साहस और वीरता को नमन राष्ट्रपति ने भारत के सपूतों को किया
नई दिल्ली। भारत के बहादुर सपूतों के साहस और वीरता के आगे समूचा राष्ट्र नतमस्तक है। उनकी जांबाजी के परिणामस्वरुप हमसब सुरक्षित है। जिसने भी इस देश पर बुरी नजर डाली है उसे भारतीय जवानों ने मिट्टी में मिलाने का काम किया है। 25 साल पहले भी कारगिल में कुछ इसी तरह की हरकत की गई थी। जिसका हमारे बहादुर जवानों ने डटकर मुकाबला किया और दुश्मनों को खदेड़ डाला।
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इस जंग कुछ जवान शहीद भी हुए हैं। आज 26 जुलाई को उनकी शहादत को हर साल कारगिल विजय दिवस के रुप में मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कारगिल विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर युद्ध में शहीद हुए जवानों को याद किया है। मुर्मू ने एक्स पर लिखा- कारगिल विजय दिवस एक कृतज्ञ राष्ट्र के लिए हमारे सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और असाधारण वीरता को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। मैं वर्ष 1999 में कारगिल की चोटियों पर भारत माता की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले प्रत्येक सैनिक को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं।
उनकी पवित्र स्मृति को नमन करती हूं। मुझे पूरा विश्वास है कि सभी देशवासी उनके बलिदान और वीरता से प्रेरणा लेंगे। जय हिंद! जय भारत! बता दें कारगिल युद्ध 26 जुलाई 1999 को हुआ था। लगभग तीन महीने के युद्ध के बाद कारगिल की चोटियों पर पाकिस्तान पर भारत ने जीत हासिल की थी। इस युद्ध में 500 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।