बिना ई खनिज में रेत का हो रहा परिवहन रजिस्ट्रेशन वाहनों से
बिना नबंर ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत का हो रहा परिवहन, पुलिस भी नही कस पा रही शिकंजा
भले सरकार ने अवैध खनिज परिवहन रोकने के लिए हजार नियम बना ले लेकिन जब देशभक्ति और जनसेवा की कसम खाने वाले वर्दी धारी अपने कर्तव्यों को भूलकर चन्द लालचो में जाए तो फिर सारे नियम-कानून बौने साबित हो जाते हैं। दरअसल कोतवाली क्षेत्र हमेशा से ही रेत के अवैध कारोबार के लिए बदनाम रहा है। यहां बिना खनिज पोर्टल पर पंजीयन कराए या फिर बिना नंबर ट्रैक्टर ट्रालियों से अवैध रेत का परिवहन डंके की चोट पर होता है। इन्हें रोकने वाला रेत माफिया और पुलिस के कोप भाजन का सामना करना पड़ता है।
गौरतलब है कि सरकार ने अवैध खनिज संपदा परिवहन पर रोक लगाने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली, डंपर व ट्रक से रेत, गिट्टी, मुरूम परिवहन के लिए वाहनों का ई-खनिज पोर्टल पर पंजीयन जरूरी है। वाहनों का ई-खनिज पोर्टल पर पंजीयन नहीं होने से ई-टीपी जनरेट नहीं होती है। वहीं यदि पंजीयन बिना पंजीयन के खनिज का परिवहन करते पकड़े जाने पर ज्यादा जुर्माना लगेगा। बावजूद इसके रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। सूत्रों की बात माने तो कई ट्रैक्टर और डंपर बिना ई पोर्टल पर पंजीयन के अवैध रेत लेकर बेखौफ शहर में एंट्री करते हैं। चौराहों पर लगी पुलिस रेत से लोड ट्रैक्टर और डंपर को देखकर मुंह मोड़ लेते हैं और ऐसा दिखाने का प्रयास करते हैं जैसे वह इन वाहनोंं को देखा ही नहीं।
रेत माफिया की यह हनक देख सभी हैरान हो गए। सूत्रों की माने तो कोतवाली क्षेत्र के बलियरी और गनियारी क्षेत्र से निरन्तर रेत का परिवहन होता है। यहां पहले बिना नंबर वाले ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत का परिवहन हो रहे थे। लेकिन अब बिना ई-खनिज में रजिस्ट्रेशन हाइवा गाड़ियों से रेत और बोल्डर का परिवहन डंके की चोट पर किया जा रहा है। यदि इन गाड़ियों की कोई मीडियाकर्मी फोटो भी खींच ले तो रेत माफिया न केवल अभद्रता और गाली-गलौज करते बल्कि गाड़ी भी चढ़ा देने की धमकी भी देने से पीछे नहीं रहते। सूत्रों की माने तो अवैध खनिज परिवहन करने वाले कारोबारियों ने कोतवाली पुलिस से बेहतर तालमेल बना लिया हैं। लिहाजा माफिया हर किसी के साथ मरने और मारने पर उतारू हो जाते हैं। अवैध कारोबारी को भी पता है कि यदि थाने में शिकायत गई तो उनका बाल भी बाका नहीं होगा।
बिना ई खनिज में रजिस्ट्रेशन गाड़ियों से रेत का परिवहन
रेत निकासी के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र रिहंद से रेत का अवैध कारोबार चरम पर है। बिना ई खनिज में रजिस्ट्रेशन गाड़ियों से रेत का परिवहन बेदस्तूर जारी है। बिना नंबर के ट्रैक्टर ट्राली और बिना एक खनिज में रजिस्ट्रेशन गाड़ियों से रेत का परिवहन शहर के मुख्य चौराहों से होता है। जिस पर पुलिस वालों की भी नजर पड़ती है। लेकिन सब अपनी नजर चुरा लेते हैं। सूत्रों की माने तो कोतवाली पुलिस को प्रति ट्रैक्टर 1 लाख रुपए जबकि डंपरों से डेढ़ लाख रुपए महीना फिक्स है। यही वजह है कि पुलिस अवैध रेत परिवहन पर अंकुश नहीं लग रही। हालांकि ई-खनिज रजिस्ट्रेशन कराने का जिम्मा किसी और का नही बल्कि स्वयं वाहन मालिक की होती है। वही इस क्षेत्र में बिना नम्बर के टै्रैक्टरों से रेत का परिवहन किये जाने के मामले कई बार सामने आ चुके हैं।