टोक्यो। जापान में राइडेबल सूटकेस के बढ़ते उपयोग के कारण कई सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। टोक्यो का हनेडा एयरपोर्ट ने फरवरी में टर्मिनल्स में राइडेबल सूटकेस के उपयोग पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
इस निर्णय का कारण यह है कि इन सूटकेस की बढ़ती संख्या के कारण यात्रियों के बीच टकराव और दुर्घटनाएं हो रही हैं।
नारिता इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने भी यात्रियों को सूचित किया है कि वे अपने आस-पास का ध्यान रखें, क्योंकि इन सूटकेस के कारण कई बार व्यवधान उत्पन्न हो चुके हैं। राइडेबल सूटकेस के सार्वजनिक सड़कों पर उपयोग ने अतिरिक्त समस्याएं उत्पन्न की हैं। जापान के ट्रैफिक कानून के अनुसार, इन सूटकेस को मोटराइज्ड बाइक्स की श्रेणी में रखा गया है।
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इसका मतलब है कि इनका उपयोग सड़क पर करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होती है। इसके अलावा इन सूटकेस को रजिस्टर करवाना पड़ता है, और इन्हें रियर-व्यू मिरर, टर्न सिग्नल्स, हेलमेट और लाइबिलिटी इंश्योरेंस से लैस करना होता है। हाल ही में जून में ओसाका में एक चीनी महिला को फुटपाथ पर बिना लाइसेंस के सूटकेस चलाने के लिए पहला जुर्माना लगाया गया। इसके अलावा, इस महीने एक इंडोनेशियाई लड़के को भी ओसाका के व्यस्त डोटोनबोरी शॉपिंग एरिया में सूटकेस चलाते हुए रोका गया क्योंकि उसके परिवार को भी लाइसेंस की आवश्यकता के बारे में जानकारी नहीं थी।
अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर राइडेबल सूटकेस की अनुमति है, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष नियम और प्रतिबंध हैं।यात्रियों को बैटरी को विमान के कैरी-ऑन बैग में ले जाना होता है, क्योंकि अतिरिक्त लिथियम बैटरी को विमान के कार्गो में रखने की अनुमति नहीं है। सिंगापुर के चांगी एयरपोर्ट ने पूरी तरह से राइडेबल सूटकेस पर पाबंदी लगा दी है।
सुरक्षा और ट्रैफिक व्यवस्थाओं के कारण यह कदम उठाया गया है। कनाडा के एयरपोर्ट्स पर लिथियम बैटरी से चलने वाले छोटे वाहनों को चेक-इन या कैरी-ऑन बैगेज में ले जाने की अनुमति नहीं है। यह सुरक्षा कारणों के चलते किया गया है, क्योंकि लिथियम बैटरियों में आग लगने का खतरा हो सकता है। एयरपोर्ट्स ने समय-समय पर कई नियम लागू किए हैं।
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मालूम हो कि जापान दुनिया में अपने इनोवेशन के लिए जाना जाता है। इस कड़ी में करीब 10 साल पहले उसने एक बेहद उपयोगी लगने वाला राइडेबल सूटकेस बनाया। दुनिया इसे फ्यूचर की टेक्नलॉजी बताने लगी। लेकिन, कुछ वर्षों के भीतर ही यह सिरदर्द बन गई।
राइडेबल सूटकेस में एक इलेक्ट्रिक मोटर और बैटरी लगी होती है, जो उन्हें खुद से चलने में सक्षम बनाती है। ये सूटकेस खासकर एयरपोर्ट्स और बड़े शॉपिंग मॉल्स में उपयोगी साबित होते हैं। इनमें से कई सूटकेस लिथियम-आयन बैटरी से चलाए जाते हैं और अधिकतम 13 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड तक पहुंच सकते हैं, जो एक अच्छी तरह से फिट जॉगर्स की औसत गति के बराबर है।
पहला राइडेबल सूटकेस 2016 में मोडोबैग नामक कंपनी ने बाजार में उतारा था। वैश्विक राइड-ऑन लगेज बाजार का 2021 में 182 मिलियन डॉलर था और अनुमान है कि यह 2031 तक 304 मिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। यह वृद्धि सूटकेस के बढ़ते उपयोग और बढ़ती मांग को दर्शाती है।