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कोयले के अवैध कारोबार पर नहीं लग रहा विराम_खनिज विभाग के संरक्षण में तेजी से फलफूल रहा व्यवसाय।

कोयले के अवैध कारोबार पर नहीं लग रहा विराम_खनिज विभाग के संरक्षण में तेजी से फलफूल रहा व्यवसाय।
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प्रशासन चाहे लाख दावा कर ले लेकिन कोयले का अवैध व्यापार थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रतिदिन दर्जनों ट्रक में अवैध कोयला लोड कर फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सीधे डंपिग यार्डो में पहुंचाया जा रहा है। प्रशासन को जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। कोयला संचालकों द्वारा राजस्व विभाग को लाखों रुपए का नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कोयला के अवैध कारोबार में कुछ रसूखदारों के भी नाम सामने आ रहे हैं। कोयले का अवैध कारोबार वर्षों से संचालित है। इसकी जानकारी राजस्व व माइनिंग विभाग को भी है, लेकिन इस पर रोक लगाने सार्थक पहल नहीं की गई। कोयला का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से चल रहा है। वहीं चंद सिक्कों की खनक के आगे लोग अपना ईमान और ईमानदारी दोनों को ताक पर रख काली कमाई में लागे हुए हैं जहां पर पैसों और आधुनिकता की होड़ दिखाने के चक्कर में लोग शासन को प्रति माह लाखों रूपए का चूना लगा रहे हैं।
लंबे समय से चल रहे इस अवैध कारोबार में खनिज विभाग, राजस्व के लोग भी उन्हें संरक्षण देते हुए रोजाना अवैध कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं।
सेटिंग के इस खेल में कोयला तस्कर का गैंग इतना मजबूत है कि वे दिन हो या रात बड़े आराम से अवैध कोयला खदानों से अपने वाहन न केवल निकालते हैं बल्कि डंपिग तक पहुंचाने में कामयाब हो जाते हैं।
सरकार के ही कुछ समर्थक कोयला तस्करों के साथ मिलकर तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं और जगह-जगह अवैध कोयला उत्खनन का कारोबार इतना फैल गया है कि इन्हें रोक पाना शायद अब प्रशासन के हाथ में नहीं रहा। थानों के साथ-साथ तहसील कार्यालयों में बैठे अधिकारियों और वहां स्थित वन विभाग के कार्यालयों में भी है पर कार्रवाई नहीं करने के नाम पर मिलने वाली रकम के अलावा वे सीधा समर्थन कोयला तस्करों को ही कर रहे हैं।
रोजाना आती है अवैध गाडिय़ां
कोयला तस्कर जिला प्रशासन को ही नहीं बल्कि राज्य सरकार को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो रोजाना अवैध कोयले से लदी 10 से 15 से भी अधिक गाडिय़ां अलग-अलग जगहों से निकलती है और ये कोयला ईंटा भट्टों के अलावा कई उद्योगों में खपाकर प्रतिदिन लाखों रुपए की कमाई की जाती है। जिसमें से हिस्सा का बंटवारा होनें से इसे हरी झंडी सेटिंग वाले अधिकारी दे रहे हैं। एक जानकारी के अनुसार कुछ सफेदपोश लोग भी अपनी फिक्स रकम लेने के चलते इस कारोबार में पुरा सहयोग दे रहे हैं चूंकि कोयला तस्कर सीधे-सीधे अपनी काली कमाई में से उनको हिस्सेदार बनाने में नहीं चुक रहे हैं।
बहरी से सीधी तक चल रहा खेल
कोयले का अवैध कारोबार करने वाले ये व्यवसायी सीधी जिले के बहरी थाना क्षेत्र से इसकी शुरुआत करते हैं। सूत्रों की मानें तो कोयले का अवैध कारोबार बहरी में कई जगह संचालित है इसके अलावा जिला मुख्यालय में यह कारोबार काफी तेजी से दौड़ रहा है।
सूत्र बताते हैं कि जिला मुख्यालय में दर्जनों व्यवसायी दुकान का नाम किसी और कारोबार का दे रखें है लेकिन करते कुछ और हैं।
स्थानीय लोगों ने इस ओर जिला कलेक्टर का ध्यान आकृष्ट करना चाहा है
तथा उनसे अपेक्षा की है कि खनिज विभाग के संरक्षण में चल रहे इस कारोबार पर नकेल करते हुए ठोस कार्रवाई करें।

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