगहों, बाजार, मॉल जैसी जगहों पर जाने से डर लगता है। उन्हें लगता है कि ऐसी जगहों पर उन्हें नुकसान हो सकता है।

4.एरैकनोफोबिया: यह दुनिया में सबसे आम प्रकार के फोबिया में से एक है। इसमें पीड़ित शख्स हमेशा मकड़ियों के बारे में सोचता रहता है। हर जगह मकड़ियां या उसके जाले दिखाई देते हैं। व्यक्ति को घबराहट के दौरे पसीना आना, कांपना, चक्कर जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।

5.जोफोबिया: बहुत सारे लोगों को जानवरों का डर होता है, यह जोफोबिया हैं। उदाहरण के तौर पर कुछ लोगों को हमेशा कुत्तों से डर लगा रहता है, कुछ को बिल्ली से।

फोबिया के कारण:
फोबिया की सबसे मुख्य वजह अनुवांशिकी है। डॉ. आरके बंसल बताते हैं कि यदि आपके परिवार में किसी को फोबिया की हिस्ट्री है, तब इसकी ज्यादा आशंका है कि आपको भी फोबिया विकसित हो जाए।
दर्दनाक अनुभव: किसी भयानक या दर्दनाक अनुभव से भी फोबिया विकसित हो सकता है।
शिक्षा: कई बार गलत जानकारी या नकारात्मक अनुभवों से भी फोबिया विकसित हो सकता है।
क्या है फोबिया का इलाज?
डॉ. बंसल कहते हैं कि फोबिया का शुरुआती इलाज थैरेपी या काउंसिलिंग है। फोबिया से पीड़ित व्यक्ति को समझाते हैं कि उसका डर अवास्तविक है।

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