रीवा तक पहुंच रही नम्बर-2 की सरिया बैढऩ के रास्ते से
छत्तीसगढ़ प्रांत से बैढऩ,सीधी होते हुए रीवा तक पहुंच रहा मटेरियल, सेल टैक्स की हो रही व्यापक चोरी,इस खेल में कई बड़े कारोबारी शामिल
पोल खोल सिंगरौली
सेल टैक्स चोरी के खेल में बड़े-बड़े कारोबारी शामिल हैं। यह सेल टैक्स चोरी बैढऩ ही नहीं बल्कि रीवा तक के कई तथाकथित सरिया व्यापारी कर रहे हैं। महीने में सरकार को करोड़ों रूपये की राजस्व कर के रूप में चपत लगायी जा रही है। फिर भी सेल टैक्स एवं आरटीओ का उप चेक पोस्ट का अमला चुपचाप है। जबकि चेक पोस्ट से ही माल वाहक मटेरियल सरिया लेकर छग प्रांत से लेकर बैढऩ के रास्ते से सीधी होते हुए रीवा तक पहुंच रहे हैं।
दरअसल जिले में कई तथाकथित सरिया व्यापारियों ने म.प्र.की सरकार को राजस्व कर के रूप में महीने में करोड़ों रूपये की क्षति पहुंचा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ प्रांत से सरिया लेकर माल वाहक वाहन गोभा के रास्ते से बैढऩ, जियावन होते हुए सीधी, रीवा तक पहुंच रहे हैं। जहां अधिकांश माल वाहक ट्रक के पास कच्चा कागजात रहता है। जीएसटी बचाने के नियत से यह गोरखधंधा का खेल कई सालों से खेला जा रहा है, किन्तु आरोप है कि सेल टैक्स अमला के साथ-साथ चेक पोस्ट गोभा में तैनात कर्मचारियों की भी नजरें उस वक्त ओझल हो जाती है जब माल वाहक वाहन चेक पोस्ट को पार करते हैं।
सूत्र तो यहां तक बता रहे हैं कि ऐसे माल वाहकों से चेक पोस्ट पर सुविधा शुल्क तय हो चुका है। तथाकथित माल वाहकों को विधिवत टोकन मुहैया कराया गया है। नम्बर-2 के मटेरियल को लेकर आने वाले माल वाहकों के लिए अलग टोकन है। उन्हें भारी-भरकम महीने में बतौर नजराना के रूप में सुविधा शुल्क देना पड़ता है। इस दौरान चेक पोस्ट पार करते समय उनसे कोई पूछताछ,रोक-टोक नहीं होती। जैसे ही टोकन को चालक दिखाते हैं चेक पोस्ट पर तैनात कर्मी व उनके गुर्गे आंखों से आगे जाने का इशारा कर देते हैं। वहीं सूत्रों का कहना है कि सेल टैक्स अमला भी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
जिसके चलते प्रदेश सरकार को महीने में कई करोड़ रूपये की राजस्व कर के रूप में चपत लगायी जा रही है। साथ ही यह भी आरोप है कि अयस्क के उत्पादक शुल्क में कटौती होने के बावजूद बैढऩ इलाके में कई लोहे, सरिया के कारोबारियों का एकाधिकार है। कीमत घटाने का नाम नहीं लेते। जब छत्तीसगढ़ प्रांत में 5 से 10 रूपये दर में कमी आते है तब यहां के कुछ व्यापारी 2-4 रूपये ही सरिया की कीमत में कटौती करते हैं। यह खेल आज से नहीं कई वर्षों से चल रहा है और यहां के मकान , पुल-पुलियों का निर्माण कार्य कराने वाले लोगबाग अटूट महंगाई की मार झेल रहे हैं।
एक बार जियावन पुलिस ने की थी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक पिछले वर्ष नवम्बर महीने में जीएसटी की चोरी कर रहे एक ट्रक को जियावन पुलिस ने दबोचा था। ट्रक में सरिया लदी हुई थी। पुलिस के द्वारा कागजात मांगे जाने पर चालक ने कोई दस्तावेज नहीं दिया। तत्कालीन जियावन थाना के टीआई कपूर त्रिपाठी ने ट्रक को अपने कब्जे में लेते हुए वजन के आधार पर सेल टैक्स के यहां भेजा। जहां कारोबारी व ट्रक के कर्ता-धर्ता से 2 लाख 45 हजार रूपये की जीएसटी वसूल की गयी थी।
सूत्र बता रहे हैं कि जियावन पुलिस के साथ-साथ सरिया की चोरी करने वाले कारोबारियों पर यह पहली कार्रवाई थी। जियावन पुलिस के इस कार्रवाई से उस दौरान नंबर-2 के सामग्री परिवहन में कुछ हद तक अंकुश लग गया था। लेकिन अब फिर से यह कारोबार जोर पकड़ा हुआ है।
साठ फीसदी वाहनों के पास नहीं रहता पक्का बिल
सूत्र बता रहे हैं कि छत्तीसगढ़ प्रांत से सिंगरौली,सीधी एवं रीवा जिले तक जाने वाले अधिकांश वाहनों के पास लोहा, सरिया संबंधी पक्का बिल कम ही रहता है। अधिकांश सामग्री बिना पक्के बिल के ही परिवहन किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश सरकार को जहां चपत लग रही है। वहीं बड़े-बड़े कारोबारी रातो-रात लंबी खासी कमाई कर रहे हैं। उनके इस अवैध कमाई के बारे में संबंधित विभाग के अमले को भी जानकारी पूरी तरह से है। फिर भी ऐसे कारोबारियों पर दबिश देकर दस्तावेज खंगालने, पेनाल्टी लगाने से गुरेज किया जा रहा है। इसके पीछे कारण क्या है संबंधित विभाग का अमला कार्रवाई क्यों नहीं कर रहा है इस पर तरह-तरह के सवाल खड़े किये जा रहे हैं।