किस बात की चिंता जब हमारे साथ श्रीरघुनाथ हो तो
एनसीएल ग्राउंड बिलौंजी में नौ दिवसीय श्रीराम कथा का हुआ सफल समापन, अंतिम दिन श्रोताओं ने भक्ति में रहे डूबे
जिला मुख्यालय के एनसीएल ग्राउंड बिलौंजी में अयोजित श्रीराम कथा समापन केअवसर पर नौवें दिन भगवान श्रीराम जी के राज्याभिषेक कीे महिमा की वर्णन कथावाचक श्री राजन जी महाराज ने कथा कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिये।
श्री राजन जी महाराज ने अपने मुखारबिन्दु से कथावाचक करते हुये कहा कि वृद्ध व्यक्ति जितना श्रेष्ट-चिंतन कर सकता है, युवान व्यक्ति उतना श्रेष्ट-चिंतन करने वाला नही है। इसलिए घर-परिवार में वृद्धजनों का आदर किया जाना चाहिए।
कोई भी समिति गठित हो तो उनमें दो-तीन वृद्धजनों को रखा जाए। यदि जवान-जवान लोग को केवल कमेटी में आ जाए तो जो समस्या वारता से सुलझ सकती है। वहां कपार फोड़ कर चले आएंगे। साथ ही श्री महाराज जी ने श्रीराम कथा का वर्णन करते हुये कहा कि श्रीराम जी ने ही विभीषण जी को प्रेरित करके जगाया, जहां श्री हनुमान जी रामकाज करने गए ये प्रसंग कहता है कि भगवान के काम में निकलना पड़े तो अकेले भी निकलिए। आपको चिंता नही करनी है। यदि आपका मार्ग धर्म का मार्ग है तो समय-समय, स्थान-स्थान पर भगवान ही आपको लोगों से जोड़ते जाएंगे और आपका सारा कार्य पूर्ण होता जाएगा। वही बताया कि भगवान ने विभीषण जी का राज्यतिलक लगाकर उनको लंका का राजा घोषित कर दिया। भगवान के शरण में रहिएगा, भगवान के भरोसे कही भी रहिएगा तो आनन्द में रहिएगा। साथ ही कहते हैं कि हमारे साथ जब श्रीरघुनाथ हो तो किस बात की चिंता ।
आगे बताते हुये कहा कि सत्यकर्म करने चलिये न तो कई बार जो आपको बहुत प्रेम करता है वही विलम्म बन जाता है। प्रेम के कारण कहा जा रहे हो, बहुत भीड़ है। लोग रोकें गे। लेकिन अपनी नीष्ठा बनाकर रखिए। श्री भगवान गोस्वामी तुलसीदास जी कहते हैं कि एक ही बार भगवान हनुमान जी वृक्ष घुमाये। सभी मर गए उसी वक्त। कुछ भटकते हुये रावण के पास पहुंचे। रावण बोला क्या हुआ। निपटा दिये। बोले की निपटा नही दिये। निपट गये। साथ ही आगे बताते हुये कहा कि श्रीमान जी ने सुर्सा को चकमा दे दिया। हनुमान जी महाराज बाहर आकर हाथ जोड़कर बोले मैं तुम्हारे पेट में से जाकर बाहर आया हॅू। सुरसा बोली मैं नही मान सकती। वही भगवान हनुमान जी बोले कि मैं प्रमाण दे रहा हॅू। जहां सुरसा मईया बोली मैं यहां आपको खाने नही आई हॅू। देवताओं ने मुझे आपके बल और बुद्धि का पता लगाने के लिए भेजा था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष अर्चना-नागेन्द्र पताप सिंह, निरीक्षक कपूर त्रिपाठी, हितेन्द्रनाथ शर्मा, रितिका शर्मा धीरज सिंह, सीखा सिंह, संतबहादुर सिंह, विद्यावारिधि तिवारी, आनन्द अग्रवाल, चन्द्रप्रकाश सिंह, हेजेन्द्र प्रताप शर्मा, राजेश दुबे, गौरव सिंह, एसडी सिंह, अवधेश सिंह चौहान, मानस अग्रवाल, सतीश सिंह, धु्रव सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, एके राय सहित अन्य मौजूद रहे।
प्रसाद ग्रहण करने भक्तों की उमड़ी भीड़
श्रीराम कथा समापन के उपरांत एनसीएल ग्राउंड बिलौंजी-बैढ़न में श्रीराम कथा आयोजन समिति सिंगरौली के द्वारा आज दिन बुधवार की दोपहर से विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जहां प्रसाद लेने बच्चे, बुजुर्ग महिला-पुरूष, युवक-युवतियां कतार में लग गए थे। देर शाम तक प्रसाद हासिल करने लोग अपने-अपने बारी का इंतजार करते रहे। वही आयोजन समिति के कार्यकर्ता पूरे मनोयोग के साथ लगे रहे। कोई भी श्रोता प्रसाद पाने से वंचित न रहे। इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा था। साथ ही इस दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजामात किये गये थे। पुलिस भी मौजूद रही। इसके अलावा आयोजन समिति के वॉलेन्टियर भी लगातार नौ दिनों तक पूरे तन-मन एवं धन तथा भाव-भक्ति के साथ कथा को सफल बनाने में जी जान से जुटे रहे।
श्रीराम कथा में इनका रहा सराहनीय योगदान
नौ दिवसीय श्री रामकथा के आयोजन को सफल बनाने में मुख्य रूप से मोरवा टीआई कपूर त्रिपाठी, नागेंद्र प्रताप सिंह, सतीश कुमार, सिंह चंद्र प्रताप सिंह दिग्विजय सिंह, धु्रव, राजेश्वरी पाठक, आनंद अग्रवाल, दीपू सिंह, धीरज सिंह, अंकित सोनकर, दीपक सिंह बघेल, अमिताभ सिंह परिहार, एसडी सिंह, अभय प्रताप सिंह, गौरव सिंह बघेल, मानस अग्रवाल, अंकित दुबे, अवधेश सिंह चौहान, प्रिंस सोनी, आकाश कुशवाहा, राजेश दुबे, संदीप शुक्ला, दीपक पाण्डेय, अमित सिंह परिहार, राजकुमार बैस, शुभम तिवारी प्रद्युम्न सिंह चौहान की सराहनीय भूमिका रही।