पहली महिला चेयरपर्सन माधबी पुरी 2022 में बनीं थीं सेबी की
नई दिल्ली। अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में अडाणी ग्रुप और सेबी चीफ माधबी पुरी बुच के बीच संबंध होने का दावा किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन ऑफशोर संस्थाओं का इस्तेमाल अडाणी मनी साइफनिंग स्कैंडल में हुआ, उसमें सेबी अध्यक्ष की हिस्सेदारी थी। हालांकि, सेबी चीफ माधबी पुरी बुच ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है
और उन्होंने कहा है कि फंड में उनका निवेश सेबी में शामिल होने से दो साल पहले ही किया था। माधबी पुरी एक मार्च, 2022 से सेबी की पहली महिला चेयरपर्सन हैं। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की और सेबी की सबसे कम उम्र की प्रमुख बन गई। इससे पहले वह सेबी की पूर्णकालिक सदस्य थी और बाजार नियमन, निवेश प्रबंधन और आईटी संबंधी विभागों का कामकाज देखतीं थी।
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रिपोर्ट के मुताबिक माधबी ने साल 1989 में आईसीआईसीआई बैंक के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। 1993 से 1995 के बीच माधबी ने इंग्लैंड के वेस्ट चेशायर कॉलेज में बतौर लेक्चरर रहीं। 12 साल तक उन्होंने कई कंपनियों के सेल्स, मार्केटिंग और प्रोडक्ट डेवलपमेंट डिपार्टमेंट में अपनी सेवाएं दीं। 2013 से 2017 तक उन्होंने ब्रिक्स देशों के समूह की ओर से बनाए गए न्यू डेवलपमेंट बैंक में बतौर एडवाइजर काम किया। 2017 में उन्हें सेबी के पूर्णकालिक सदस्य नियुक्त किया गया था।
2018 में उन्होंने सहारा ग्रुप के खिलाफ आदेश पारित किया था। 2022 में उन्होंने सेबी के अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यभार संभाला। माधबी पुरी बुच ने बाजार विनियमन, निवेश प्रबंधन और आईटी जैसे महत्वपूर्ण विभागों का प्रबंधन किया। बुच ने अंतरराष्ट्रीय कंपनियों या बैंकों में भी काम किया है, जिसमें शंघाई में न्यू डेवलपमेंट बैंक के सलाहकार के रूप में और ग्रेटर पैसिफिक कैपिटल के सिंगापुर कार्यालय के प्रमुख के रूप में काम किया है।
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माधबी के पति धवल बुच की पहचान एक अनुभवी बिजनेसमैन के रूप में है। रिपोर्ट के मुताबिक धवल बुच वर्तमान में ब्लैकस्टोन और अल्वारेज एंड मार्सल में वरिष्ठ सलाहकार हैं। वह गिल्डन के बोर्ड में गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं। धवल का यूनिलीवर के साथ तीन दशक लंबा करियर रहा है। धवल आईआईटी दिल्ली से पढ़े हैं। उन्होंने 1984 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की थी।