ग्राम वासियों ने चुना जनप्रतिनिधि बनाया सरपंच अब तरस रहे बूंद-बूंद पानी को…
ग्राम वासियों ने चुना जनप्रतिनिधि बनाया सरपंच अब तरस रहे बूंद-बूंद पानी को…
सरकार की घर-घर नल जल से स्वच्छ पानी पहुंचने की योजना निकली खोखली…
सीधी सिंहावल राजबहोर केवट। सरकार के द्वारा स्वच्छ पानी हर घर नल जल योजना के तहत पानी पहुंचाने की योजना तो बनाएगी परंतु पानी की टंकियां शो पीस तक हीं सिमट कर रह गई।
आइए एक नजर डालते हैं जनपद पंचायत सिहावल अंतर्गत ग्राम पंचायतअमिलिया के विकास की ओर…
सिहावल जनपद पंचायत क्षेत्र अंतर्गत स्थित ग्राम पंचायत अमिलिया का एक मामला सामने आया है जहां मूल भूत जैसी सुविधा बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं ग्राम वासी ।
आपकों बता दें कि ग्राम पंचायत अमिलिया के महिला सरपंच के पुत्र के द्वारा पुरा पंचायत का निर्माण कार्य किया जाता है। साथ में रोजगार सहायक एवं सचिव भी सम्मिलित रहते हैं।
जिस निर्माण कार्य में बंदर बांट होने का पूरा खेल होता है उसी निर्माण कार्य पर पहली प्राथमिकता दी जाती है।
परंतु मूलभूत सुविधाओं जैसे पानी की व्यवस्था बनाना इनकी जिम्मेदारी नहीं बनती। खाली ग्राम वासियों से वोट हासिल करना ही इनकी जिम्मेदारी है।
सरपंच पुत्र संजय से जब पानी की समस्या को लेकर चर्चा हुई तो उनके द्वारा यह स्वीकार किया गया कि हमारे यहां की पूर्व जो सप्लाई थी पानी की व्यवस्था के लिए उसका मोटर पंप 10 दिनों से जला हुआ है और हम उसे बनवानें में असमर्थ है। जिसकी वजह से ग्राम पंचायत की जनता बूंद बूंद पानी के लिए मोहताज है।
वहीं सरपंच पुत्र के द्वारा यह भी कहा गया कि सरकार के द्वारा चलाई की नल जल योजना का निर्माण कार्य घटिया होने की वजह से ठेकेदार से हैंडोवर नहीं लिया जा रहा है।
यहां तक तो ठीक है लेकिन पुरानी नल जल योजना की जो सप्लाई बंद है वह तो सरपंच साहब आपकी जिम्मेदारी है उसका मोटर तो आप बनवा दीजिए। आपके जैसे हर गरीब परिवार के घर में बोर एवं फिल्टर का पानी पीने की क्षमता नहीं है। इसलिए कुछ तो सोचिए उस जनता के लिए जिसने आपको आपना कीमती बोट देकर कुर्सी में बैठाया हैं। क्या यही दिन देखने के लिए बैठाया है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि खबर प्रशासन के बाद सरपंच एवं सरपंच पुत्र के साथ-साथ सचिव एवं रोजगार क्या इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हैं या फिर वही कहानी दोहराई जाएगी की अपना काम बंता भाड़ में जाए जनता।