53rd District of MP: आज से अस्तित्व में आएगा मऊगंज, बन जाएगा मध्य प्रदेश का 53वां जिला।
रीवा। रीवा से टूटकर तीन तहसीलों के साथ प्रदेश में 53वें जिले के रूप में मऊगंज जिला मंगलवार 15 अगस्त से अस्तित्व में आएगा। नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही राज्य सरकार ने जिले के पहले कलेक्टर और एसपी की पदस्थापना के भी आदेश जारी कर दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मार्च में मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा की थी। जिले में पहली बार विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ध्वजारोहण करेंगे।
जिले में होंगी तीन तहसीलें
जिले की तीन तहसीलें मऊगंज, हनुमना व नईगढ़ी का मुख्यालय अब मऊगंज जिला होगा। देवतालाब को भी तहसील बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। आगे चलकर नए जिले में चार तहसीलें हो जाएंगी। रीवा जिले में अब नौ तहसीलें रह जाएंगी। नए जिले में दो विधानसभा मऊगंज और देवतालाब हैं। जिले में 1070 गांव शामिल होंगे। जिले में पांच थाने मऊगंज, शाहपुर, हनुमना, लौर, नईगढ़ी के साथ तीन पुलिस चौकियां भी होंगी। एक नवंबर 1956 को गठित हुए रीवा जिले का पहली बार 67 वर्षों के बाद विभाजन हुआ है।
इन्हें बनाया गया मऊगंज का कलेक्टर और एसपी
रीवा से टूट कर तीन तहसीलों के साथ प्रदेश में 53वें जिले के रूप में मऊगंज को जिला की मान्यता दे दी गई है। इसकी आधिकारिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद गत 13 अगस्त को नोटिफिकेशन जारी हो गया है। रीवा जिले की तीन तहसीलों को मिलाकर मऊगंज को नया जिला बनाया गया है। नोटिफिकेशन जारी होने के साथ ही राज्य सरकार ने जिले के पहले कलेक्टर और एसपी की पदस्थापना के भी आदेश जारी किए हैं। मऊगंज जिले के पहले कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को बनाया गया हैं। इनके साथ पुलिस अधीक्षक की रूप में वीरेन्द्र जैन का पदस्थ किया गया है। ये एसएएफ की 8वीं वाहिनी छिंदवाड़ा के सेनानी के रूप में हाल ही में पदस्थ किए गए थे। वीरेन्द्र जैन इसके पहले रीवा में इओडब्ल्यू के एसपी रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मार्च महीने में घोषणा किया था कि प्रदेश के नए जिले के रूप में मऊगंज 15 अगस्त से अस्तित्व में आएगा। स्वतंत्रता दिवस लोग अपने नए जिले में मनाएंगे। सीएम की घोषणा के अनुसार समय सीमा पर जिला गठित करने की प्रक्रिया पूरी की गई और अब कलेक्टर-एसपी की पदस्थापना भी कर दी गई है।
1070 गांव के 616645 लोग नए जिले में होंगे शामिल
नए जिले में 1070गांव शामिल होंगे। इन गांवों में 616645 लोगों की जनसंख्या है। जिसमें मऊगंज तहसील में 189534, नईगढ़ी में 172247 और हनुमना में 254864 लोगों की जनसंख्या होगी। जिले में मऊगंज तहसील में 344, हनुमना में 343 और नईगढ़ी में 383 गांव शामिल होंगे। इस जिले में पांच थाने रहेंगे जिसमें मऊगंज, शाहपुर, हनुमना, लौर, नईगढ़ी के साथ तीन पुलिस चौकियां भी होंगी। आगे चलकर थानों का विस्तार और नई चौकियां खोलने की भी योजना है।
67 साल बाद रीवा का विभाजन
एक नवंबर 1956 को गठित हुए मध्यप्रदेश में रीवा जिले की बनाई गई सीमा में पहली बार 67 वर्षों के बाद विभाजन हुआ है। जिले की तीन तहसीलों को मिलाकर नया मऊगंज जिला बनाया गया है। मऊगंज को नया जिला बनाए जाने की मांग करीब चार दशक पहले उठी थी। उस दौरान सैद्धांतिक सहमति भी बन गई थी लेकिन राजनीतिक रूप से सहमति नहीं होने की वजह से घोषणा रुक गई थी। अब जिला गठन की सारी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद कलेक्टर-एसपी की पदस्थापना हो गई है। क्षेत्र के लोग लंबे समय से जिला गठन की मांग कर रहे थे, इसलिए वह अपनी जीत मान रहे हैं। नए जिले में 15 अगस्त से कामकाज शुरू हो जाएगा।
सबसे पहले इन्होंने उठाई थी मांग
जिला गठन की मांग में कई जनप्रतिनिधियों के साथ ही सामाजिक और व्यवसायिक संगठनों के लोग भी शामिल रहे हैं। सबसे पहले यह मांग मऊगंज के विधायक रहे रामधनी मिश्रा की ओर से की गई थी। उन्होंने जिला गठन के लिए कई जनसभाएं की थी और मुख्यमंत्री से भी मिलकर मांग रखी थी। वर्ष 1982 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को घोषणा करना था। उस दौरान महाराजा मार्तण्ड सिंह ने रीवा का बंटवारा किए बिना ही क्षेत्र का विकास करने की बात कही, जिसके चलते नए जिले की घोषणा रुक गई और कई वर्षों तक मांग भी नहीं हुई।
रीवा संभाग से टूटने वाला चौथा नया जिला
मऊगंज को जिला बनाए जाने के बाद रीवा संभाग से टूटने वाला यह चौथा नया जिला है। इसके पहले तीन नए जिले बनाए जा चुके हैं। पूर्व में शहडोल जिला भी रीवा संभाग में था, जिसे तोड़कर उमरिया और अनूपपुर दो नए जिले बनाए गए थे। इसके बाद शहडोल भी अलग संभाग बना दिया गया। इसके बाद सीधी जिले में सिंगरौली को नया जिला बनाया गया। संभाग में यह चौथा नया जिला अस्तित्व में आया है। अब रीवा संभाग में पांच जिले हो जाएंगे।
रीवा शहर बसने के पहले से आबाद रहा है मऊगंज
मऊगंज का ऐतिहासिक महत्व भी रहा है। रीवा रियासत स्थापित होने के पहले से यह क्षेत्र आबाद रहा है। ईसा के 500 वर्ष पूर्व की मूर्तियों के अवशेष मऊगंज की लोहदा नदी के किनारे मिले थे, जो अब दिल्ली के जेएनयू संग्रहालय में रखे हैं। साथ ही आजादी के पहले 1935से मऊगंज में कोर्ट संचालित है।
16 वर्ष पहले जिला निर्माण संघर्ष परिषद का हुआ था गठन
मऊगंज को जिला बनाने की मांग उस समय से तेज हुई जब इसके लिए कुछ लोगों ने एक समिति बनाकर आंदोलन को आगे बढ़ाया। 23 जनवरी 2007 से जिला निर्माण संघर्ष परिषद के बैनर तले आंदोलन शुरू हुआ था, अधिवक्ता संतोष मिश्रा की अगुआई में लगातार स्थानीय स्तर से लेकर राजधानी तक प्रदर्शन किए गए। इस आंदोलन ने जिले की मांग को जिंदा रखा जिसकी वजह से समय-समय पर विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को भी जिले की मांग को उठाना पड़ा।
सीएम की चौथी घोषणा के बाद बना जिला
मऊगंज के लोगों के मांग के चलते तीन बार पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मऊगंज को जिला बनाने की घोषणा कर चुके थे। 24 नवंबर 2008 को मलैगवां में चुनावी सभा, तीन अगस्त 2016 में एक कार्यक्रम के दौरान मऊगंज कालेज में और इसके बाद नवंबर 2018 में खटखरी में जिला बनाने की घोषणा की थी। इसके बाद चौथी घोषणा चार मार्च को मऊगंज में की और कहा कि इस साल स्वतंत्रता दिवस नए जिले में मनाया जाएगा और उसी के अनुसार जिला गठित हो गया।ॉ
ऐसा होगा मऊगंज जिला
– जनसंख्या—616645
– क्षेत्रफल— 186688 हेक्टेयर
– गांव— 1070(नईगढ़ी 383, मऊगंज 344, हनुमना 343)
– ग्राम पंचायत— 256
– पटवारी हल्का—264
– राजस्व सर्किल–12
– तहसील– मऊगंज, हनुमना, देवतालाब, नईगढ़ी।
– राजस्व अनुभाग– मऊगंज, हनुमना
– विकासखंड– मऊगंज, नईगढ़ी, हनुमना।
– विधानसभा क्षेत्र– मऊगंज और देवतालाब के साथ मनगवां का कुछ हिस्सा।