शादी के 8 साल बाद पत्नी को किसी और से प्यार हो गया, प्रेमी से शादी की खातिर पति ने दिया तलाक..
शादी का बंधन प्यार में टूटा, दंपती की 5 साल की बच्ची मां के पास रहेगी…
शादी के 8 साल बाद पत्नी को किसी और से प्यार हो गया, प्रेमी से शादी की खातिर पति ने दिया तलाक..
सीधी:- शादी के आठ साल बाद किसी और से प्रेम करने वाली 28 वर्षीय पत्नी को प्रेमी से शादी करने की खातिर 32 वर्षीय पति ने तलाक दे दिया। फैमिली कोर्ट में न्यायाधीश के समक्ष पत्नी ने खुद स्वीकार किया कि वह किसी और से प्रेम करती है। उसी से शादी भी करना चाहती है। फैमिली कोर्ट ने पति-पत्नी की सहमति होने पर तलाक की अर्जी स्वीकार कर ली।
महिला के प्रेमी की उम्र भी 32 वर्ष है। मामला अर्जुन नगर क्षेत्र का है। दंपती के बीच पांच साल की एक बेटी भी है। वह मां के पास रहेगी, पिता जब चाहे उससे मिल सकेगा। इतना ही नहीं पत्नी ने कोर्ट में यह भी कहा कि वह भविष्य में पति के खिलाफ किसी भी तरह की कोई कानूनी कार्रवाई नहीं करेगी। वहीं पति ने दहेज में जो सामग्री मिली थी वह पत्नी को वापस लौटा दी।
पति को प्यार का पता चला तो दोनों
अलग होने के लिए राजी हो गए:-
पति और पत्नी की ओर से अधिवक्ता ने कोर्ट में सहमति से तलाक दिए जाने को लेकर अर्जी दायर की थी। इसमें उल्लेख किया कि 2013 में शादी हुई थी। इसके तीन साल बाद एक पुत्री भी हुई। उसके बाद पत्नी किसी और से प्रेम करने लगी। पति को इसकी जानकारी लगी तो उसने पत्नी से बात की। दोनों अलग होने के लिए राजी हो गए। इस पर दोनों की ओर से दायर की गई अर्जी में यह भी कहा गया कि भविष्य में साथ रहने की अब कोई गुंजाइश नहीं है। तलाक जल्द से जल्द स्वीकार किया जाए, ताकि नए सिरे से जीवन की शुरुआत कर सकें। इस पर कोर्ट ने अलग होने का आवेदन स्वीकार कर लिया। तलाक से पूर्व कोर्ट ने समझाइश की कोशिश की, लेकिन पत्नी के स्पष्ट बयान के बाद कोर्ट ने आवेदन पर फैसला लिया।
ससुराल वालों ने भी समझाया,लेकिन बहू नहीं मानी:-
अलग होने के बाद बच्ची की परवरिश मां के द्वारा ही की जाएगी। महिला का प्रेमी अविवाहित है। पत्नी बनने जा रही प्रेमिका बेटी को भी वह अपने साथ रखेगा। तलाक से पहले ससुराल पक्ष ने बहू को कई बार समझाया भी। कहा कि शादी को आठ साल हो चुके। दोनों की पांच साल की बेटी भी है। अलग होकर रहना चाहें तो रह सकते हैं, लेकिन बहू किसी भी स्थिति में साथ में रहने को तैयार नहीं थी।
वह तलाक लेकर नई गृहस्थी शुरू करने पर अड़ी रही। कई दौर की समझाइश के बाद भी गृहस्थी पटरी पर लौटती नहीं दिखी तो फिर शांति से अलग होने का निर्णय लेना ही पड़ा।