सीधी

अलमारी में धूल खा रहे लाखो के टैबलेट,शिक्षकों ने आज तक नहीं किया उपयोग, विभाग ने खरीदी के लिए दिए थे 10-10 हजार रुपए।

अलमारी में धूल खा रहे लाखो के टैबलेट,शिक्षकों ने आज तक नहीं किया उपयोग, विभाग ने खरीदी के लिए दिए थे 10-10 हजार रुपए।

सीधी:- सरकारी स्कूलों की पढ़ाई को आधुनिक बनाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के लिए टैबलेट अनिवार्य कर दिया था। करीब दो साल पहले टैबलेट खरीदने के लिए शिक्षकों को 10-10 हजार रुपए भी दिए गए, लेकिन लाखो के टैबलेट आज तक शिक्षकों के हाथ में नजर नहीं आए। टैबलेट का उपयोग स्कूलों की पढ़ाई में नहीं, बल्कि शिक्षकों के व्यक्तिगत कामों में हो रहा है या फिर वे घर की अलमारी में रखे-रखे धूल खा रहे हैं। विभाग अभी तक यह तय ही नहीं कर पाया है कि टैबलेट का स्कूलों में क्या उपयोग करवाया जाए।

 

उधर करीब-करीब आधे शिक्षक अभी भी ऐसे हैं, जिन्होंने विभाग के स्पष्ट निर्देश के बाद भी अभी तक टैबलेट नहीं खरीदा है। ऐसे शिक्षकों के खिलाफ न कोई कार्रवाई हुई, न ही उनसे किसी तरह का स्पष्टीकरण माँगा गया।

 

10 हजार रुपए देकर भूला विभाग:-
प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने 10-10 हजार रुपए दिए थे। शिक्षकों ने पूरी ईमानदारी से इस राशि से टैबलेट तो खरीदे, लेकिन आज तक उनका उपयोग ही नहीं हो पाया। ऐसा लगता है कि शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए लाखों की राशि आवंटित कर स्कूल शिक्षा विभाग खुद भूल गया, तभी टैबलेट खरीदे गए थे, वह कहीं नजर तो जिस उद्देश्य से नहीं आ रहा है। वहीं शिक्षकों के हाथों में टैबलेट भी नजर नहीं आ रहे हैं।

 

एक दिन ही हो पाए दर्शन:-
स्कूल शिक्षा विभाग के निर्देश के बाद जिले के सैकड़ो शिक्षकों ने टैबलेट तो खरीदे, लेकिन उसके दर्शन एक दिन ही हो पाए। दरअसल शिक्षकों को बीआरसी कार्यालय जाकर टैबलेट का वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य था, इसलिए सभी शिक्षक टैबलेट लेकर न सिर्फ वहाँ पहुँचे, बल्कि वेरिफिकेशन कराकर एम शिक्षा मित्र एप डाउनलोड भी किया। इसके बाद टैबलेट के दोबारा दर्शन नहीं हो सके।

 

फरवरी 2023 में जारी हुआ था फरमान टैबलेट:-
खरीदी के लिए शिक्षा विभाग ने फरवरी 2023 में फरमान जारी किया था। इस फरमान के साथ निर्देश भी रहे कि जिन शिक्षकों द्वारा टैबलेट नहीं खरीदा जाएगा, उनका वेतन रोक दिया जाएगा। इसी डर से आधे से ज्यादा शिक्षकों ने अपने पैसे लगाकर टैबलेट खरीदा। हालांकि सभी को 10-10 हजार रुपए का भुगतान मार्च-अप्रैल माह तक कर दिया गया था, लेकिन जिन्होंने निर्देश के बाद भी टैबलेट नहीं खरीदा, उनके खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

4 साल संभालना है, पौने दो साल बीत गए:-
टैबलेट की सुरक्षा की जिम्मेदारी शिक्षकों को ही दी गई है। उन्हें अगले 4 साल तक सुरक्षित रखना होगा। इस बीच यदि टैबलेट बिगड़ता है या चोरी होता है तो शिक्षकों को अपने पैसों से नया टैबलेट खरीदना होगा। चार साल की सुरक्षा की जिम्मेदारी में से पौने दो साल तो टैबलेट को बिना चलाए ही बीत गए। इस सत्र में इसका उपयोग शुरू हो पाएगा, यह भी संभव नहीं है, यानी अगले 4 माह और टैबलेट शिक्षकों के घर की शोभा बढ़ाएगा।

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