नपा ने फुटपाथ का अतिक्रमण हटाया तो नाराज व्यापारियों ने सड़क पर ठेले खड़े कर लगा दिया जाम…
नपा ने फुटपाथ का अतिक्रमण हटाया तो नाराज व्यापारियों ने सड़क पर ठेले खड़े कर लगा दिया जाम…
आधे घंटे से अधिक समय तक चला हंंगामा,कोतवाली व यातायात पुलिस ने संभाला मोर्चा…
सीधी:- जिला अस्तपताल के सामने फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले व्यापारियों को हटाने नगर पालिका की टीम पहुंची तो व्यापारियों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए हंगामा शुरू कर दिया। नाराज हाथ ठेला व्यापारियों ने कलेक्ट्रेट मार्ग में ठेले खड़े कर विरोध जताने लगे, जिससे सडक़ पर जाम लग गया। नगर पालिका का अतिक्रमण दस्ता ठेला व्यापारियों के इस विरोध प्रदर्शन से बैकफुट में आ गया, लेकिन व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। जानकारी मिलने पर यातायाता थाना कोतवाली पुलिस का बल पहुंच कर मोर्चा संभालते हुए जाम खुलवाने में जुट गया। व्यापारी विरोध करते रहे, लेकिन पुलिस ने सभी ठेले सडक़ से किनारे कर जाम खुलवाया। दोपहर करीब 12 बजे से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन एक बजे समाप्त हो पाया।
नपा पर व्यापारियों ने सौतेले व्यवहार का लगाया आरोप:-
विरोध प्रदर्शन पर उतरे हाथ ठेला व्यापारियों का कहना था कि नपा द्वारा अतिक्रमण हटाने के नाम पर सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। अस्पताल तिराहे से लेकर सम्राट चौक तक फुटपाथ पर दुकाने सज रही हैं, लेकिन नपा द्वारा केवल जिला अस्पताल के सामने से ही ठेले हटवाये जा रहे हैं। व्यापारियों का कहना है कि यदि अतिक्रमण हटाना ही है तो सभी को हटाया जाए।
शहर का नहीं हट पा रहा अतिक्रमण-
पिछले एक सप्ताह से नपा द्वारा शहर के फुटपाथ से अतिक्रमण हटवाने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन कुछ खास सफलता नहीं मिल पा रही है। बीते दिनों मानस भवन, पूजा पार्क के सामने व गांधी चौक के फुटपाथ का अतिक्रमण हटाया गया था। लेकिन व्यापारियों ने फिर दुकानें सजा ली।
व्यापारियों ने सुनाया दर्द,बहने लगी आंखो से आंसू –
व्यापारी कौशिल्या जायसवाल,रामकुमार जायसवाल,सुनीता गुप्ता,सावित्री गुप्ता ने विलखते हुए कहा कि दिन भर ठेला लगाते हैं, जो कमाते हैं, उसी से खाते हैं। नगर पालिका द्वारा आए दिन परेशान किया जाता है।आधे लोगों का ठेला लगा है, आधे लोगों का ठेला हटाया जा रहा है। कहते हैं, यहां लगाओगे तो सामान जब्त कर लेंगे। बताइये हम गरीब कहां जाएं।
हमारी दुकानें जिला अस्पताल के बाउंड्री से सटाकर लगती हैं, सडक़ की पटरी भी खाली रहती है, फिर हटाया जा रहा है, हमारी रोजी रोटी छीनी जा रही है।बाजार में जहां असली अतिक्रमण है, वहां अतिक्रमण हटाने की हिम्मत नहीं होती। क्योंकि वहां नेता सिफारिस कर देते हैं, हम गरीब हैं, राजनैतिक पहुंच नहीं है, इसलिए हमें हटाया जा रहा। रोड के किनारे दीवाल से सटाकर ठेला लगाते हैं। नगर पालिका वाले आए दिन परेशान कर रहे हैं। दिन भर में तीन-चार सौ कमा पाते हैं, ये पांच सौ जुर्माना कर देते हैं, कहां से भरे।