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डाली थी डकैती युवकों ने नए साल की पार्टी के लिए

लखनऊ के गोसाईंगंज पुलिस ने डकैती की वारदात का खुलासा कर सात बदमाशों को गिरफ्तार किया। इसमें एक नाबालिग भी शामिल है। पुलिस का दावा है कि आरोपी नशे में धुत थे। नए साल का जश्न मनाने के लिए रुपये कम पड़ गए थे। इसलिए डाका डालकर मौरंग भरा ट्रक ले गए थे। छह आरोपियों को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेजा गया जबकि बाल अपचारी को बाल सुधार गृह भेज दिया गया।

31 दिसंबर की रात गोसाईंगंज में नई जेल रोड पर कार सवार बदमाश डाका डालकर मौरंग भरा ट्रक ले गए थे। ट्रक चालक व परिचालक को पीटकर छोड़ा था। दूसरे दिन पुलिस को दुबग्गा में ट्रक खड़ा मिला था। एडीसीपी साउथ शशांक सिंह ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज व सर्विलांस की मदद से वारदात का खुलासा कर कल्ली पश्चिम निवासी विकास रावत, अमन रावत, साहिल रावत, गोविंद रावत, मोहनलालगंज के सौरभ रावत व कमलापुर बिजनौर के अभिषेक यादव व एक किशोर को दबोचा गया। विकास पेशे से पेंटर और अभिषेक ड्राइवर है। यही दोनों गिरोह के सरगना हैं। इन पर लूट व आर्म्स एक्ट के आधा दर्जन केस दर्ज हैं।

इसलिए इस ट्रक को बनाया निशाना
पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को बताया कि उन्हें पता है कि जो भी नए ट्रक हैं उनमें जीपीएस लगा रहता है। इसलिए उन्होंने उसी ट्रक को निशाना बनाया जो काफी पुराना दिखा। यकीन था कि उसमें जीपीएस नहीं होगा। दुबग्गा में ट्रक को ठिकाने लगाया था। एक-दो दिन में वह वापस जाकर मौरंग को मंडी में बेचते मगर उसके पहले ही पुलिस ने ट्रक बरामद कर उनको गिरफ्तार कर लिया।

आखिर पहले क्यों नहीं दर्ज की थी डकैती की रिपोर्ट
पुलिस ने प्रकरण में लूट का मुकदमा दर्ज किया था। जबकि परिचालक अजीत ने पुलिस को बताया था कि कार में छह से सात लोग मौजूद थे। कार में उसे पैरों के पास गिरा रखा था। ऐसे में गोसाईंगंज पुलिस को डकैती की धारा में केस दर्ज करना चाहिए था। हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद केस को डकैती की धारा में बदल दिया गया है।

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