मध्य प्रदेशसिंगरौली

चिकित्सको का मामला इन्ट्री 10:15, आउट 1:15

जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर का हालेबयां, लगाम कसने में सिविल सर्जन हो रहे नाकाम

जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर की स्थिति बद से बदहाल होती जा रही है। चिकित्सको की मनमानी को रोकने में सीएमएचओ व सिविल सर्जन नाकाम दिखाई दे रहे हैं। क्यांकि न आने का समय निर्धारित है और न ही चिकित्सको का जाने का समय निर्धारित है। ऐसे में मरीज दरदर भटकने को मजबूर हैें।

गौरतलब हो कि सरकार ने शासकीय चिकित्सालयों में डॉक्टरों के आने का समय सुबह 10 बजे निर्धारित किया है और जाने का समय 2 बजे । इस बीच ड्यूटी डॉक्टर हॉस्पिटल में 1 घंटे भर्ती मरीजो का चेकअप व दावा लिखने में समय देते हैं। इसके बाद 11 बजे से ओपीडी में मरीजो को देखते हैं। लेकिन जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर में हर कार्य उल्टा हो रहा है। ओपीडी में डॉक्टर बैठेंगे की नही, इसकी कोई गारंटी नही है। भले ही मरीज डॉक्टरों के नाम से ओपीडी की पर्ची कटवाकर घंटो तक लाईन लगाकर डॉक्टरों का इंतजार करते हैं। पता चलता है कि डॉक्टर राउंड में गये थे। वहां से निकले तो कहां गये कोई रता-पता नही रहता। प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो जिला चिकित्सालय में पदस्थ चिकित्सक पूरी तरीके से बेलगाम हो चुके हैं। इन डॉक्टरों को किसी भी अधिकारी का डर नही है। अब आना है कब जाना है, कोई सेड्यूल निर्धारित नही है। यह चिकित्सक पूरी तरीके से अपने मनमानी रवैया से काम कर रहे हैं। अगर कोई मरीज इन डॉक्टरो से कुछ देर के लिए विधिवत कोई जानकारी लेना चाहता है तो यह चिकित्सक ओपीडी में बैठकर यह कहते हैं कि हॉस्पिटल में बताने का समय मेरे पास नही है। क्योंकि यहां मरीजाो की भीड़ है। इनके पर्ची पर जल्दी दवा लिखना है। विधिवत जानकारी लेना है तो इस जगह पर क्लीनिक है, वहां पर आइये।

खून जांच मशीन कई दिनों से खराब
सूत्रों की बातों पर गौर करे तो जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर का हालेबयां इस कदर खराब है कि यहां कोई सुनने को तैयार नही है। मरीज सेम्पल लेकर भटक रहे हैं, लेकिन उनकी जांच नही हो पा रही है। पैथालॉजी के सामने दर्जनों की संख्या में उमड़ी भीड़ से जब पूछा गया कि क्यों आप लोग खड़े हैं, क्या जांच नही हो पा रही है। तो मरीजो ने कहा कि हमलोग खून का सेम्पल लेकर खड़े हैं। पैथालॉजी में तैनात कर्मचारी बता रहे हैं कि खून जांच की मशीन खराब है। बताया जाता है कि हफ्ते भर से खून जांच की मशीन जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर की खराब पड़ी हुई है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारी बनवाने की जहमत नही जुटा पा रहे हैं। यह कोई खून जांच मशीन की ही बात नही है, कई ऐसे जिला चिकित्सालय में कार्य हैं जो बदहाल हैं, उसे सुधरवाने में जिम्मेदार हिलाहवाली बरत रहे हैं और मरीज परेशान हैं।

चिकित्सको के अंधेरगर्दी पर लगाम नही
जिला चिकित्सालय सह ट्रामा सेन्टर में पदस्थ चिकित्सको के आने का समय सुबह 10 बजे से 2 बजे तक सेवा देना है। लेकिन चिकित्सालय के चिकित्सक नियम विपरित कार्य कर रहे हैं। आज दिन बुधवार को देखने को मिला कि अधिकांश चिकित्सक 10:15 पर चिकित्सालय आये और दोपहर 12:30 से लेकर 1:15 तक ओपीडी से चिकित्सक नदारत रहें। जबकि मरीजो की लाईन लगी हुई थी, अचानक डॉक्टर ओपीडी छोड़ कर भाग जाते हैं। यह कोई एक दिन का मामला नही है, प्रतिदिन इसी तरह का खेल चल रहा है। इन चिकित्सको पर न तो सीएमएचओ का डर है और न ही सिविल सर्जन का। पूरी तरीके से अपनी मनमानी पर उतारू हैं। ऐसे में मरीज इन डॉक्टरों के क्लीनिक पर दवा कराने को मजबूर हैं।

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