भ्रष्टाचार की फाइलें 5 महीने से जिला पंचायत सीईओ के यहां खा रही धूल
पोल खोल पोस्ट सिंगरौली
जन सुनवाई में सचिव और रोजगार सहायक की खुली पोल, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पीएम आवास बिना मकान बने ही रक म आहरित
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है।
जी हां मंगलवार को जनसुनवाई में प्रधानमंत्री आवास योजना में भी गड़बड़ियां सामने आ रही हैं। सचिन और रोजगार सहायक अपने परिजनों के नाम से प्रधानमंत्री आवास बनाए बिना लाखों रुपए निकाल लिये। जबकि जमीनी पर प्रधानमंत्री आवास बना ही नहीं।
शिकायतकर्ता ने धवई गांव के प्रधानमंत्री आवास मनरेगा सहित अन्य निर्माण कार्यों की शिकायत 5 महीने पूर्व जिला पंचायत अधिकारी के यहां शिकायत कर चुका है । बावजूद इसके अभी तक भ्रष्टाचार की पहले धूल फ ांक रही है। अभी तक भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई।
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इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच हो तो इसकी आंच जिला पंचायत तक पहुंचेगी। धवई गांव के एक दर्जन से अधिक निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं। गौरतलब है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र चितरंगी में नौकर शाह समय-समय पर भ्रष्टाचार की नई इमारत लिखने का चलन कोई नया नहीं है।
आज जनपद पंचायत चितरंगी के गांव धवई निवासी लाल प्रसाद यादव ने जनसुनवाई में गांव के सचिव और रोजगार सहायक के कारनामों की जिला पंचायत अधिकारी के सामने पोल खोल दी। जहां पूरे सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहा है। शिकायतकर्ता ने बताया कि रोजगार सहायक अपने पिता और भाई सहित परिवार के अन्य सदस्यों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि निकाल ली। लाभार्थी रिश्तेदारों ने पीएम आवास की नीव भी नही रखी है और ना ही आवास बनाया है।
इसके बावजूद उस लाभ को पीएम आवास योजना की पूरी राशि भेज कर आवास पूर्ण बताया गया है। सचिन और रोजगार सहायक के कारनामों की शिकायत पांच महीने पहले की गई। लेकिन शिकायत की फाइल जिला पंचायत में ही धूल खाती रही। वहीं जिला पंचायत में पदस्थ चौधरी बाबू रोजगार सहायक को बचाने की साजिश में लगा है। ताकि भ्रष्टाचार में कमाए हुए पैसों में उसकी हिस्सेदारी ज्यादा हो।