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सबसे ज्यादा पैसा यहां करते हैं खर्च भारतीय त्यौहार में

त्यौहारों को इसतरह ही नहीं भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था की रीढ़ माना गया है। हर साल त्यौहारी सीजन में लाखों करोड़ का कारोबार होता है। लोग सोना-चांदी , कार, टीवी, आदि खरीदते है। लेकिन क्या आपकों पता हैं कि आखिर ऐसी क्‍या चीज है जिस पर लोग हर त्यौहारों में सबसे ज्‍यादा खर्चा करते हैं। कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अनुमान लगाया है कि सबसे ज्‍यादा खर्चा इसी कैटेगरी में होना है। कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के तहत 4.25 लाख करोड़ के अनुमानित व्यापार में लगभग 13 प्रतिशत खाने-पीने की चीजों और किराना के सामानों पर खर्च होगा। यह किसी भी अन्य खर्च में सबसे ज्‍यादा है। दूसरे नंबर पर कपड़े आते हैं, इसपर 12 फीसदी।

 

इसके बाद 9 प्रतिशत ज्वेलरी में, 4 प्रतिशत ड्राई फ्रूट, मिठाई एवं नमकीन, 3 प्रतिशत घर की साज-सज्जा, 6 प्रतिशत कॉस्मेटिक्स, 8 प्रतिशत इलेक्ट्रॉनिक्स एवं मोबाइल, 3 प्रतिशत पूजन सामग्री एवं पूजा वस्तुओं, 3 प्रतिशत बर्तन तथा रसोई उपकरण, 2 प्रतिशत कॉन्फ़ेक्शनरी एवं बेकरी, 8 प्रतिशत गिफ्ट आइटम्स, 4 प्रतिशत फ़र्निशिंग एवं फर्नीचर और शेष 20 प्रतिशत ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर, इलेक्ट्रिकल, खिलौने आदि पर होते है। बाजार के लिहाज से दिवाली पर देश के 70 प्रमुख शहरों 4.25 लाख करोड़ रुपये का कारोबार की उम्मीद है। पिछले साल यह आंकड़ा लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये था। इस बार सिर्फ दिल्ली में 75 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हो सकता है।

 

कैट महासचिव ने बताया कि हर साल त्यौहारों पर करीब 70 करोड़ ग्राहक खरीदारी करते हैं। चीनी सामानों के बायकाट की वजह से बाजार में चीन के प्रोडक्‍ट कम ही दिखाई देने वाले है। कैट महासचिव का कहना है कि छोटे दुकानदारों को भी इस त्‍योहार पर बड़ा काम मिलने की संभावना है। इसमें विशेष रूप से गिफ्ट आइटम्स, मिठाई-नमकीन, ड्राई फ्रूट, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, वस्त्र, आभूषण, कपड़ा, बर्तन, क्रॉकरी, मोबाइल, फर्नीचर, फर्निशिंग, रसोई के उपकरण, घर सजाने का सजावटी सामान, फुटवियर, सौंदर्य प्रसाधन, कास्मेटिक्स, कंप्यूटर एवं आई टी उपकरण, स्टेशनरी, बिजली का सामान, फल, फूल, पूजा सामग्री, मिट्टी के दिये आदि की ब्रिकी सबसे ज्‍यादा रहेगी।

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