पिछले 7 चुनाव में सिर्फ एक बार जीती कांग्रेस।
पिछले 7 चुनाव में सिर्फ एक बार जीती कांग्रेस, महाकाल की नगरी में इस बार नूरी खान कर रहीं जीत की तैयारी।
उज्जैन। महाकाल की नगरी उज्जैन की उत्तर विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 73 साल के हो चुके बीजेपी के वरिष्ठ विधायक पारस जैन ने इस सीट से 6 चुनाव जीते हैं और इस सीट से एक बार फिर चुनावी पारी खेलने की तैयारी कर रहे हैं. हालांकि इनके मुकाबला करने कांग्रेस के कई नेता दावेदारी कर रहे हैं. बीजेपी ने पिछले चुनावों में लगातार जीत का अंतर बढ़ाया है, जिसे पाटना कांग्रेस के लिए आसान काम नहीं होगा. वहीं महाकाल लोक का कुछ हिस्सा इस विधानसभा सीट में ही आता है, जाहिर है महाकाल लोक में घोटाले के आरोप बीजेपी को इस सीट पर झेलना होंगे.
उत्तर विधानसभा सीट पर मतदाता:उज्जैन उत्तर में कुल मतदाताओं की संख्या 2 लाख 20 हजार 802 है. इसमें पुरूष मतदाता 1 लाख 11 हजार 055 और महिला मतदाताओं की संख्या 1 लाख 09 हजार 724 है, जबकि थर्ड जेंडर मतदाता 23 हैं.
जातीय समीकरण:विधानसभा सीट में मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं की बड़ी संख्या है, यही वजह है कि कांग्रेस की नूरी खान यहां से जीत का सपना देख रही हैं. इसके अलावा करीबन 25 हजार ब्राहम्ण समाज के मतदाता, जैन समाज के करीबन 15 हजार वोटर हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में उज्जैन जिले की सात विधानसभा सीटों में से 4 पर कांग्रेस का कब्जा है, जबकि 2013 के विधानसभा चुनाव में सभी 7 सीटों पर बीजेपी का कब्जा था.
बीजेपी की मजबूत जमीन:उज्जैन जिले की उत्तर विधानसभा सीट को बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक माना जाता है. इस सीट पर बीजेपी ने अपनी मजबूत पकड़ बनाई है. पिछले 7 विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक बार कांग्रेस ने इस सीट पर जीत दर्ज करने में सफलता पाई है. इस सीट से बीजेपी के सीनियर लीडर पारस जैन प्रतिनिधित्व करते आए हैं. वह 2005 से 2018 तक वन विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग, खाद्य सहित कई विभागों के मंत्री भी रहे. उन्होंने 1990 में इस सीट से पहला चुनाव जीता था, इसके बाद से सिर्फ 1998 के चुनाव को छोड़ दें, तो लगातार इस सीट से उनके सिर पर ही जीत का ताज सजता आया है.
कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं: यही नहीं उनकी इस सीट पर उनके जीत का अंतर भी लगातार बढ़ता ही गया. 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के पारस जैन ने कांग्रेस के महंत राजेन्द्र भारती को 25 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी थी. जाहिर है आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए इन वोटों का अंतर पाटना एक बड़ी चुनौती साबित होगा. हालांकि पारस जैन की उम्र 73 साल हो चुकी है. जाहिर है बीजेपी उम्मीदवार के रूप में उनका विकल्प भी तलाश सकती है, हालांकि पारस जैन इस बार भी चुनावी पारी खेलने की इच्छा जता चुके हैं. वे जैन समुदाय का बीजेपी का एक बड़ा चेहरा भी हैं.
कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान:उज्जैन उत्तर विधानसभा सीट पर टिकट को लेकर कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस नेत्री नूरी खान इस सीट से मजबूत दावेदारी कर रही हैं, हालांकि उनकी दावेदारी को लेकर कांग्रेस के ही जिला अध्यक्ष रवि भदौरिया अपनी नाराजगी जता चुके हैं. पिछले दिनों वायरल हुए ऑडियो से यह कलह खुदकर सामने आ गई. इसमें कांग्रेस नेता कहते सुनाई दिए कि किसी मुस्लिम को धार्मिक नगरी से टिकट नहीं मिलेगा. हालांकि विवाद गहराने के बाद रवि भदौरियां को पद से हटा दिया गया था. नूरी खान के अलावा इस सीट से कई और भी दावेदार हैं.