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सत्य पाल जैन ने चंडीगढ़ में अपने पुराने कालेज में पेड़ लगाए

चंडीगढ़

( मनोज शर्मा)

भारत के प्रमुख कानूनी विशेषज्ञ और पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज (पीजीजीसी) सेक्टर-11, चंडीगढ़ के पूर्व छात्र सत्य पाल जैन द्वारा एक वृक्षारोपण अभियान का नेतृत्व किया गया। पीजीजीसी-11 में आयोजित यह कार्यक्रम कॉलेज के एनसीसी 3 विंग और पर्यावरण क्लब के सहयोग से आयोजित किया गया था,जिसमें छात्रों,शिक्षकों और स्टाफ सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई।

सत्य पाल जैन ने अपने संबोधन में पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने और शहरीकरण के प्रतिकूल प्रभावों से निपटने में पेड़ों की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने अभियान के आयोजन में छात्रों और संकाय के सामूहिक प्रयास की सराहना की और सभी को अपने दैनिक जीवन में टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। पर्यावरण संरक्षण के प्रति श्री जैन की प्रतिबद्धता को अच्छी तरह से प्रलेखित किया गया है,और इस अभियान में उनकी भागीदारी ने प्रतिभागियों के लिए महत्वपूर्ण मूल्य और प्रेरणा जोड़ी है।

हरित पहल की वकालत के लिए जाने जाने वाले जैन ने जलवायु परिवर्तन को कम करने और वायु गुणवत्ता बढ़ाने में वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अभियान में एनसीसी एयर विंग के प्रभारी डॉ. राकेश ठाकुर के मार्गदर्शन में स्वयंसेवकों ने 200 से अधिक पौधे लगाए। एनसीसी के तीन विंगों के कैडेटों ने नीम,पीपल और बरगद सहित विभिन्न सदाबहार पेड़ लगाए,जिसका उद्देश्य एक हरी-भरी छतरी बनाना था जिससे परिसर और स्थानीय जैव विविधता दोनों को लाभ होगा।

पीजीजीसी-11 के प्राचार्य डॉ. बीपी यादव ने पर्यावरणीय मुद्दों के प्रति उनके अटूट समर्थन और समर्पण के लिए जैन के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी के बीच पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए ऐसी पहल महत्वपूर्ण हैं। यह वृक्षारोपण अभियान हमारे ग्रह की सुरक्षा के लिए आवश्यक सामूहिक प्रयास और हरित भविष्य बनाने में छोटे कार्यों के महत्वपूर्ण प्रभाव की एक शक्तिशाली अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है।

इस कार्यक्रम में डीन सुश्री दीपसिखा,उप प्राचार्य प्रो. रमा अरोड़ा और भौतिकी विभाग के प्रमुख प्रो. रंजन वर्मा सहित कई प्रतिष्ठित अतिथि भी उपस्थित थे। उन्होंने इस हरित पहल को आगे बढ़ाने में उनके सराहनीय प्रयासों के लिए एनसीसी कैडेटों की सराहना की और भावी पीढ़ियों के लिए एक स्थायी वातावरण सुनिश्चित करने के लिए ऐसे प्रयासों को जारी रखने के महत्व पर जोर दिया।

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