कलेक्टर ने जिलाधिकारियो दी बधाई
प्रदेश में सीमए हेल्प लाईन के निराकरण में सिंगरौली जिला टॉप तीन पर
राजस्व विभाग के शिकायतो के निराकरण में पहली बार जिला टॉप चौथे स्थान पर रहा
सिंगरौली सीएम हेल्प लाईन में प्राप्त शिकायतों को निराकरण में सिंगरौली जिला प्रदेश में टॉप तीनो जिलो में रहा तथा संतुष्टि पूर्वक शिकायतों के निराकरण में प्रथम स्थान पर एवं राजस्व विभाग के शिकायतों के निराकरण में पहली बार जिला टॉप चौथे स्थान पर रहा। कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला ने सीएम हेल्प लाईन की शिकायतों के त्वारित वा संतुष्टि पूर्वक निराकरण के लिए प्रदेश में जिला टॉप-3 नम्बर आने पर अपनी खुशी जाहिर की है साथ ही इस उपलंब्धि के पीछे अधिकारियों को बधाई देते हुये आगे भी इसी तरह से संतुष्टि पूर्वक प्राप्त शिकायतों का निराकरण कर जिले की रैकिंग को टॉप में लाने हेतु निर्देश दिये है।
विदित हो कि प्रदेश स्तरीय सीएम हेल्प लाईन निराकरण की मासिक रैकिंग में जिला तीसरे पायदान पर रहा। जिलें में कुल शिकायते जून माह की 7073 प्राप्त हुई थी जिसमें से 80 प्रतिशत शिकायते संतुष्टि पूर्वक निराकृत की गई वही जिलें में प्रथम बार राजस्व विभाग के द्वारा उतकृष्ट प्रदर्शन करते हुये प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। राजस्व विभाग के अंतर्गत कुल 1155 शिकायातें प्राप्त हुई थी जिसमें 933 शिकायतों कों संतुष्टि पूर्वक निराकृत किया गया है। कलेक्टर श्री शुक्ला ने राजस्व अधिकारियों को भी बधाई देते हुये अगली रैकिंग में राजस्व से संबंधित प्राप्त शिकायतों को निराकृत कर प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया है।
राजस्व अधिकारी लंबित प्रकरणो का शत प्रतिशत करे निराकरणः-कलेक्टर
राजस्व महाअभियन शिविर की सूचना जन प्रतिनिधियों को प्रदाय की जायें
सिंगरौली 20 जुलाई 2024/राजस्व महाअभियान के प्रभावी क्रियान्वन के लिए कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला के द्वारा व्हीसी के माध्यम से राजस्व अधिकारियों से विस्तृत समीक्षा की जाकर महाअभियान के दौरान लंबित प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण कियें जाने के निर्देश दिये गये है। कलेक्टर ने कहा कि अभियान के दौरान प्रत्येक गाव मे बी-1 का वाचन अनिवार्य से किया जायें। तथा आरसीएमएस पर प्रकरण दर्ज करना नामातरण, वटवारा, सीमांकन, नक्शा तरतमीम, ई केवाईसी समंग्र से खसरे की लिंकिंग रिकार्ड सुधार, अभिलेख दुरस्ती, आदि किया जायें।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को इस आशय के भी निर्देश दियें कि 30 जून के पहले के लंबित प्रकरणों का शत प्रतिशत निराकरण किया जाये। उपखण्ड अधिकारी राजस्व अभियान की नियमित मानीटरिंग करे। एवं निर्धारित प्रपंत्रों में दर्ज कर प्रति दिवस प्रस्तुत करे। साथ ही इस आशय के भी निर्देश दिये गये कि राजस्व महाअभियान शिविर की सूचना जन प्रतिनिधियों को भी प्रदाय की जायें। बैठक के दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गजेन्द्र सिंह नागेश, संयुक्त कलेक्टर संजीव पाण्डेंय सहित अन्य अधिकारी व्हीसी के माध्यम से बैठक में उपस्थित रहे।
मनरेगा के 15 वे वित्त उपलंब्ध मद अथवा सामुदायिक सहयोंग से एक एक सेड बनाया जायेंः-कलेक्टर
गौवंश के पानी और आहार की समुचित व्यवस्था की जायेः-श्री शुक्ला
सिंगरौली 20 जुलाई 2024/ कलेक्टर श्री चन्द्रशेखर शुक्ला के द्वारा मनरेगा जिला पंचायत के पत्र क्रमांक 186/सीएसटी/ एफ 2/2024 दिनांक 15.07.2024 के परिपेक्ष्य में समीक्षा करते हुयें राजस्व एवं जिला पंचायत के अधिकारियों को इस आशय के निर्देश दिये है कि निराश्रति गौवंश की समस्या से इस समय देश के साथ साथ सिंगरौली जिला भी व्यापक स्तर में जूझ रहा है प्राचीन काल से ही गौवंश ग्राम जीवन की रीढ़ रही है लेकिन कालंतर में हो रहे विभिन्न प्रकार के प्रयोग और तकनीकी के आ जाने से गौवंश की उपदेयता कम होती चली गई है। वर्तमान में गौवंशो को इनके पालकों द्वारा निराश्रति अवस्था में छोड़ दिया जा रहा है ऐसे गौवंश यहा वहा भटकते हुये या तो मार्ग में दुर्घटना कारित करते है तथा अचानक काबिलत हो रहे है। साथ ही गौवंश बड़ी सख्या में गाव के फसलों को नष्ट करते है जिससे किसानों में व्याप्त असंतोष होता है इसके निदान हेतु ग्राम स्तर पर व्यवस्था किया जाना आवश्यक है।
कलेक्टर ने निर्देश दिये है कि प्रत्येक राजस्व ग्राम में उपलंब्ध चरनोई की शासकीय भूमि का चिन्हांकन एवं सीमांकन कर ग्राम पंचायत को उपलंब्ध कराया जायें। प्रत्येक पंचायतें अपने अंतर्गत आने वाले गौवंशो का आकलन कर विभिन्न आकार के सर्व सुविधायुक्त एवं गुणवत्तायुक्त बाड़े बनायें जहा पर गौवंश की संख्या ज्यादा है वहा मनरेगा 15 वे वित्त अन्य उपलंब्ध मद अथवा सामुदायिक सहयोंग से एक एक सेड भी बनायें जायें गौवंश के पानी और आहार की समुचित व्यवस्था किया जायें। गौवंशों के चराई हेतु एक या अधिक संख्या में चरवाहों की भी व्यवस्था किया जाये ताकि उनका स्वास्थ्य और भोजन सुनिश्चित किया जा सके।यह व्यवस्था आवश्यक और अनिवार्य रूप से रहेगी। गांव के सेवाभावी लोगों को इन गतिविधियों से जोड़ा जाये।गर्भवाती एवं दूध पिलाने वाली गायों के लिए अलग से समुचित व्यवस्था किया जायें। पंचायतों में उपलंब्ध 15 वे वित्त एवं मनरेगा के राशि का व्यय करें।कलेक्टर ने पंचायतों को यह भी निर्देश दिये है कि कोई भी निराश्रित गौवंश न रहे तथा खेती में अथवा सड़को में घूमता न पाया जायें। वही जिलें में मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के अंतर्गत निर्मित एवं संचालित गौंशालाओं के संचालक इस विषय में सार्थक भूमिका का निर्वहन करे।