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समूह संचालक के दबंगई या विभाग की मिली भगत अबोध बच्चों के पेट में डाला जा रहा डांका…

समूह संचालक के दबंगई या विभाग की मिली भगत अबोध बच्चों के पेट में डाला जा रहा डांका…

सीधी सिंहावल। क्षतिग्रस्त भवन में संचालित है आंगनबाड़ी केंद्र बना रहता खतरा।

महिला बाल विकास के अधिकारी कर्मचारियों का नहीं होता कभी भी भ्रमण।

आंगनबाड़ी रामपुर क्रमांक 1 में रजिस्टर में बच्चों की संख्या लगभग 78 के बीच में है दर्ज़।

जिसमें तीन माह से लेकर 6 माह 35 तो 3 वर्ष से लेकर 6 वर्ष के बच्चों की संख्या 43 हैं।

दो-तीन बच्चे मात्र होते हैं उपस्थित। यदि 5 से अधिक बच्चों की संख्या बढ़ी तो मुश्किल हो जाता है खाना देना।

समूह के संचालक के द्वारा अपने घर से बना कर लाया जाता है डंड कमान्डल में बच्चों के लिए खाना।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के द्वारा भोजन पत्रक में हंड्रेड परसेंट बनाई जाती है उपस्थित।

आंगनवाड़ी केंद्र में नाम मात्र के लिए लिखा है मीनू पटल ।

कभी भी मीनू के आधार पर नहीं बटती सामग्री। कैसे बच्चे हो कुपोषण से मुक्त।

महिला बाल विकास के रामपुर आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 1 का है यह पूरा मामला।

यह एक नहीं पूरे मुख्यालय क्षेत्र में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों का यहीं हैं प्रकिया।

यहा तक कि जिले भर में हों रही संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों मे यही है स्थिति जल्द ही अन्य आंगनवाड़ी केंद्रों की तस्वीर आपके सबके सामने।

आंगनबाड़ी केंद्र रामपुर क्रमांक 1 महिला बाल विकास मुख्यालय से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित।

क्षतिग्रस्त भवन को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्रामीणों ने लिखित एवं मौखिक रूप से दे चुके हैं जानकारी क्या विभाग को लंबे हादसे का इंतजार..?

पंचायत के जनप्रतिनिधि भी नहीं डाल रहे हैं जजर भवन पर निगाह जबकि कई बार दी जा चुकी हैं सुचना।

जब से आंगनबाड़ी भवन का हुआ निर्माण आज तक किसी प्रकार की नहीं हुई मरम्मत।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने कहा नहीं आता मरम्मत के लिए कोई बजट कहा हों मरम्मत..?

आप भी देखिए कैसे ऊपर से लेकर नीचे तक कमीशन खोरी का चल रहा पूरा खेल।

।। सिंहावल से राजबहोर केवट की रिपोर्ट ।।

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