दिल्ली

भारत के हाथ से एक और पदक फिसला इतिहास रचने से चूकी मनु भाकर

नई दिल्ली। पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए आज यानी शनिवार पर देश से लोगों की निगाह लगी थी वह इसलिए कि भारत के लिए पेरिस ओलंपिक में अब तक दो पदक जीत चुकी निशानेबाज मनु भाकर एक और मेडल की तलाश में थीं। 25 मीटर पिस्टल के सिंगल्स में दूसरा स्थान पाकर मनु ने फाइनल में जगह बनाई थी, लेकिन वह मेडल जीतने से चूक गईं।

फाइनल में शूट ऑफ में उनको बाहर होना पड़ा। आठ सीरीज के बाद 28 अंक लेकर मनु भाकर चौथे स्थान पर रहीं। पहली सीरीज में मनु भाकर ने पांच में से दो शॉट 10.2 से ऊपर मारे और उनको दो अंक मिले थे। दूसरी सीरीज में पांच में से चार शॉट मारे और चौथे स्थान पर पहुंच गईं।

और ज्यादा न्यूज़ देखने के लिए निचे दिए हुए लिंक को क्लिक करें।

नहीं बजाओगे, बेंड तो हो जाओगे सस्पेंड

तीसरी सीरीज में भी मनु ने 10.2 से ऊपर चार शॉट मारे और चौथे से दूसरे स्थान पर आ गईं। छठी सीरीज में पांच में से चार शॉट लगाते हुए वह दूसरे स्थान पर पहुंच गई। एलिमिनेशन में मनु ने पहली सीरीज में पांच में से तीन शॉट 10.2 से ऊपर मारे और छठे स्थान पर पहुंची। 5वीं सीरीज कमाल की रही और इसमें उन्होंने पांच में से पांच शॉट में फुल स्कोर करते हुए तीसरा स्थान हासिल किया।

उधर, एक-एक करके 4 शूटर एलिमिनेट हो गईं. अब मनु भाकर समेत चार शूटर बचीं. मनु का शॉट यहीं थोड़ा कमजोर पड़ गया। इसके चलते उनके और वेरोनिका मेजर के बीच तीसरे स्थान पर आने के लिए शूटऑफ हुआ। शूट ऑफ में मनु भाकर का एक कमजोर शॉट उन्हें मेडल राउंड से दूर कर गया. वेरोनिका आगे बढ़ गईं और मनु भाकर चौथे स्थान पर रह गईं।

और ज्यादा न्यूज़ देखने के लिए निचे दिए हुए लिंक को क्लिक करें।

सुरक्षा में लापरवाही बरत रहा वन विभाग प्रवासी पक्षियों की

मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में अपना अभियान दो मेडल के साथ खत्म किया. इसके साथ ही मनु भाकर ने ओलंपिक इतिहास में सबसे कामयाब भारतीय खिलाड़ी के रूप में अपना नाम दर्ज करा लिया है। भारत की इस लाडली ने पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए पहला मेडल जीता था. उन्होंने 28 जुलाई को 10 मीटर एयर पिस्टल में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। मनु ने इसके बाद 30 जुलाई, मंगलवार को सरबजोत सिंह के साथ मिलकर मिक्स्ड टीम इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता।

Author

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page