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सीजेआई चंद्रचूड़ पिता से फिर भी पीछे ही रह गए

नई दिल्ली। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो रहे है। भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 को जस्टिस यू.यू ललित के रिटायर होने के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बने थे। 11 नवंबर 1959 को जन्में जस्टिस चंद्रचूड़ ने सेंट स्टीफन्स कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की है। लॉ की पढ़ाई के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर वकील अपना करियर शुरू किया। कुछ ही समय में हाईकोर्ट के सबसे टॉप वकीलों में उनका नाम लिया जाने लगा। साल 1998 में उन्हें देश का एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) नियुक्त किया गया। इसी साल बॉम्बे हाईकोर्ट के सीनियर एडवोकेट भी बने। 29 मार्च 2000 को उन्हें बॉन्बे हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। यहां करीबन 10 साल से ज्यादा का वक्त बिताया।

बॉम्बे हाईकोर्ट के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ का बतौर चीफ जस्टिस इलाहाबाद हाईकोर्ट तबादला हो गया। यहां 31 अक्टूबर 2013 से 12 मई 2016 तक चीफ जस्टिस रहे। इलाहाबाद हाईकोर्ट में करीब 3 साल का वक्त बिताने के बाद 2016 में सुप्रीम कोर्ट आ गए। यहीं 9 नवंबर 2022 को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया नियुक्त हुए। बतौर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 2 साल का है। वे उन चुनिंदा मुख्य न्यायधीशों में शुमार हैं, जिन्हें इतना लंबा कार्यकाल मिला। हालांकि इसके बावजूद जस्टिस चंद्रचूड़ अपने पिता और पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया वाईवी चंद्रचूड़ का रिकॉर्ड नहीं तोड़ सके। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की कुर्सी पर सबसे ज्यादा लंबे समय तक रहने का रिकॉर्ड सीजेआई चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ के नाम है। वे 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के सीजेआई थे। एक और दिलचस्प बात है कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने पिता के कई जजमेंट को पलट चुके हैं।

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