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कलेक्ट्रेट में ही सुबह 10 बजे नहीं खुलते अधिकांश विभागों के ताले।

कलेक्ट्रेट में ही सुबह 10 बजे नहीं खुलते अधिकांश विभागों के ताले 
मुख्यमंत्री के निर्देश को ठेंगा 
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प्रदेश के मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सभी सरकारी कार्यालयों के कर्मचारी सुुबह 10 बजे पहुंचें। उक्त आदेश का परिपालन कलेक्ट्रेट में संचालित अधिकांश विभागों में नहीं हो रहा है।
उक्त शिकायत पर जब कलेक्ट्रेट के विभिन्न विभागों की पड़ताल कल गुरुवार की सुबह की गई तो कई विभागों के कार्यालय में ताले लटके हुए थे, तो कुछ कार्यालयों का ताला भृत्यों द्वारा खोल दिया गया था। लेकिन एक भी कर्मचारी अपनी सीट में नजर नहीं आए। शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, उप पंजीयक कार्यालय जहां की लोगों की आवाजाही सुबह से शुरू हो जाती है यहां ताले ही लटक रहे थे। पूंछतांछ के दौरान कुछ भृत्यों ने बताया कि कर्मचारियों की आवाजाही 11 बजे से शुरू होती है वहीं अधिकारी उसके बाद ही आते हैं।
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि जब मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि सरकारी कार्यालयों में काम-काज के घंटों को बढ़ाया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा कार्य संपन्न हो सके। इसमें बड़ी लापरवाही के पीछे नौकरशाहों की मनमानी है।
सुबह 10 बजे कर्मचारियों के पहुंचने का है निर्देश 
दरअसल सभी सरकारी कार्यालयों को सुबह 10 बजे से शायं 6 बजे तक संचालित करने के आदेश सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल द्वारा जारी किए गए थे। जारी आदेश में कहा गया था कि अब सभी कर्मचारियों को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक कार्यालय में रहना होगा। जारी आदेश में सभी कलेक्टरों और कार्यालय प्रमुखों को भी समय पर उपस्थित होने को कहा गया था। प्रदेश में वैसे भी कोरोना काल से सभी सरकारी कार्यालय हफ्ते में 5 दिन संचालित हो रहे थे। इसके बाद 26 जून 24 को सरकारी कार्यालयों को सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक संचालित करने के आदेश जारी किए गए थे।
विडंबना ये है कि करीब दो महीने बाद भी उक्त आदेश का पालन करने में न तो विभाग प्रमुख गंभीर हैं और न ही उनके मातहत कर्मचारी ही सुबह 10 बजे से कार्यालय पहुंचने की जरूरत समझ रहे हैं। ऐसे में निरंकुश अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर कौन कार्यवाही करेगा ये बड़ा सवाल बना हुआ है। जिससे आम जनता को शासन की मंशा के अनुसार सुविधा मिल सके।

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