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दुनिया को नई दिशा कनेक्टिविटी से ही मिलेगी : पीएम मोदी

मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 का किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2024 (आईएमसी 2024) का उद्घाटन कर कहा कि कनेक्टिविटी से ही दुनिया को नई दिशा मिलेगी। दिल्ली के प्रगति मैदान में हो रहे इस इवेंट की थीम ‘द फ्यूचर इज नॉव’ है, जो भारत की डिजिटल क्रांति और टेलीकॉम क्षेत्र में हो रहे तेजी से बदलावों को दर्शाती है। यह आयोजन 18 अक्टूबर तक चलेगा। आईएमसी का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टेलीकॉम सेक्टर की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि आज की दुनिया, जो संघर्षों और समस्याओं से जूझ रही है, उसे कनेक्टिविटी की बहुत जरूरत है।

 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कनेक्टिविटी न केवल लोगों को आपस में जोड़ने का साधन है, बल्कि यह इक्विटी और अवसरों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है। टेलीकॉम सेक्टर में भारत की उपलब्धियां पीएम मोदी ने अपने संबोधन में टेलीकॉम सेक्टर में भारत की तेजी से हो रही प्रगति पर जोर दिया और कहा कि भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा 5जी बाजार बन चुका है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि भारत अब 6जी तकनीक पर भी काम कर रहा है। यह संकेत है कि भारत टेलीकॉम और तकनीकी क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा, टेलीकॉम सिर्फ कनेक्टिविटी तक सीमित नहीं है, यह अमीर और गरीब के बीच की खाई को पाटने का काम कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत में टेलीकॉम क्रांति ने देश के दूरदराज के इलाकों को भी जोड़ने का काम किया है।

 

देश के पहाड़ी और सीमावर्ती क्षेत्रों में मोबाइल टावर लगाए गए हैं, जिससे उन इलाकों में भी लोगों को सस्ती और तेज इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आज भारत में हर जिला 5जी सेवाओं से जुड़ चुका है और यह भारत को एक डिजिटल राष्ट्र के रूप में मजबूत कर रहा है। टेलीकॉम सेक्टर में सुधारों ने बदली तस्वीर पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत ने जिस तेजी से ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क बिछाया है, वह अद्वितीय है। उन्होंने कहा, पिछले 10 वर्षों में भारत ने जितना ऑप्टिकल फाइबर बिछाया है, वह धरती से चंद्रमा की दूरी से आठ गुना ज्यादा है। यह दिखाता है कि कैसे भारत ने दूर-दराज के इलाकों में इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने के लिए अभूतपूर्व काम किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि 2014 में देश में केवल दो मोबाइल निर्माण इकाइयां थीं, लेकिन आज यह संख्या 2,000 से अधिक हो चुकी है। इससे भारत एक प्रमुख मोबाइल निर्माता और निर्यातक देश के रूप में उभर रहा है।

 

उन्होंने कहा कि मेड इन इंडिया के तहत मोबाइल निर्माण में तेजी आई है और अब भारत अपने चिप्स से लेकर फिनिश्ड प्रोडक्ट तक खुद बनाने की दिशा में काम कर रहा है। सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़े निवेश के साथ, भारत जल्द ही इस क्षेत्र में भी अग्रणी भूमिका निभाने वाला है। डिजिटल इंडिया की सफलता पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने 10 साल पहले डिजिटल इंडिया का विजन पेश किया था, तब उन्होंने कहा था कि हमें टुकड़ों में नहीं बल्कि समग्र दृष्टिकोण के साथ काम करना होगा। डिजिटल इंडिया के चार प्रमुख स्तंभ- किफायती डिवाइस, व्यापक डिजिटल कनेक्टिविटी, सस्ता डेटा और डिजिटल-फर्स्ट अप्रोच- को लागू करने से भारत ने बड़ी सफलता हासिल की है। उन्होंने बताया कि डेटा की कीमतों को कम करने के लिए किए गए सुधारों से आज भारत में डेटा की कीमत दुनिया में सबसे कम है। भारत में एक जीबी डेटा की कीमत केवल 12 सेंट है, जबकि दुनिया के अन्य देशों में यह 10 से 20 गुना तक महंगा है। इस वजह से आज एक भारतीय औसतन हर महीने 30 जीबी डेटा का उपयोग कर रहा है, जो वैश्विक स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि है। डिजिटल प्लेटफार्म से पैदा हुए लाखों अवसर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के डिजिटल प्लेटफार्मों की सफलता पर भी चर्चा की।

 

उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया ने लाखों रोजगार और अवसर पैदा किए हैं। जनधन, आधार और मोबाइल की तिकड़ी ने नए इनोवेशन और स्टार्टअप्स के लिए अवसरों के द्वार खोले हैं। यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने देश में फिनटेक क्रांति को जन्म दिया है, जिससे आज डिजिटल भुगतान में भारत विश्व में अग्रणी बन गया है। प्रधानमंत्री ने ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह भारत में डिजिटल कॉमर्स में क्रांति लाने वाला है। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक मजबूत डिजिटल प्लेटफार्म है जो दुनिया को भी अपने वेलफेयर योजनाओं और सेवाओं में नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरु हुआ यह आयोजन 18 अक्टूबर तक चलेगा। इसकी थीम ‘द फ्यूचर इज नॉव’ है, जो भारत की डिजिटल क्रांति और टेलीकॉम क्षेत्र में हो रहे तेजी से बदलावों को दर्शाती है।

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