देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज यानी 14 नवंबर को 135वीं जयंती है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव प्रियंका गांधी ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की है। पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट के जरिए से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू को याद किया। उन्होंने
लिखा- इस अवसर पर मैं पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। वहीं राहुल गांधी ने जवाहर लाल नेहरू को आधुनिक भारत का जनक और संस्थानों का निर्माता बताया। उन्होंने उनको लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, निडर और दूरदर्शी बताया। राहुल ने अपने एक्स पर लिखा- आधुनिक भारत के जनक, संस्थानों के निर्माता, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू जी को उनकी जयंती पर सादर नमन। लोकतांत्रिक, प्रगतिशील, निडर, दूरदर्शी, समावेशी- हिंद के जवाहर के यही मूल्य हमारे आदर्श और हिंदुस्तान के आधारस्तंभ हैं और हमेशा रहेंगे। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने जवाहर लाल नेहरू को याद करते हुए
एक्स पर लिखा- दुनिया में जितनी भी बुराइयां हैं, डर उन सबकी बुनियाद है। दशकों के संघर्ष और असंख्य कुर्बानियों के बदले जब हमने आजादी हासिल की, तब भी ऐसे लोग थे जो भोली-भाली जनता को डराने और बहकाने की सियासत करते थे। पंडित नेहरू ने डटकर उनका मुकाबला किया और आम जनता से कहा कि डरो मत! प्रियंका ने आगे लिखा- जनता में डर फैलाने वाले लोग जनता के सच्चे प्रतिनिधि नहीं हो सकते। जनसेवक सीना तानकर सबसे आगे खड़े होते हैं ताकि लोग निडर होकर जी सकें। नेहरू जी ने जनता को हमेशा निडरता और नि:स्वार्थ सेवा की सीख दी तो दूसरी तरफ राष्ट्र निर्माण के हर पड़ाव पर जनता को सर्वोपरि रखा। आधुनिक भारत के निर्माता को सादर नमन। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जवाहर लाल नेहरू को उनकी जयंती पर याद करते हुए अपने एक्स पर लिखा, एकता मन और हृदय की होनी चाहिए, एक साथ रहने की भावना होनी चाहिए…।
खड़गे ने आगे लिखा- भारत को शून्य से शिखर तक पहुंचाने वाले, आधुनिक भारत के शिल्पकार, भारत को वैज्ञानिक, आर्थिक, औद्योगिक व विभिन्न क्षेत्रों में विकासशील बनाने वाले, देश को निरंतर विविधता में एकता का संदेश देने वाले, लोकतंत्र के निर्भीक प्रहरी व हमारे प्रेरणास्रोत, “हिन्द के जवाहर” की 135वीं जयंती पर हम उनके देश के प्रति अभूतपूर्व योगदान को याद करते हैं। उन्होंने जवाहर लाल नेहरू की लिखी किताब द डिस्कवरी ऑफ इंडिया का एक अंश साझा करते हुए आगे लिखा- मैं भारतीय जीवन की विविधताओं और विभाजनों, वर्गों, जातियों, धर्मों, नस्लों, सांस्कृतिक विकास के विभिन्न स्तरों से भी पूरी तरह परिचित था। फिर भी मेरा मानना है कि एक ऐसा देश जिसकी सांस्कृतिक पृष्ठभूमि लंबी हो और जीवन के प्रति एक समान दृष्टिकोण हो, वह एक ऐसी भावना विकसित करता है जो उसकी अपनी होती है और जो उसके सभी बच्चों पर छा जाती है, चाहे वे आपस में कितने भी भिन्न क्यों न हों..। यह भारत की यही भावना थी जिसकी मैं तलाश कर रहा था, बेकार की जिज्ञासा से नहीं, बल्कि इसलिए कि मुझे लगा कि यह मुझे अपने देश और लोगों को समझने की कुंजी दे सकती है। भी इसका लाभ देने के लिए तैयार है।