सीधी

आज मकर राशि में प्रवेश करेगा सूर्य,सोन एवं पवित्र नदियों के विभिन्न घाटों में लगेगा मेला…

आज मकर राशि में प्रवेश करेगा सूर्य,सोन एवं पवित्र नदियों के विभिन्न घाटों में लगेगा मेला…

सीधी: जिले में मकर संक्रांति का त्यौहार परंपरागत रूप से आज मंगलवार 14 जनवरी को मनाया जायेगा। मकर संक्रांति पर जिले में सोन नदी के गऊघाट, जोगदहा, भंवरसेन घाट, कोलदहा, भेलकी घाट के साथ ही अन्य पवित्र नदियों के तट पर जगह-जगह मेलों का आयोजन भी होगा। मकर संक्रांति के दिन लोग स्नान आदि के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करते हैं, इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व होता है।

मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाई जाती है। मकर संक्रांति के दिन लोग नए चावल से बनी खिचड़ी और तिल से बनी चीज जरूर खाते हैं। हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार पहली माघ को मनाया जाता है। मकर संक्रांति फसल से जुड़ा हुआ त्यौहार है जिसे सर्दियां समाप्त होने के साथ मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि सूर्य दक्षिणयान से मुडक़र उतर की ओर रूख करता है। ज्योतिष के अनुसार इस समय सूर्य उत्तारायण बनता है। मकर संक्रांति फसल से जुड़ा त्यौहार है और यह भारत के किसी एक राज्य तक सीमित नहीं है। मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है। इसके पीछे कोई धार्मिक महत्व नहीं है लेकिन सुबह के समय सूर्य की किरणें तेज होती है और पतंग उड़ाते समय धूप सेंकते हैं।

 

नदियों के घाटों में लगेगा मेला

 

मकर संक्रान्ति के पावन अवसर पर सोन, गोपद, बनास नदी एवं अन्य पवित्र नदियों के तटों पर मेला लगनें के चलते सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भारी संख्या में पुलिस बल की ड्यिूटी भी लगाई गई है। पुलिस कर्मी अपने ड्यिूटी स्थलों पर पहुंचने के लिए रिलीव कर दिये गये हैं। मकर संक्रांति का सबसे बड़ा मेला सीधी जिले में सोन नदी के कुर्रवाह, गऊघाट, कोलदहा, जोगदहा, भेलकी घाट एवं गऊघाट में तथा गोपद नदी के गोतरा में लगने के कारण यहां सर्वाधिक संख्या में पुलिस बल की ड्यूटी हर वर्ष लगाई जाती है।

मकर संक्रांति पर शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति का पुण्यकाल आज 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा जबकि समाप्त शाम 5 बजकर 46 मिनट पर होगी।
मकर संक्रांति का महापुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा। यह दोनों ही समय स्नान और दान के लिए शुभ है। इसके अलावा स्नान-दान के लिए मकर संक्रांति का पूरा दिन अच्छा माना जाता है। इस दिन सूर्य की उत्तरायण गति आरंभ होती है और इसी कारण इसको उत्तरायणी भी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, पूजा, जप-तप और दान करने का विधान है। शास्त्रों में निहित है कि मकर संक्रांति तिथि पर सूर्य देव उत्तरायण होते हैं। ये समय देवताओं के लिए दिन का होता है। इस दौरान प्रकाश में वृद्धि होती है। धार्मिक मत है कि मकर संक्रांति तिथि पर स्नान-ध्यान कर पूजा-पाठ करने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है।

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