नगर परिषद का दफ्तर सामुदायिक भवन में
सीएमओ के अलावा एक भी नही है नियमित स्टाफ, बैशाखी के सहारे नगर परिषद सरई
नगर परिषद सरई दफ्तर से लेकर स्टाफ की समस्या से जूझ रहा है। सीएमओ के अलावा यहां पर एक भी नियमित अधिकारी-कर्मचारी नही है। नगर परिषद बैशाखी के सहारे चलने के कारण विकास कार्य जोर नही पकड़ पा रहा है।
दरअसल नगर परिषद सरई का गठन 2022 में हुआ था।
गठन के दौरान तत्कालीन विधायक ने खूब बड़े-बड़े वादे किये थे। लेकिन उस दौरान के विधायक सुभाष वर्मा के बड़े-बड़े वादे हवाहवाई रह गये। केवल सरई एवं बरगवां परिषद बनवाने में सफल रहे। स्टाफ की नियमित व्यवस्था के साथ-साथ दफ्तर के लिए जगह आरक्षित नही करा पाये। आलम यह है कि मौजूदा समय में नियमित से लेकर संविदा अधिकारी-कर्मचारी एवं दैनिक सफाई कर्मी के लिए करीब 90 पद स्वीकृत हैं। किन्तु मौके में सीएमओ के अलावा एक भी नियमित अमला नही है। नगर परिषद सरई में स्टाफ न होने के कारण नगर परिषद क्षेत्र के विकास कार्यो की गति नही पकड़ पा रही है। लिहाजा नगर परिषद क्षेत्र के वार्डो में साफ-सफाई व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त है। वही परिषद क्षेत्र में वार्डो के मोहल्लो की गंदगी को देख मोहल्लेवासी पार्षदों की ही कोसना शुरू कर दिया है और वार्डो के पार्षदों के कामकाज को लेकर रहवासी नाराजगी व्यक्त करने लगे। कहीं-कहीं पार्षदों को खरी-खरी सुननी भी पड़ रही है।
अधिकांश पार्षद विभाग में स्टाफ की कमी की लाचारी बता कर आश्वस्त करते आ रहे हैं कि कुछ दिनों में समस्याएं सुलझ जाएंगी। पार्षदों के इस तरह के आश्वसन देते-देते परिषद चुनाव के करीब दो वर्ष का वक्त भी गुजर गया। इसके बावजूद समस्याएं लगातार मुुॅह उबाएं खरी हो जा रही हैं। इसका मुख्य कारण यही बताया जा रहा है कि नगर परिषद सरई में स्टाफ की समस्या होने के कारण सीएमओ से लेकर अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष भी रहवासियों के सवालों का सही जवाब नही दे पा रहे हैं और विभाग तथा अपनी मजबूरी बताकर समस्याओं का हल निकालने के लिए आश्वासन भी दे रहे हैं। फिलहाल नगर परिषद सरई स्टाफ के साथ-साथ दफ्तर भवन की समस्या से जूझ रहा है। इसका निदान कब होगा यह भी कह पाना है जल्दबाजी होगी। लेकिन सरई क्षेत्र में प्रदेश सरकार की जमकर किरकिरी भी हो रही है। अब यहां के रहवासी मौजूदा सक्रिय विधायक से ही उम्मीद पालने लगे हैं।
नपानि सीधी के उपयंत्री के पास है प्रभार
आलम यह है कि नगर परिषद सरई के यहां उपयंत्री तक नही है। परिषद में चल रहे निर्माण कार्यो के प्राकलन एवं मूल्यांकन का कार्य सीधी नगर पालिका में पदस्थ उपंयत्री अशोक मिश्रा को सौंपा गया है। चर्चाएं हैं कि इनका सरई आना-जाना न के बराबर रहता है। निर्माण कार्य भगवान भरोसे है। इसीलिए निर्माण कार्य गुणवत्ता विहीन होने के कारण नगर परिषद की जमकर किरकिरी भी हो रही है। संविदाकार मनमानी तौर पर अपने हिसाब से कार्य करा रहे हैं। वही यहां इस दफ्तर में लिपिक भी नही है। लेखा एवं लिपिक का कार्य सीधी जिले के नगर परिषद मझौली में कार्यरत एक लिपिक के पास सरई नगर परिषद का अतिरिक्त प्रभार है। यहां के कार्य संबंधी नस्तियों को लेकर आउट सोर्स के तहत कार्यरत एक-दो कर्मचारी मझौली लेेकर आते-जाते है। वही स्वच्छता संंबधी एक भी स्टाफ नही है।
तीन महीने से कलेक्टर के यहां गया है प्रस्ताव
मौजूदा समय में नगर परिषद सरई का दफ्तर सामुदायिक भवन में अस्त-व्यस्त व्यवस्थाओं के बीच संचालित है। एक बड़े हॉल में लिपिकीय कार्य के साथ-साथ मिटिंग के लिए स्थान, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं सीएमओ के लिए टेवल-कुर्सियां लगा दी हैं। देखने से यह नही महसूस होता है कि यहां नगर परिषद का दफ्तर है। वही सूत्र बतातें हैं कि तकरीबन तीन महीने पूर्व कार्यालय भवन एवं स्टाफ के लिए आवासीय भवन समूद में रिक्त भूमि होने का प्रस्ताव सीएमओ द्वारा करीब तीन महीने पहले कलेक्टर कार्यालय में भेज दिया गया है। लेकिन अभी तक सीएमओ दफ्तर एवं स्टाफ आवासीय भवन के लिए जगह आरक्षित कलेक्टर कार्यालय से नही हो पाया है। जबकि सूत्र यह भी बताते हैं कि समूद में तकरीबन 15 एकड़ शासकीय भूमि है। यहां दफ्तर एवं आवास के लिए पर्याप्त जगह है।