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दुकानों की नीलामी में फिक्सिंग के आरोप,ऑनलाइन के वजाय आफलाइन टेंडर होने को लेकर विरोध।

दुकानों की नीलामी में फिक्सिंग के आरोप,ऑनलाइन के वजाय आफलाइन टेंडर होने को लेकर विरोध।
भाजपा नेताओं को ज्यादा मिली दुकानें, भाजपाइयों ने कहा मिलकर करेंगे बात
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जिला पंचायत के सामने स्थित डेढ़ दर्जन दुकानों में से 15 दुकानों की नीलामी ऑनलाइन के वजाय आफलाइन का विरोध अब व्यापारियों द्वारा किया जा रहा है। शहर के व्यापारियों का आरोप है कि प्राइम लोकेशन पर स्थित इन दुकानों की नीलामी में जहां नियमों को ताक पर रखकर पूरी प्रक्रिया को संचालित किया गया वहीं इस पूरे मामले में फिक्सिंग कर दुकानों की बोली की गई है।
भाजपा के चहेते नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आफलाइन के बहाने दुकानों की नीलामी की फॉर्मेलिटी कर उन्हें आवंटित कर दिया गया। इसका विरोध व्यापारी वर्ग में दिख रहा है जबकि भाजपाई इस मामले में यह कह रहे हैं कि मिलकर बात करते हैं। वहीं कांग्रेसी नेता इसका विरोध करना शुरू कर दिए हैं।
टेंडर प्रक्रिया के तहत ऑनलाइन सिस्टम होना चाहिए लेकिन नियमों को दरकिनार कर करीब 15 दुकानों का टेंडर आफलाइन में कर दिया है जबकि 3 दुकानें पहले से ही समूह में थी। ऐसे में विरोध अब कम नहीं देखा जा रहा है।
मालुम हो कि जिला पंचायत परिसर अंतर्गत आरक्षित दुकानों की बोली के तहत जो कार्यवाही हुई उसमें ऑनलाइन प्रक्रिया होनी चाहिए लेकिन आफलाइन किया गया। इसके बावजूद भी दुकान क्रमांक 6, 10 एवं 14 अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित थी, आवेदन न होने के कारण इन दुकानों की नीलामी नहीं हो सकी।
इसके साथ दुकान क्रमांक 11 की बोली 45 लाख रूपए बृजवासी प्रसाद पाण्डेय ने लगाई ये दुकान अनारक्षित थी। इसके साथ ही दुकान क्रमांक 1 अनारक्षित की बोली 33 लाख रूपए राकेश गुप्ता, दुकान क्रमांक 2 अनुसूचित जनजाति की बोली 9.49 लाख रूपए सुमन मौर्या, दुकान क्रमांक 3 अनारक्षित 34.30 लाख रूपए पुनीत नारायण शुक्ला, दुकान क्रमांक 4 पिछड़ा वर्ग से अरविन्द सोनी 35 लाख, दुकान क्रमांक 5 अनारक्षित महिला आकाक्षा सिंह 31.90 लाख, दुकान क्रमांक 7 पिछड़ा वर्ग खली कुल्लाहा 34.11 लाख, दुकान नं. 8 अजा सिया शरण वर्मा 13.15 लाख, दुकान क्रमांक 9 आर्थिक रूप से कमजोर अवनीश पाण्डेय 18.7 लाख, दुकान क्रमांक 12 अन्य पिछड़ा वर्ग मुकेश कुमार सोनी 23.25 लाख, दुकान 13 अनारक्षित महिला नीतू सिंह 22.5 लाख तथा दुकान 15 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला 9.49 लाख रूपए पूनम सोनी के पक्ष में की गई है।
नेताओं ने कहा बैठकर करेंगे बात, जवाब देने से किया इंकार
इस संबंध में भाजपा के जिलाध्यक्ष देवकुमार सिंह चौहान ने कहा कि इस मामले में मिलकर बैठकर बात करेंगे तभी अच्छा रहेगा, वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू के पति रामजी सिंह ने भी कहा कि पूरे मामले में हम बैठकर ही बात करना उचित समझते हैं। इसके साथ ही भाजपा जिला महिला मोर्चा के अध्यक्ष पूनम सोनी ने भी यही बात कही कि हम बैठकर ही बात करेंगे। कुल मिलाकर भाजपा के नेता बैठकर बात करने की बात कर रहे हैं जबकि नियम को दरकिनार करने के बाद आफलाइन प्रक्रिया होना कितना उचित है लेकिन इस पर बयान देना भी भाजपा के अध्यक्ष सहित अन्य नेता उचित नहीं समझ रहे हैं बल्कि बैठकर बात करने की बात कह रहे हैं। ऐसे में कही न कहीं गोलमाल तो हो सकता है जिस वजह से व्यापारी वर्ग विरोध कर रहा है।
व्यापारियों में दुकानों की नीलामी प्रक्रिया को लेकर नाराजगी
नियम से हटकर आनलाइन के वजाय आफलाइन दुकानों का टेंडर होने को लेकर व्यापारियों में काफी विरोध देखने को मिल रहा है। कही न कहीं लोगों में नाराजगी भी है। आखिर इस मामले में क्यों अंधेरगर्दी मचाई जा रही है। इस मामले में सीईओ जिला पंचायत को लेकर विरोध भी कम नहीं दिख रहा है। जाहिर है कि कहीं न कहीं व्यापारी लामबंद हो जाएंगे तो सीईओ जिला पंचायत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
व्यापारियों ने कहा कि चिन्हित लोगों को यह दुकानें दी गई जो कदापि उचित नहीं है। क्या भाजपा के लिए यह दुकान आवंटित थी। यदि थीं तो पहले से ही देकर आनलाइन एवं आफलाइन करने की क्या जरूरत है। नियम यह है कि ऑनलाइन दुकानों का टेंडर होना चाहिए लेकिन इसका पालन जिला पंचायत द्वारा नहीं किया गया है।
सीईओ का फोन उठाने को लेकर परहेज
इस मामले में जानकारी देने से जिला पंचायत सीईओ पूरी तरह से परहेज कर रहे हैं। जिला पंचायत सीईओ राहुल धोटे से दो, तीन बार बात भी करना चाहा गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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