सरकार और संगठन में क्या होगी भूमिका 17 महीने बाद जेल से रिहाई मनीष सिसोदिया की
नई दिल्ली। दिल्ली की आबकारी नीति में कथित घोटाले मामले में आरोपी मनीष सिसोदिया को गिरफ्तारी के 17 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है। 9 अगस्त को जमानत पाकर तिहाड़ जेल से बाहर आए मनीष सिसोदिया की अब पार्टी और सरकार में क्या भूमिका रहेगी इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई है।
26 फरवरी 2023 को जब आबकारी नीति में कथित घोटाले के आरोपों में मनीष सिसोदिया को बीजेपी सीबीआई और 9 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था तब वो दिल्ली के उपमुख्यमंत्री थे। यानी सरकार और पार्टी दोनों में अरविंद केजरीवाल के बाद नंबर 2, लेकिन इन 17 महीनों में बहुत कुछ बदल गया है। आम आदमी पार्टी में मनीष सिसोदिया की हैसियत अभी भी नंबर 2 ही है, लेकिन दिल्ली सरकार में उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़ा था।
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इस वक्त मनीष सिसोदिया वैधानिक तौर पर केवल पटपड़गंज से विधायक ही है। हालांकि, मनीष सिसोदिया के जेल से बाहर आने को आम आदमी पार्टी एक संजीवनी बूटी की तरह देख रही है। पार्टी को उम्मीद है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले मनीष सिसोदिया की रिहाई पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरने का काम करेगी।
शनिवार को आम आदमी पार्टी के दफ्तर पहुंचे मनीष सिसोदिया भी अपने पुराने अंदाज में दिखे, मनीष सिसोदिया जमकर केंद्र सरकार पर बरसे और कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए आम आदमी पार्टी और उसके शीर्ष नेताओं की छवि खराब करना चाहती है। लेकिन उनके इरादे कामयाब नहीं होने देंगे।
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि घर घर जाएंगे और बताएंगे कि अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं को क्यों गिरफ्तार किया गया। मामला भ्रष्टाचार का नहीं बल्कि आम आदमी पार्टी को रोकना है। मनीष सिसोदिया ने जेल से बाहर आते ही अपना इरादा साफ कर दिया कि अब वो बैठने वाले नहीं हैं। अभी से जनता और कार्यकर्ताओं के बीच जाकर चुनाव की तैयारियों में जुट जाएंगे।