दिल्ली

बढ़ा जीएसटी संग्रह मोबाइल पीएलआई योजना से

नई दिल्ली। मोबाइल फोन कंपनियों से ञीएसटी संग्रह 1.82 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया है, जो कि सरकार द्वारा मोबाइल विनिर्माण से संबंधित प्रोत्साहन योजना के तहत आवंटित 34,149 करोड़ रुपए से पांच गुना अधिक है। भारतीय सेलुलर एसोसिएशन का अनुमान है कि वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 26 के बीच मोबाइल डिवाइसों से जीएसटी संग्रह 3.09 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने के आसार है।

वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 26 तक मोबाइल फोन विनिर्माण के लिए कुल पीएलआई व्यय अधिकतम लगभग 34,149 करोड़ रुपए रहने का अंदेशा है। हालांकि पीएलआई के लिए पात्र कंपनियां इस बात का संकेत दे रही हैं कि वित्त वर्ष 26 तक आंवटन में 10 प्रतिशत की कमी हो सकती है और यह 31,000 करोड़ रुपए के करीब रह सकता है। आईसीईए के चेयरमैन पंकज मोहिंद्रू का कहना है कि ‘जब साल 2020 में पहली बार पीएलआई योजनाओं पर चर्चा की गई थी, तब हमने सरकार को सूचित किया था कि प्रस्तावित मोबाइल पीएलआई की स्व-वित्तीय सहायता के लिए तत्कालीन 12 प्रतिशत जीएसटी काफी हद तक पर्याप्त था।

और ज्यादा न्यूज़ देखने के लिए निचे दिए हुए लिंक को क्लिक करें।

सिंधिया ने टेकरी पर दर्शन किए जनसंपर्क कर सुनीं लोगों की समस्याएं

पिछले चार वर्षों के जीएसटी संग्रह से यह साबित होता है कि स्मार्टफोन की पीएलआई काफी आत्मनिर्भर है और इस संग्रह से अन्य पीएलआई को भी वित्तीय सहायता दी जा सकती है।’ दूसरे स्तर पर बात करें, तो अकेले मोबाइल का वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 24 तक का जीएसटी संग्रह पहले ही 14 पीएलआई योजनाओं के लिए सरकार के कुल आवंटन के 92 प्रतिशत के बराबर है जो 1.97 लाख करोड़ रुपए है।

अगर आईसीईए का अनुमान सही है तो वित्त वर्ष 21 से वित्त वर्ष 26 तक का कुल जीएसटी संग्रह इन 14 पीएलआई योजनाओं के लिए कुल आवंटन का 1.5 गुना होगा। सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 को पहली तीन पीएलआई योजनाओं का ऐलान किया था जिनमें से एक मोबाइल फोन के लिए थी।

और ज्यादा न्यूज़ देखने के लिए निचे दिए हुए लिंक को क्लिक करें।

उतनी यूक्रेन ने 8 दिन में छुड़ा ली रुस ने आठ माह में जितनी जमीन कब्जा की….

उसी दिन मोबाइल फोन पर जीएसटी भी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया था। मोबाइल पर इस छह प्रतिशत के इजाफे के कारण बढ़े हुए जीएसटी से सरकार को वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 24 के बीच 60,837 करोड़ रुपए की राशि हासिल हुई है। यह उस राशि से दोगुनी (30,000 करोड़ रुपए) है जो छह साल की अवधि के दौरान मोबाइल पीएलआई योजना के जरिये आवंटित किए जाने की संभावना है।

Author

  • polkholpost

    देश में सबसे तेजी से बढ़ती विश्वासनिय न्यूज़ नेटवर्क

polkholpost

देश में सबसे तेजी से बढ़ती विश्वासनिय न्यूज़ नेटवर्क

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page