सीधी

हर ओर शोर के मानक को तोड़ रहे जिम्मेदारों का नहीं ध्यान, हो रहे कान खराब…

शोर की तीव्रता मापन के लिए मशीन ही नहीं है जिम्मेदारों के पास..

हर ओर शोर के मानक को तोड़ रहे जिम्मेदारों का नहीं ध्यान, हो रहे कान खराब…

अर्द्धवार्षिक परीक्षा नजदीक, ऐसे में प्रभावित होगी बच्चों की तैयारी…

सीधी:- आगामी 9 दिसंबर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं प्रारंभ हो रही है। कचरा वाहन अलसुबह से आना प्रारंभ कर देते हैं। ऐसे में घर-घर और मोहल्ले मोहल्ले पहुंचने वाले कचरा संग्रहण वाहनों के माइक की कान फाडू आवाज से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की आशंका बनी रहती है।

 

सरकारी अमला मचा रहा गलियों में शोर
9 दिसंबर से कक्षा 9वीं से 12वीं तक की अर्द्ध वार्षिक परीक्षाएं प्रारंभ होने वाली है। इसमें गली-मोहल्ले में घूमने वाले सरकारी वाहनों के कान फाडू शोर से विघ्न उत्पन्न हो रहा है। चिंता की बात यह है कि यह शोर खुद सरकारी विभाग ही कर रहा है। इसको रोकने वाला विभाग ही ध्वनी प्रदूषण नियंत्रण को लेकर संजीदा नहीं है। जिले में शोर को कम करने के लिए कोई प्रयास अब तक नहीं किए गए हैं। कहने को भले अधिक शोर करने पर रोक हो, लेकिन हकीकत यह है कि इसको न तो साउंड मीटर से मापा जा रहा है। न ही इसको कम करने के कोई प्रयास हो रहे हैं।जिले में प्रतिदिन सबसे अधिक निरंतर रहवासी क्षेत्रों में ही हो रहा है। ध्वनी प्रदूषण अधिनियम में संशोधन 2010 के अनुसार वाणिज्य क्षेत्र उसे माना गया है जहां भीड़ अधिक हो, शांत उसे माना गया जहां अस्पताल, कोर्ट,कलेक्ट्रेट आदि हो,जबकि जहां लोग कॉलोनी में रहते है उसको आवासीय क्षेत्र माना गया है। कचरा संग्रहित करने वाले वाहनों के माइक की आवाज नियंत्रित करने के लिए नगरपालिका परिषद को आवश्यक कदम उठाना चाहिए।

 

हाई व हायर सेकेंडरी की अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं 9 से

कक्षा 9वीं एवं कक्षा 10वीं का 9 दिसंबर को सुबह 9 से 12 बजे तक हिन्दी, 10 दिसंबर को सामाजिक विज्ञान, 11 दिसंबर को अंग्रेजी, 12 दिसंबर को संस्कृत, 13 दिसंबर को गणित, 14 दिसंबर को विज्ञान, 16 दिसंबर को दोपहर 1.30 से 4.30 बजे तक एनएसक्यूएफ के समस्त विषय, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, 17 दिसंबर को 1.30 से 4.30 बजे तक उर्दू और 18 दिसंबर को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक मराठी, गुजराती, पंजाबी, सिंधी, पेंटिंग, गायल-वादन, तबला पखावज, कम्प्यूटर की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। इसी प्रकार कक्षा हायर सेकेंडरी की कक्षा 11 वीं और 12वीं की परीक्षाएं भी 9 दिसंबर से प्रारंभ हो रही है। इसमें 9 दिसंबर को सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक मनोविज्ञान, दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक भौतिक शास्त्र, अर्थशास्त्र, एनीमल हसबैंडरी, मिल्क ट्रेड पॉल्ट्री फार्मिंग एंड फिशरीज, विज्ञान के तत्व, भारतीय कला का इतिहास, 10 दिसंबर को सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक इडिंग एंड डिजाइन, दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक हिन्दी, सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक बायोटेकनालॉजी, गायन, वादन, तबला पखावज, दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक अंग्रेजी, 12 दिसंबर को सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक इंफॉरमेटिक प्रेक्टिसेस, राजनीति शास्त्र दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक जीव विज्ञान, कृषि (कला समूह), 13 दिसंबर को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक रसायन शास्त्र, इतिहास, व्यवसाय अध्ययन, एलीमेंट ऑफ साइंस एंड मैथमेटिक्स यूजफुल फॉर एग्रीकल्चर, ड्रॉइंग एंड पेंटिंग, गृह प्रबंध पोषण एवं वस्त्र विज्ञान, 14 दिसंबर को सुबह 9 से दोपहर 12 बजे तक समाज शास्त्र व लेखा शास्त्र, दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक गणित व भूगोल, 16 दिसंबर को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक एनएसक्यूएफ के समस्त विषय, शारीरिक शिक्षा, 17 दिसंबर को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक क्राप प्रोडक्शन एंड हर्टिकल्चर, स्टिल लाइफ एंड डिजाइन, शरीर रचना क्रिया विज्ञान एवं स्वास्थ्य, शरीर रचना क्रिया विज्ञान एवं स्वच्छता, 18 दिसंबर को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक संस्कृत और 19 दिसंबर को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक उर्दू और मराठी विषय की परीक्षा होगी।

 

तीव्रता मापक यंत्र का नहीं होता उपयोग
डॉ. मनमोहन यादव की सरकार ने सबसे पहला निर्णय ध्वनी विस्तार यंत्रों की तीव्रता नियंत्रित करने का निर्णय लिया था। कुछ दिनों तक इसका पालन भी किया गया। धार्मिक स्थलों से कान फाडू माइक हटाए भी गए। कुछ समय शोर से शांति मिली, लेकिन फिर हालात जस के तस बन गए। अल सुबह से कान फाडू आवाज कानों में गूंजने लगती है। इस पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदार अब जहमत नहीं उठा रहे हैं। इससे परेशानी सबको हो रही है, लेकिन ऐसा लगता है कि सभी ने कानों में रुई डाल रखी है। धार्मिक स्थलों पर पहुंचकर पुलिस और प्रशासन के जिम्मेदारों ने माइक की तीव्रता को मशीन की मदद से मापा भी था। इसके बाद कई धार्मिक स्थानों से बड़ी संख्या में माइक हटवाए गए थे। इससे कुछ हद तक ध्वनी प्रदूषण पर रोक लगी थी, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप के बाद कुछ समय में ही कान फाडू माइक की आवाज धार्मिक स्थलों से गूंजने लगी। अब शहर में कचरा संग्रहण करने वाले वाहनों के माइक से एक नई समस्या सामने आई है। इनकी तीव्रता भी आवश्यकता से कहीं अधिक रहती है। कुछ समझदार कचरा संग्रहण वाहन चालक अपने माइक की गति सामान्य रखते हैं, लेकिन कुछ वाहनों के माइक अल सुबह से ही चीखने लगते हैं। ऐसा प्रतीत होता है मानो इन्हें नियमों की कोई परवाह ही नहीं है।

 

शहर मे लगा विराम तो ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू है डीजे का तांडव:-
शहरी क्षेत्रों में तो पुलिस ने रात 10 बजे निकलकर मैरिज गार्डनों मे जाकर डीजे बजना बंद करवा रही हैं वही डीजे बंद कराने के दौरान पुलिस के साथ नोकझोंक भी की जा रही हैं,बीते दिनों शहर के थानो मे डीजे संचालकों के खिलाफ कार्यवाही भी गई, लेकिन ग्रामीण इलाकों में डीजे संचालकों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से डीजे संचालकों के तांडव मचा रखा है।ये निर्धारित समय के बावजूद भी अपने मनमर्जी हिसाब से डीजे बजा रहे हैं।ग्रामीण क्षेत्रों के प्रलय शुक्ला व अवंतिका सिंह का कहना था कि शहर मे तो डीजे पर नकेल कसी जा रही हैं,पुलिस को ग्रामीण इलाकों में भी कार्यवाही करते हुए डीजे संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करने की आवश्यकता है।

 

पुलिसकर्मियों सता रहा डर:-
इन दिनो पुलिसकर्मियों को डीजे की शोर का डर सता रहा है।निर्धारित समय के बाद अगर डीजे की आवाज की भनक तनिक भी पुलिसकर्मियों को लगती हैं तो वे दौड़े भागे जाकर पहले डीजे बंद करवा रहे है।मजे की बात तो यह थी कि इन दिनो पुलिस गाड़ी से उतरकर सड़क मे कान लगाकर डीजे की आवाज सुन रही हैं।पुलिस को डर सता रहा है कि कही सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।

 

कम होना चाहिए शोर की तीव्रता
हमारी अर्द्ध वार्षिक परीक्षा का टाइम टेबल आ गया है। जल्द परीक्षा प्रारंभ होने वाली हैं। ऐसे में सुबह सुबह अचानक कचरा वाहन के माइक की आवाज से पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। माइक की तीव्रता कम होना चाहिए।
दिव्यांश मिश्रा, कक्षा 11 वीं

काफी तेज रहती है आवाज
मैं प्रतिदिन सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करती हूं। सुबह-सुबह कचरा वाहन मोहल्ले में आ जाता है। इसके माइक की काफी तेज आवाज रहती है।
अवंतिका शर्मा, कक्षा 9वीं

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