घटिया निर्माण कार्यों पर होगी राशि वसूली,तत्कालीन प्रभारी एसडीओ पर गिर सकती है गाज…
घटिया निर्माण कार्यों पर होगी राशि वसूली,तत्कालीन प्रभारी एसडीओ पर गिर सकती है गाज…
मामला जनपद पंचायत मझौली के ग्राम पंचायतों का…
संजय सिंह मझौली पोल खोल
जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में लाखों के निर्माण कार्य कराए गए थे लेकिन उन कार्यों की गुणवत्ता की पोल बरसात के आगाज होते ही खुलने लगी थी जहां लाखों रुपए से निर्मित स्टाफ डेम, पुलिया एवं तालाब बह गए थे जिससे तत्कालीन तकनीकी अमला सवालों के घेरे में आ रहा है। जिनको लेकर 4 व 5 अगस्त को समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित की गई थी जिसको गंभीरता से लेते हुए मुख्य कार्यपालक अधिकारी जिला पंचायत सीधी अंशुमन राज के द्वारा संज्ञान लेते हुए तत्कालीन प्रभारी अनुभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा मझौली ए के द्विवेदी को जिम्मेदार मानते हुए नोटिस जारी किया है जिसमें कहा गया है कि ग्राम पंचायत चमराडोल के पड़वारी नदी के कछरा में स्टाफ डैम निर्माण स्वीकृत राशि 14.99 लाख एवं ग्राम पंचायत बोदारी टोला अहिरान बस्ती पश्चिम टोला में पुलिया निर्माण जिसकी लागत 9.55 लाख प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई थी कार्य के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि पुलिया की अवटमेंट पलट गया है और बिगबाल टूट गई है।
स्थल पर पुलिया छतिग्रस्त होने के कारण पुलिया का नींव खुदाई कम होना पाया गया जिस कारण पुलिया छतिग्रस्त हुई है एवं स्वीकृत राशि वसूली योग्य है। पत्र में कहा गया है कि आपका यह कृत्य लापरवाही,स्वेक्षाचारिता एवं उदासीनता का द्योतक है जो मध्य प्रदेश सिविल सेवा आचरण 1965 के नियम 3 के प्रतिकूल होने से दंडनीय है। पत्र में निर्देशित किया गया है कि 21 नवंबर को दोपहर 3:00 बजे अधोहस्ताक्षरित के समक्ष उपस्थित होकर अपना प्रतिवाद उत्तर साक्ष्य सहित प्रस्तुत करें
जवाब समय से समाधानपूर्वक ना पाए जाने की स्थिति में मध्य प्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 9 (1) के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जाए जाएगी।
इन ग्रामों के घटिया निर्माण कार्य को लेकर प्रकाशित हुई थी खबर
ग्राम पंचायत चमराडोल के पटवारी नाला में कछरा जंगल के पास निर्मित 15 लाख रुपए का स्टाप डेम व ग्राम पंचायत बोदारी टोला के पश्चिम टोला अहिरान बस्ती के पास बनी पुलिया ग्राम पंचायत सिरौला में नवीन तालाब व डॉगा में बने नवीन अमृत सरोवर व तालाब भी इसी बारिस में बह गए थे।