सब रजिस्टार अवकाश पर, लटका ताला दफ्तर में
चितरंगी-देवसर एवं बैढ़न के सब रजिस्टार दफ्तर का हाल, क्रेता-विक्रेता परेशान
जिला कलेक्ट्रेट भवन में संचालित उप पंजीयक दफ्तर में आज पूरे दिन ताला लटका रहा। वही यह भी चर्चा है कि कल दिन मंगलवार को भी सब रजिस्टार नही आएंगे। सब रजिस्टार के अचानक अवकाश में चले जाने से क्रेता-विक्रेता के साथ-साथ सेवा प्रदाता भी परेशान रहे।
गौरतलब है कि जिले के उप पंजीयक दफ्तर चितरंगी का प्रभार उप पंजीयक बैढ़न अशोक सिंह परिहार के पास है। जहां आरोप है कि उप पंजीयक के दफ्तर में भरेशाही का बोलबाला है। इस तरह की शिकायतें एक बार नही सैकड़ों बार जिला अधिकारियों के यहां पहुंच चुकी है। किन्तु जांच के नाम पर महज खानापूर्ति कर दी जाती है। यहां दलालों का दबदबा है। दफ्तर में दलाल लगातार सक्रिय रहते हैं। यह भी आरोप है कि उप पंजीयक के खासमखास कुछ सेवा प्रदाता लगातार बने रहते हैं। वही अब आज दिन सोमवार को कार्यालयीन समय में देवसर-चितरंगी एवं बैढ़न सब रजिस्टार दफ्तर का ताला नही खुला तो सेवा प्रदाता खोजबीन एवं पता लगाने में जुट गए। इस दौरान जानकारी मिली कि उप पंजीयक अस्वस्थ्य होने के कारण अवकाश पर चले गए हैं। हालांकि अभी तक यही व्यवस्थाएं रही है कि यदि सब रजिस्टार अवकाश पर जाते हैं तो किसी न किसी को प्रभार देकर जाते हैं। जिले में अशोक सिंह परिहार के अलावा अन्य कोई उपपंजीय नही है। ऐसी स्थिति में पड़ोसी जिले के उप पंजीयक की ड्यूटी लगाई जा सकती है। हालांकि यह जिम्मा उच्च लेवल का है। फिलहाल उप पंजीयक दफ्तर में ताला बन्द होने से दूर दराज से आने वाले क्रेता-विक्रेता आज पूरे दिन जिला मुख्यालय बैढ़न में भटकते रहे।
बैशाखी के सहारे देवसर-चितरंगी का दफ्तर
जिले को मुद्रांक के रूप में साल में करोड़ों रूपये सरकार के खजाने में राजस्व वसूली के रूप में जाता है। देवसर चितरंगी क्षेत्र से रोजाना करीब दो दर्जन भूमि एवं संपत्तियों की रजिस्ट्रियां भी होती हैं और इन सम्पत्तियों से राजस्व के रूप में करोड़ों रूपये की आए सरकार को होती है। इसके बावजूद उप पंजीयक दफ्तर में पर्याप्त स्टाफ नही हैं। आलम यह है कि देवसर-चितरंगी उपपंजीयक दफ्तर पिछले कुछ साल से बैशाखी के सहारे चल रहा हैं।