कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए प्रणव पाठक,सिहावल विधानसभा की राजनीति में आया एक नया उफान,क्या सिहावल विधानसभा की राजनीति हुई गर्म ?
सिंगरौली/ सीधी। कांग्रेस पार्टी के नेता व जनपद पंचायत अध्यक्ष देवसर प्रणव पाठक वीरु ने आज दिनांक 22 अगस्त को प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, उपाध्यक्ष श्री कांतदेव सिंह व संगठन महामंत्री श्री हितानंद शर्मा के नेतृत्व में सदस्यता ग्रहण की।
यह ज्ञात हो की श्री पाठक जनपद की अध्यक्ष पद के चुनाव से ही कमलेश्वर पटेल से पर्याप्त मानसिक दूरी बन गई थी। और विगत माह हाल ही में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जी के कार्यक्रम के उपरांत ही श्री पाठक ने कमलेश्वर पटेल पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। और श्री पाठक ने कमलेश्वर पटेल की शिकायत भी प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से शिकायत की थी । लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। जिससे रूष्ट होकर श्री पाठक भारतीय जानता पार्टी का दामन थमना उचित समझा । अगर श्री पाठक के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात की जाए तो इनके बाबा स्वर्गीय श्री लक्ष्मीकांत पाठक कांग्रेस पार्टी से इसी क्षेत्र से विधायक थे। इनके पिता स्वर्गीय श्री कौशलेंद्र पाठक इस क्षेत्र के जाने माने समाजसेवी वा कांग्रेस नेता थे। जो पंचायती राज व्यवस्था में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए समाजसेवा की। इनकी मां स्वर्गीय श्रीमती चंद्रप्रभा पाठक भी जिला पंचायत सदस्य थीं। मां बाप के देहावसान के उपरांत राजनैतिक वारिस के रूप में श्री प्रणव पाठक नौढ़िया वार्ड से जनपद सदस्य निर्वाचित होते हुए जनपद अध्यक्ष हुए। श्री पाठक वैसे भी हरिजन आदिवासी वा पिछड़ों में काफी लोकप्रिय माने जाते हैं। क्योंकि इनके पिता की ही धरोहर मानी जाती है जो ये बड़े तन्मयता से संभाल कर रखा हुआ है ।
राजनैतिक जानकारों का मानना है की श्री पाठक के भाजपा में जाने से कांग्रेस पार्टी को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा और उन लोगों का यह भी मानना है की अगर भाजपा सिहावल 78 में उम्मीदवार के रूप में विश्वास करती है तो कमलेश्वर पटेल को सिहावल विधानसभा के अतिरिक्त अन्य किसी भी विधानसभा में चुनाव प्रचार करने जाने पर काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा । यद्यपि यह अलग बात है की कमलेश्वर पटेल दो पंचवर्षीय से सिहावल के विधायक है और आज अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी में सीडब्ल्यूसी में सदस्य भी है। लेकिन इसके बावजूद भी श्री पाठक के भाजपा में जाने से इतने बड़े पद में होने के बाद भी सिहावल विधानसभा छोड़ने की ना कर पाएंगे ।