स्विगी ने कटौती की अपने आगामी आईपीओ की वैल्यूएशन में
देश की प्रमुख फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने अपने आगामी आईपीओ की वैल्यूएशन में कटौती की है, इसके बाद अब 11.3 अरब डॉलर आंकी गई है। यह मूल्यांकन स्विगी के शुरुआती लक्ष्य 15 अरब डॉलर से लगभग 25 प्रतिशत कम है। एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि बाजार में अस्थिरता और हाल ही में ह्युंडै इंडिया के आईपीओ की कमजोर लिस्टिंग के चलते निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा है।
ब्लैकरॉक और कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी) 1.4 अरब डॉलर के इस आईपीओ में निवेश करेंगे, जो इस साल देश का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, स्विगी ने यह फैसला इसलिए लियास ताकि निवेशकों की रुचि को बनाए रखते हुए कमजोर प्रतिक्रिया से बचा जा सके। स्विगी का यह आईपीओ 5 नवंबर को होने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की वैश्विक अनिश्चितता के बीच आ रहा है, जिससे बाज़ार में अस्थिरता और बढ़ने की संभावना है। इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए कंपनी ने बड़े निवेशकों से परामर्श करके अपने आईपीओ की वैल्यूएशन घटाने का निर्णय लिया। भारतीय शेयर बाजार में चार सप्ताह से गिरावट जारी है, जिससे बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स अपने ऊपरी स्तर से 8 प्रतिशत तक गिर चुका है। हाल ही में हुंडई इंडिया के शेयरों की कमजोर लिस्टिंग और विदेशी निवेशकों द्वारा बिकवाली ने भी बाजार की स्थिति को प्रभावित किया है।
खुदरा निवेशकों की ओर से ठंडा रिस्पॉन्स मिलने के कारण ह्युंडै इंडिया के शेयर अपने डेब्यू पर 7.2 प्रतिशत गिर गए थे, जिससे बाजार में मूल्यांकन को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। स्विगी के इस कदम के बावजूद भारतीय आईपीओ बाजार में उत्साह बना हुआ है। इस साल अब तक लगभग 270 कंपनियों ने 12.57 अरब डॉलर की राशि जुटाई है, जो 2023 में जुटाए गए 7.4 अरब डॉलर की तुलना में अधिक है। स्विगी और ज़ोमैटो के बीच फूड डिलीवरी सेक्टर में प्रतिस्पर्धा जारी है, जिसमें दोनों कंपनियों ने क्विक-कॉमर्स सेवा में निवेश किए हैं, जिसके तहत किराने और अन्य उत्पादों की डिलीवरी 10 मिनट में करने की सुविधा दी जाती है। कंपनी के पिछले फंडिंग राउंड, जिसमें इनवेस्को ने निवेश किया था, में स्विगी का मूल्यांकन 10.7 अरब डॉलर था। नई वैल्यूएशन में कटौती के बावजूद, स्विगी अपने आईपीओ को सफल बनाने की पूरी कोशिश कर रही है।