सीधी

अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता: राजेश।

अब भारतीय दंड संहिता की जगह भारतीय न्याय संहिता: राजेश।

अब पहली बार चोरी या शराब पीकर हंगामा करने पर जेल जाने की जगह करनी होगी समाज सेवा

फरार आरोपियों पर भी कोर्ट में चलेगा केस,सजा भी होगी 

सीधी जिले के थाना अमिलिया नवजात नगर निरीक्षक राजेश पांडे के द्वारा थाना क्षेत्र अंतर्गत आने वाले समस्त नागरिकों को नए कानून के बारे में जानकारी दी गई।

झमाझम बारिश के बीच लोगों में दिखा नए कानून को लेकर जानने की इच्छा यह पूरा कार्यक्रम श्यामलम् मैरिज गार्डेन
पता – सजवानी मेन मार्केट मैं आयोजित किया गया।

सीधी:- एक जुलाई से कानून अब भारतीय दंड संहिता नहीं बल्कि भारतीय न्याय संहिता कहलाएगी। इसमें सबसे बड़ा बदलाव यह हो गया है कि अपराध करने पर सीधे सजा न देकर पहले सुधरने का अवसर भी दिया जाएगा। इस नए कानून के तहत अगर कोई अपराधी पहली बार चोरी करता है और चोरी की कीमत 5 हजार रुपए या इससे कम है तो उसे जेल न भेजकर उससे समाज सेवा करने की सजा सुनाई जाएगी। इसके साथ ही शराब पीकर हंगामा करने या विवाद करने की स्थिति में 24 घंटे की जेल, 1हजार रुपए जुर्माना और समाज सेवा शामिल होगा। पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों का मानना है कि पहले के कानून में छोटी-छोटी सी गलती के लिए जेल भेजने का प्रावधान था, इससे पहली बार या मजबूरी में अपराध का रास्ता अपनाने वाले भी जेल में जाकर अपराधी बनकर बाहर आते थे। इससे अपराध में और ज्यादा वृद्धि हो रही थी। समाज सेवा करने से अपराध करने वालों में सुधार होगा।

सुनवाई पूरी होने के बाद 45 दिनों के अंदर सुनाना होगा फैसला…
नए कानून के तहत अब कोर्ट में सुनवाई प्रकिया पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखने के 45 दिनों के अंदर ही फैसला सुनाना होगा। इससे ज्यादा समय तक कोई भी फैसला अपने पास न्यायालय में नहीं रखे जा सकेंगे। इसके अलावा कानून में ई-एफआईआर को शामिल किया गया है। ई-एफआईआर किसी भी राज्य से कर सकते हैं। लेकिन आपको तीन दिन के अंदर संबंधित थाना में जाना होगा।

ऑनलाइन पोर्टल में अपलोड होगी पूरी सुनवाई
नए कानून में लोगों को सुनवाई से लेकर फैसले तक की पूरी जानकारी
मिलेगी। कोर्ट में सुनवाई पूरी होने से लेकर फैसले होने तक की सारी प्रकिया ऑनलाइन अपलोड होगी।

60 दिनों के अंदर पेश करनी होगी चार्जशीट
अपराध दर्ज करने के बाद और गिरफ्तारी होने के दिन से लेकर 60 दिनों के अंदर तक पुलिस को कैस की पूरी चार्जशीट न्यायालय में पेश करनी होगी। यह टाइम लिमिट तय की गई है, इसके अनुसार ही पुलिस को अपनी तैयारी करनी होगी।

जब्ती और गिरफ्तारी की होगी वीडियो रिकार्डिंग:-
अब पुलिस को अपने मोबाइल फोन से अपने सभी कार्यवाही की वीडियोग्राफी करनी होगी। इसमें सामान जब्ती से लेकर गिरफ्तारी तक की पूरी प्रकिया होगी।

महिलाएं 90 दिनों में ले सकेंगी जानकारी
नए कानूनों में महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के मामलों में जांच दो माह के भीतर पूरी करने की व्यवस्था की गई है। नए कानून के तहत पीड़ित को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा।

फॉरेंसिक टीम को जाना होगा घटना स्थल पर
7 वर्ष अथवा उससे अधिक की सजा वाले अपराधों में वैज्ञानिक साक्ष्य जुटाने के लिए फारेंसिक टीम को घटना स्थल पर जाना अनिवार्य होगा। हालांकि इस व्यवस्था को लागू करने के लिए पांच वर्ष की सीमा निर्धारित की गई है।

फरार आरोपियों का नहीं होगा इंतजार
फरार आरोपी के पकड़े जाने की संभावना कम है या नहीं के बराबर हो तो भी मामले की सुनवाई पूरी होगी और सजा भी सुनाई जाएगी। आरोपी के पकड़े जाने के बाद आरोपी को सीधा सजा भुगतना पड़ेगी। आरोपी जब भी पुलिस की गिरफ्त में आएगा तो उसे उसी वक्त जेल में भेजा जाएगा।

दंड में सख्ती और प्रकरण के निराकरण की समायावधि को कम करने से लाभ होगा। लेकिन फर्जी रिपोर्ट और काउंटर रिपोर्ट जैसे मामले में इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। इससे न्यायालय और अधिवक्ताओं पर वर्कलोड बढ़ेगा। नए धारा और प्रकिया को पढ़ने में पुलिस,अधिवक्ता और विधि के छात्रों को समय लगेगा।
केके शुक्ला
एडवोकेट जिला न्यायालय सीधी

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